नर्मदापुरम नाम से मिलने लगी टिकट, जानिए… क्यों बदलना पड़ा नाम…

नर्मदापुरम नाम से मिलने लगी टिकट, जानिए… क्यों बदलना पड़ा नाम…

यूपी के CM योगी आदित्यनाथ की तर्ज़ पर मप्र में भी शहर, रेलवे-स्टेशन का नाम में बदलाव हो रहा है। CM शिवराज सिंह चौहान इतिहास में दर्ज इन शहरों की पुरानी पहचान, उनके नामों को दोबारा लौटा रहे है। इसी कड़ी में मप्र की जीवन दायिनी मां नर्मदा के तट पर बसे शहर होशंगाबाद यानि नर्मदापुरम को अपनी पुरानी पहचान लौटाई। करीब एक साल पहले 8 फरवरी 2022 को नर्मदा जयंती के दिन CM शिवराज सिंह चौहान ने नर्मदापुरम करने की घोषणा की थी। उसी दिन से शहर, जिले का नाम नर्मदापुरम हो गया था। लेकिन रेलवे-स्टेशन का नाम होशंगाबाद ही था। उसी नाम से अब तक संचालित हो रहा था। 28 जनवरी 2023 नर्मदा जयंती से होशंगाबाद रेलवे स्टेशन का नाम नर्मदापुरम ( NDPM ) हो गया है। 12 महीने बाद नर्मदा जयंती महोत्सव से पहले स्टेशन का नाम नर्मदापुरम करने का राजपत्र जारी हुआ। 28 जनवरी को पश्चिम-मध्य रेलवे जोन जबलपुर मुख्यालय से भी नर्मदापुरम करने के आदेश जारी हुए। जिसके बाद से रेलवे-स्टेशन के सभी बोर्ड पर नाम बदल दिए गए। रेलवे की जनरल टिकट, रिजर्वेशन टिकट पर भी HBD नहीं नर्मदापुरम व कोड NDPM दिखने लगा है। इसके साथ नर्मदापुरमवासियों को नया शॉर्ट नेम NDPM भी मिल गया।

गौरतलब है कि पिछले साल नाम बदले जाने के बाद से प्रक्रिया चल रही थी। होशंगाबाद स्टेशन का नाम अब नर्मदापुरम स्टेशन हो गया है। DRM सौरभ चट्टोपाध्याय ने बताया। स्टेशन का नाम को बदल दिए गए है। टिकट भी नए नाम से जारी हो रहीं है।

नर्मदापुरम करने की 30 साल पुरानी मांग हुई पूरी

होशंगाबाद शहर का नाम बदलकर नर्मदापुरम करने की मांग 1991 में सबसे पहले अभाविप ने उठाई थी। 30 साल पहले अभाविप के तत्कालीन जिला संगठन मंत्री किशोर पोनीकर ने होशंगाबाद नहीं “नर्मदापुरम कहो अभियान” चलाया था। 2006 में मुख्यमंत्री ने नर्मदापुर नाम करने की घोषणा की थी। प्रस्ताव भी भेजा गया लेकिन लेकिन राज्य व केंद्र में अलग-अलग पार्टी की सरकार होने के कारण इसे नामंजूर कर दिया गया था। प्राेटेम स्पीकर के मुद्दा उठाने के बाद लाेग फिर नाम बदलने के लिए एकजुट हुए। 7 दिसंबर 2020 को होशंगाबाद का नाम नर्मदापुरम करने के लिए नर्मदापुरम युवा मंडल व लोगों ने अभियान भी चलाया था। 7 फरवरी 2022 को सीएम ने अधिकृत घोषणा की। लेकिन रेलवे स्टेशन का नाम नहीं बदल पाया।

48 घंटे में हटाए थे नर्मदापुरम नाम के साइन बोर्ड

रेलवे स्टेशन पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा के बाद फरवरी 2022 में रेलवे के जिम्मेदार अधिकारी ने होशंगाबाद नाम के साइन बोर्ड हटाकर नर्मदापुरम के साइन बोर्ड लगवा दिए। रेलवे जोन मुख्यालय से आदेश के बाद पिछले साल 10 फरवरी 2022 48 घंटे में ही नर्मदापुरम के साइन बोर्ड वापस हटाकर होशंगाबाद के लगवा दिए गए थे। नर्मदापुरम के साइन बोर्ड लगाने में रेलवे में किस स्तर पर जल्दबाजी की गई थी। इसे रेलवे की तरफ से स्पष्ट नहीं किया गया था।

विधायक ने लिखा था पत्र, सांसद ने भी संसद में कहा

नर्मदापुरम होने के बाद भी रेलवे स्टेशन होशंगाबाद नाम और उसी कोड से ट्रेनों का संचालन हो रहा है। रेलवे स्टेशन का नाम नर्मदापुरम करने के लिए सोहागपुर विधायक विजयपाल सिंह राजपूत ने पिछले साल मार्च में रेल मंत्री काे पत्र लिखा था। जिसमें विधायक ने लिखा कि पवित्र नर्मदा नदी के तट पर बसे होशंगाबाद का नाम बदलने की घोषणा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 8 फरवरी 2022 को नर्मदा जयंती के दिन जलमंच से की। उसी दिन से होशंगाबाद का नाम ‘‘ जिला नर्मदापुरम’’ हो गया है। लेकिन स्टेशन का नाम नहीं बदला गया। सांसद राव उदय प्रताप सिंह ने भी संसद में उनकी सीट के आगे संसदीय क्षेत्र के नाम में होशंगाबाद के बजाय नर्मदापुरम लिखने की मांग कर चुके है।

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