गायों के इतने शव-कंकाल कि भर गए 3 ट्रक,जानिए क्या है कारण ….

गायों के इतने शव-कंकाल कि भर गए 3 ट्रक,जानिए क्या है कारण ….

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल की जीवदया गोशाला सैकड़ों गायों की मौत की वजह से सुर्खियों में है। यहां गायों की मौत का सिलसिला अब तक नहीं थमा है। एक तरफ लगातार गायें लड़खड़ाकर गिर रही हैं, तो मृत गायों के शवों पर मक्खियां भिनभिना रही हैं। ये शव खुले आसमान में मैदान में फेंके जा रहे हैं। जिन्हें कुत्ते नोचकर खा रहे हैं।

गायों को लेकर हुए इस दर्दनाक खुलासे के बाद आनन-फानन में शव और कंकाल इकट्‌ठा करवाए गए हैं। मैदान में गायों के इतने शव-कंकाल पड़े थे कि 3 ट्रक भर गए। उधर, आंकड़ों में कोई हेरफेर तो नहीं की गई, इस बात की जांच के लिए एक प्रशासनिक टीम भी गोशाला पहुंची। जानिए क्या है पूरा मामला…

गायों की मौत और आंकड़ों से खुलासा

अखिल भारतीय सर्वदलीय गोरक्षा महाभियान समिति के गौरव मिश्रा ने पशुपालन विभाग से RTI के तहत जानकारी जुटाई। इसमें पता चला कि इस गोशाला में एक साल में 2131 गायें गायब हो गईं। रिकॉर्ड के अनुसार गोशाला में जनवरी 2022 में 1961 गायें थीं। इसकी पुष्टि खुद पशुपालन विभाग ने की है, जबकि नगर निगम ने सालभर में यहां 2236 गाय भेजीं। इनमें से 116 गायों की मौत हो गई।

पांच घंटे तक चला था हंगामा

रिकॉर्ड और गोशाला में मौजूद गायों के आंकड़े में बड़ा हेरफेर सामने आया। इसे लेकर सोमवार को गोशाला में पांच घंटे तक हंगामा भी चला। करणी सेना से जुड़े लोग और पशु प्रेमी मौके पर पहुंचे। इसके बाद जिला प्रशासन ने जांच कमेटी बनाई। वहीं, इसी दिन दो गायों के शवों का पोस्टमॉर्टम भी किया गया। एक गाय की मौत कैल्शियम की कमी से होना सामने आया। वहीं, दूसरी के पेट से बहुत सारी पॉलीथिन निकली। आंतों से पॉलीथिन का बड़ा सा गुच्छा निकला।

भोपाल के भदभदा स्थित जीवदया गोशाला से कुछ दूर खुले मैदान में रखे गायों के शव और कंकालों को उठाते ठेकेदार के कर्मचारी। मंगलवार को शव और कंकाल उठाकर आदमपुर खंती भेजे गए। 3 ट्रकों में शव और कंकाल आए।

भोपाल के भदभदा स्थित जीवदया गोशाला से कुछ दूर खुले मैदान में रखे गायों के शव और कंकालों को उठाते ठेकेदार के कर्मचारी। मंगलवार को शव और कंकाल उठाकर आदमपुर खंती भेजे गए। 3 ट्रकों में शव और कंकाल आए।

आंखों देखी: खुले-शेड में मरी मिली पांच गायें, दो दिन के बछड़े की भी मौत
तारीख- 31 जनवरी, दिन- मंगलवार

समय-सुबह के साढ़े 11 बजे।

दैनिक भास्कर की टीम भोपाल से करीब 25 किलोमीटर दूर स्थित जीवदया गोशाला में पहुंची। पहले दिन बुरे हालात मिले थे। उम्मीद थी कि दूसरे दिन हालात में कुछ सुधार हुआ होगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं दिखा, बल्कि झकझोर देने वाला मंजर दिखा। टीम सबसे पहले उस शेड में पहुंची, जहां गायों को रखा जाता है। आसपास के हिस्से में शेड है, जबकि बीच का हिस्सा खुला है। यहां पर कुछ गायों का एक झुंड था। इसके बीच ही दो गायें मृत अवस्था में पड़ी हुई थी। शव पर मक्खियां भिनभिना रही थीं। अंदर शेड में जाकर देखा तो दो और गायों को मरा हुआ पाया। पांचवीं गाय भी मरी हुई मिली।

