वैचारिक युद्ध की लड़ाई हो रही, जिसमें शस्त्र का नहीं विचारों का हो रहा है प्रयोग…

वैचारिक युद्ध की लड़ाई हो रही, जिसमें शस्त्र का नहीं विचारों का हो रहा है प्रयोग…

अगले दो वर्षों में 100 वर्ष पूर्ण करने जा रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक के द्वारा वृहद पथ संचलन का आयोजन रविवार को शहर में किया गया। शहर में स्वयंसेवकों के द्वारा पथ संचलन उदयाचल से निकाला गया। वहीं ग्रामीण क्षेत्र से आए हुए स्वयंसेवकों का संचलन स्टेट स्कूल मैदान से निकला। शहर में जगह-जगह फूल बरसाए गए। स्वयंसेवकों के कदमताल आकर्षण का केंद्र रहे। दोनों संचलन में स्वयंसेवकों के इतने कदमताल मिले कि दोनों ही संचलन का ठीक एक समय पर गंज चौक में संगम हुआ जो कि आकर्षण का केंद्र बना। पथ संचलन का स्वागत कई स्थानों पर पुष्पवर्षा से हुआ। संचलन में बाल स्वयंसेवक भी आकर्षण का केंद्र रहे।

पथ संचलन के बाद बौद्धिक कार्यक्रम में कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे सिख समाज से करनैल सिंह भाटिया ने बताया कि हम वर्णों में बैठे हुए थे। गुरु गोविंद सिंह जी ने सबको एक कर के सिख धर्म की स्थापना की और उसे हमने दिनचर्या में लाया। जब देश में अंग्रेजों का शासन काल था और आक्रमण हुआ करते थे तब युद्ध शस्त्रों से लड़े जाते थे। आज वैचारिक युद्ध की लड़ाई हो रही है।

धर्म रक्षा के लिए अग्रसर किया: नारायण नामदेव
मुख्य वक्ता छत्तीसगढ़ के सह प्रांत प्रचारक नारायण नामदेव ने कहा कि भारत ऐसी भूमि है जहां राम, कृष्ण, मां बम्लेश्वरी, गौतम बुद्ध, महावीर जी, गुरु गोविंद सिंह जी ने जन्म लिया। ऐसी भूमि है जहां समर्थ गुरु रामदास, रामकृष्ण, रामकृष्ण परमहंस, चाणक्य जैसे गुरु मिले जिनके शिष्यों ने देश धर्म की रक्षा की। गुरु गोविंद सिंह जिन्होंने अपने पिताजी को बलिदान होने की प्रेरणा दी। मां के रूप में जीजाबाई जैसी मां मिली जिन्होंने अपने पुत्र को धर्म की रक्षा के लिए अग्रसर किया। भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस, चंद्रशेखर आजाद, वीर सावरकर जैसे क्रांतिकारियों ने पूरे समाज को प्रेरणा दी।

वर्ष 1925 में छोटी सी शाखा से हुई थी शुरुआत
इसी कालखंड में डॉ.हेडगेवार का भी जन्म हुआ जिन्होंने 1925 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की एक छोटी सी शाखा बच्चों को खेल खिलाने के माध्यम से प्रारंभ की और 1940 तक संपूर्ण देश में इसका विस्तार कर डाला। अपने अंतिम भाषण में डॉ.हेडगेवार ने स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि मैं आज भारत का लघु स्वरूप मैं देख रहा हूं और मेरा विश्वास है कि पूरे भारत में संघ का कार्य आगे बढ़ेगा और सभी प्रकार की चुनौतियों का सामना भविष्य में करेगा। नारायण नामदेव ने आगे कहा कि आज संघ को इंटरनेट मीडिया के माध्यम से जानने की आवश्यकता नहीं है। संघ को समझना है तो शाखा में आना पड़ेगा।

कोई भी काम एक दिन में समझ नहीं आता
उन्होंने कहा कि कोई भी कार्य एक दिन में नहीं समझ में आता। करते-करते हम सब सीखते हैं। संघ में ऐसा कोई नहीं कह सकता कि मैंने पूरा संघ समझ लिया है। स्वयंसेवक के जीवन में अंतिम काल तक सीखता ही रहता है। यह अनुभव का विषय है। आवश्यकता इस बात की है कि हमारी शिक्षा अपनी मातृभाषा में हो संस्कार युक्त शिक्षा की सबसे अधिक आवश्यकता है।

पू‌र्व सीएम रमन ने भी किया स्वयंसेवकों का अभिनंदन
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जिला राजनांदगांव के विराट पथ संचलन कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह द्वारा भारत माता चौक में भव्य स्वागत किया गया। स्वयंसेवकों पर पुष्पवर्षा कर उनका अभिनंदन किया गया। विदित हो की राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ द्वारा अपने शतकीय वर्ष के पूर्व अपने सेवको को जोड़ने व उनके अंदर उत्साह का संचार करने के लिए समय-समय पर पथ संचलन का कार्यक्रम किया जाता है। इसी कड़ी में राजनांदगांव में संघ के पथ संचलन में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डा.सिंह ने राजनांदगांव पहुंचकर भारतमाता चौक में सैकड़ों स्वयंसेवकों का अभिनंदन किया।

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