रतलाम। बोदिना गांव की 3 हजार की आबादी बुधवार रातभर दहशत में रही। रात 8 बजे गांव में तेंदुए का मूवमेंट रहा। तेंदुआ रात 10 बजे एक घर में घुस गया। उसे देख मां और 17 साल की बेटी उसी समय घर से बाहर निकल आईं, लेकिन एक 12 साल का बच्चा घर में सोता रह गया। उसे निकालने के लिए दो लोग सीमेंट शेड हटाकर घर में उतरे और बच्चे को सुरक्षित निकाल लाए।
इंदौर और उज्जैन से वन विभाग की टीम पहुंची। गुरुवार सुबह 4 बजे से 5.30 बजे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चला। टीम ने तेंदुए को ट्रेंक्यूलाइज कर बाहर निकाला। वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार यह नर तेंदुआ है। बीमार भी लग रहा है। तेंदुए को पिंजरे में रखकर इंदौर ले जाया गया। वहां उसका मेडिकल चेकअप होगा। बोदिना गांव सैलाना इलाके में आता है।
गांव में दुकान के पास से रात 8 बजे बाइक से निकल रहे खोकरा गांव के जितेंद्र जमादार ने तेंदुआ देखा। उसने कॉल कर गांव के आशीष पाटीदार को बताया। गांववाले इकट्ठा हुए, तब तक तेंदुआ 700 मीटर दूर नई आबादी स्थित गोपाल हायरी के घर के बाहर जा पहुंचा। घर के बाहर शोर सुना तो गोपाल की पत्नी यशोदा और बेटी कुमकुम दरवाजे पर आईं। उन्हें घर के बाहर बने वॉशरूम की बरसाती के पास तेंदुआ दिखा तो घबराकर घर से बाहर निकल गईं। इतने में तेंदुआ घर में घुस गया।
गांववालों ने ऐसे किया बच्चे का रेस्क्यू
यशोदा ने लोगों को बताया कि उसका बेटा अमित तो घर में ही सोया है। इस पर गांव के दिनेश पाटीदार और समरथ पाटीदार ने हिम्मत जुटाई और घर की छत के चादर हटाकर अंदर उतरे। दिनेश ने तेंदुए की नजरों के सामने ही धीरे से बच्चे को उठाया। इतने में समरथ छत पर चढ़ गया। दिनेश ने छत पर खड़े समरथ को बच्चे को दे दिया। फिर वह भी पाट पकड़कर ऊपर चढ़ गया।
उज्जैन-इंदौर से बुलाई टीम, नगर परिषद ने पिंजरा भेजा
तेंदुए की खबर से तीन हजार की आबादी वाले इस गांव में हड़कंप मच गया। रेंजर सीमा सिंह ने बताया कि तेंदुआ घर में था। हमने घेराबंदी कर दी थी, ताकि वो किसी को नुकसान नहीं पहुंचा सके। पकड़ने के लिए उज्जैन और इंदौर राला मंडल से टीम को बुलाया गया। नगर परिषद अध्यक्ष चेतन्य शुक्ला ने रात 12 बजे पिंजरा भिजवाया। टीम के पहुंचने पर सुबह 4 बजे रेस्क्यू शुरू हुआ। डेढ़ घंटे में टीम तेंदुए को ट्रेंक्यूलाइज करने में कामयाब रही।
पहले भी क्षेत्र में तेंदुआ मचा चुका है आतंक
- 13 अप्रैल को सैलाना जनपद के ग्राम पंचायत चंदेरा के ग्राम बेड़दी में तेंदुए ने शिकार किया था। पांच बकरे-बकरियों को मारा।
- 18 मार्च को ग्राम पाटड़ी में पांच बकरे-बकरियों का शिकार किया।
- 21 मार्च को शिवगढ़ रेंज के ग्राम नक्कीपाड़ा में दो बकरियों का शिकार किया।
- 26 मार्च को ग्राम ओदरण में गाय के बच्चे को निशाना बनाया।
- 27 मार्च को इंदौर के राला मंडल की टीम तेंदुए को पकड़ने रतलाम पहुंची। सैलाना-शिवगढ़ रेंज में पिंजरे भी लगाए लेकिन सफलता नहीं मिली।
- 3 अप्रैल को पिंजरे हटा दिए और इसके बाद भी क्षेत्र में तेंदुए का मूवमेंट नजर आता रहा।