गोशाला में मृत गायों के शवों को गाड़ी में भरकर ले जाते हुए ठेकेदार के कर्मचारी।

गोशाला में मृत गायों के शवों को गाड़ी में भरकर ले जाते हुए ठेकेदार के कर्मचारी।

कुछ ही देर में चमड़ा उधेड़ने और हडि्डयां ले जाने वाले ठेकेदार असलम कुरैशी के कर्मचारी गाड़ी लेकर गोशाला में पहुंचे। वे एक-एक करके मृत गायों के शवों को गाड़ी में भरने लगे। गाड़ी छोटी थी। इसलिए शव एक-दूसरे के ऊपर रखे गए। इन शवों को गोशाला से कुछ दूर खुले मैदान में फेंक दिया गया। एक शेड में महज दो दिन का बछड़ा भी मृत हालत में पड़ा मिला।

गायों की अधमरी हालत, खा-पी भी नहीं रही

शेड में 6 ऐसी गायें थीं, जो अधमरी हालत में पड़ी हुई थी। यहां तक कि वह हिल-डुल भी नहीं पा रही थीं। इन गायों की हालत ऐसी है कि वह न तो भूसा खा पा रही है और न ही पानी पी रही है।

थाने से फोन आया- 3 शव पोस्टमॉर्टम के लिए छोड़ें

गोशाला के बाहर करीब 300 मीटर एरिया में बिखरे गायों के शव, कंकाल और हड्डियों को समेटने का काम नगर निगम के ठेकेदार के कर्मचारी कर रहे हैं। पास ही बरखेड़ी अब्दुल्ला गांव के रेवेन्यू इंस्पेक्टर, सूखी सेवनिया थाने के दो कॉन्स्टेबल मौजूद हैं। सुबह करीब 11 बजे कॉन्स्टेबल के पास थाने से कॉल आता है। कहा जाता है- गायों के शव के कंकाल, हड्डियां , निगम के कर्मचारियों को उठाने दीजिए। जिन गायों के शव सही हैं, उनमें से 3 शव पोस्टमॉर्टम के लिए सुरक्षित रखें। दोपहर बाद गाय के इन शवों का पोस्टमॉर्टम होगा।

थाने से मिले निर्देश के मुताबिक कॉन्स्टेबल गाय के 3 शव छोड़ने के आदेश निगम के कांटेक्ट के कर्मचारियों को दे देते हैं। दूसरी ओर नगर निगम के ठेका श्रमिक खुले मैदान में बिखरी हुई गायों की हड्डियों, कंकाल और चमड़े को ट्रक में भरना शुरू कर देते हैं

आरोप- करणी सेना के कारण मची भगदड़ में कुचलने से बछड़ों की मौत हुई

मंगलवार को गोशाला में 6 से ज्यादा गायों की मौत हुई। इनमें 2 बछड़े भी शामिल हैं। गोशाला प्रबंधक नागर का आरोप है कि सोमवार को करणी सेना व अन्य लोग आए थे। इन्होंने जानवर छोड़े थे, इस कारण भगदड़ मची और कुचलने से जानवरों और की मौत हुई। बछड़ों को ज्यादा दूध पिला दिया। पुलिस ने आवेदन को जांच में लिया है। हालांकि, जिस वक्त यह घटना बता रहे हैं उस वक्त भारी पुलिस बल के साथ ही प्रशासन और पशु पालन विभाग के अधिकारी भी वहां थे। तब तो ऐसी कोई घटना नहीं हुई।

भोपाल की जीवदया गोशाला में मृत गायों के शव। मंगलवार सुबह 11 बजे यहां पांच गायों की मौत हो चुकी थी। इसके अलावा कई गायें अधमरी हालत में पड़ी हुई थीं।

भोपाल की जीवदया गोशाला में मृत गायों के शव। मंगलवार सुबह 11 बजे यहां पांच गायों की मौत हो चुकी थी। इसके अलावा कई गायें अधमरी हालत में पड़ी हुई थीं।

बदबू से आसपास के लोगों का जीना मुश्किल

खुले मैदान में पड़े गायों के शव सड़ांध मार रहे थे। बदबू के कारण आसपास रहने वाले लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। सड़क से गुजरने वाले लोग भी परेशान हैं।

सांसद ने लिखा सीएम को पत्र, जांच कराने की मांग

मामला सामने आने के बाद भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने सीएम शिवराज सिंह चौहान को एक पत्र लिखा। जिसमें उन्होंने प्रदेश में संचालित सभी गोशालाओं की जांच कराने और दोषियों पर कठोर कार्रवाई किए जाने की मांग की। सांसद ठाकुर ने सीएम से तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया है।

कांग्रेस का प्रतिनिधि मंडल भी पहुंचा

प्रदेश कांग्रेस कमेटी महामंत्री अवनीश भार्गव और मीडिया सेल उपाध्यक्ष उपेंद्र गुप्ता भी जीवदया गोशाला पहुंचे और यहां की अव्यवस्था देखी। भार्गव ने बताया कि मौके पर हड्डियों के ट्रक भरते मिले। शवों की खुले में चीरफाड़ की जा रही थी। हकीकत यह है कि गायों को खाने के लिए सूखी घास दी जा रही है, गायें भूखी मर रही हैं। इसकी रिपोर्ट हम कमलनाथ को सौंपेंगे।

भोपाल की सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा है।

भोपाल की सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा है।

एमपी में 1687 गोशालाओं में ढाई लाख गोवंश

मध्यप्रदेश में सरकारी और प्राइवेट मिलाकर कुल 1687 गोशाला है। इनमें करीब ढाई लाख गोवंश हैं। गोशालाओं को सरकार से 131.84 करोड़ रुपए अनुदान मिला है। ये राशि 28 दिसंबर 2022 को जारी हुई थी। प्रति गोवंश राशि 20 रुपए जारी होती है। इस मुद्दे पर कांग्रेस भी सरकार पर हमलावर हो गई है। आरोप लगाया कि गोमाता की भाजपा सरकार में भूख-प्यास से तड़पकर मौत हो रही है। इससे पहले भी बैरसिया (भोपाल) में भाजपा नेत्री निर्मला देवी शांडिल्य की गोशाला में भी सैकड़ों गायों की मौत हुई थी। FIR होने के बाद भी भाजपा नेत्री की गिरफ्तारी नहीं हुई।

आदमपुर खंती में भेजे शव और कंकाल

ठेकेदार कुरैशी ने बताया कि निगम कमिश्नर की कॉल आई थी। इसके बाद मौके पर पहुंचे और शव-कंकाल आदमपुर खंती में भेजे हैं। वे 25-30 साल से शव उठाने का काम कर रहे हैं। हर तीन साल में निगम से ठेका लेते हैं। पिछला ठेका साढ़े 7 लाख रुपए में लिया। इसके बदले जो चमड़ा और हड्‌डी निकलती है, उसे फैक्टरी में भेजते हैं। हालांकि, निगम को लिखकर दे दिया है कि 31 मार्च तक ही यह काम करेंगे।

प्रशासन की जांच में खामियां सामने आईं

उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं डॉ. अजय रामटेके ने बताया कि प्रारंभिक जांच में गोशाला संचालन में कई लापरवाही दिखाई दी है। गोशाला व्यवस्थित तरीके से चलाई जाना चाहिए। आंकड़ों में जरूर कुछ फेरबदल किए जाने की आशंका है। इसके चलते नगर निगम से जानकारी मांगी गई है कि पिछले एक साल में भोपाल की सभी 34 गोशालाओं में कितने पशु भेजे गए। शवों के निष्पादन को लेकर लापरवाही सामने आ रही है। गोशाला में मृत जानवरों के शवों को नियमानुसार गड्‌ढा खोदकर दफनाया जाना चाहिए था, लेकिन उन्हें खुले में ही फेंक दिया गया। मंगलवार को टीम जांच करने मौके पर पहुंची थी। गुरुवार को भी जाएगी और जांच करेगी। इसके लिए छह सदस्यीय कमेटी बनाई गई है।

गोशाला में गायों की संख्या में अंतर होने और उनकी मौत होने को लेकर करणी सेना और पेट लवर्स ने हंगामा किया था। इसके बाद जांच के लिए टीम बनाई गई, जो मंगलवार को भी गोशाला में पहुंची थी और जांच की थी।

गोशाला में गायों की संख्या में अंतर होने और उनकी मौत होने को लेकर करणी सेना और पेट लवर्स ने हंगामा किया था। इसके बाद जांच के लिए टीम बनाई गई, जो मंगलवार को भी गोशाला में पहुंची थी और जांच की थी।

इस बिंदुओं पर जांच

  • जनवरी 2022 से जनवरी 2023 तक यहां कितने गोवंश आए, कितने मृत हुए और कितने बचे इसकी जांच होगी।
  • संख्या के हिसाब से देखा जाए तो साढ़े चार हजार तक पशु होने चाहिए, जबकि गोशाला में इतने पशु नहीं है। वे कहां गए? क्या उनकी मौत हो गई, या फिर उतने पशु ही नहीं आए जितनी संख्या बताई जा रही है।
  • रिकॉर्ड में भी आंकड़ों में बड़ा अंतर आया है।

सुपरवाइजर बोला- हमसे बछिया मांगने आए थे

सुपरवाइजर रामदयाल नागर ने कहा कि विरोध करने वाले कई लोग पहले भी आते रहते हैं। कुछ दिन पहले महिलाएं आई थीं, जो गाय मांग रही थीं। हमने कुछ दिन बाद बछिया ले जाने की बात कही। जो बछिया थी, उन्हें पाल रहे हैं। उसके बाद महिलाओं ने कुछ नहीं कहा और चली गईंं। नागर ने बताया कि हड्‌डी और खाल बेचने पर कोई रुपए नहीं लेते हैं। सिर्फ डीजल का खर्च पांच हजार रुपए ठेकेदार देता है।

हंगामा करने वाले लोगों को लेकर सुपरवाइजर रामदयाल नागर ने गंभीर आरोप लगाए हैं।

हंगामा करने वाले लोगों को लेकर सुपरवाइजर रामदयाल नागर ने गंभीर आरोप लगाए हैं।

लोगों ने सोशल मीडिया पर शेयर किए वीडियो

बुधवार सुबह पशुपालन विभाग की टीम गोशाला में गायों की गिनती करने पहुंचेगी। इससे पहले मंगलवार रात को गोशाला के कर्मचारी आसपास के गांवों से गायों को भरकर गोशाला में ला रहे हैं। ग्रामीणों ने इनके वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किए हैं।

विधिवत डिस्पोज ऑफ किया जाएगा

नायब तहसीलदार मुकेश राज का कहना है कि नगर निगम ने अपने ठेकेदार को बोलकर मृत गायों के शव, हड्डियां और चमड़ा उठावाए हैं। इन्हें आदमपुर छावनी में ले जाकर विधिवत डिस्पोज ऑफ किया जाएगा।

वहीं, सूखी सेवनिया थाना प्रभारी वीपीएस सेंगर का कहना है कि मृत गाय, हड्डियां और चमड़ी की सुरक्षा करना हमारा काम नहीं है। प्रशासन के लोगों को पता होगा। भगदड़ में जानवरों के घायल होने से मौत होने संबंधी आवेदन मिला है। जांच की जा रही है।

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