दमोह। गंगा जमना हायर सेकेंडरी स्कूल के परीक्षा परिणाम से जुड़े एक पोस्टर ने सांप्रदायिक रूप ले लिया है। इसमें हिंदू छात्राएं हिजाब की तरह दिखने वाला एक कपड़ा सिर पर लपेटे दिख रही हैं। इस पोस्टर के वायरल होने के बाद स्कूल पर धर्मांतरण के आरोप लगने लगे हैं। हालांकि, स्कूल संचालक का कहना है कि छात्राओं ने स्कार्फ बांध रखा है, जो यूनिफॉर्म का हिस्सा है। इसे स्कूल के सभी बच्चे पहन सकते हैं। किसी पर इसे पहनने का दबाव नहीं है।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने इस पोस्टर को लेकर ट्वीट किया। जिसके बाद दमोह कलेक्टर मयंक अग्रवाल ने जांच कराई है। धर्मांतरण जैसा कुछ सामने नहीं आया। हालांकि, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने जांच के आदेश दिए हैं।
कलेक्टर बोले- जांच में धर्मांतरण जैसा कुछ नहीं निकला
कलेक्टर मयंक अग्रवाल ने बताया कि मामले के सामने आने के बाद कोतवाली टीआई और कुछ अधिकारियों को मिलाकर एक टीम बनाई गई थी। टीम ने जांच के दौरान अभिभावकों से बात की। स्कूल प्रबंधन का भी पक्ष जाना। पूरे मामले में धर्मांतरण जैसा कुछ सामने नहीं आया।
स्कूल ने कहा- सिर पर पहना स्कार्फ स्कूल यूनिफॉर्म का हिस्सा
जांच टीम में शामिल दमोह कोतवाली टीआई विजय सिंह राजपूत ने बताया, ‘स्कूल प्रबंधन का कहना है कि स्कार्फ को हिजाब समझा जा रहा है। ये स्कार्फ स्कूल की यूनिफॉर्म का ही हिस्सा है। स्कूल संचालक मुस्ताक खान पहले भी यह बता चुके हैं कि स्कूल की यूनिफॉर्म में स्कार्फ शामिल है, लेकिन इसे पहनने के लिए किसी को मजबूर नहीं किया जाता है।’
स्कूल की मान्यता रद्द करने की मांग
हिंदू संगठनों ने बुधवार दोपहर में कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। इसमें शिक्षा अधिकारी द्वारा की गई जांच को गलत ठहराया गया है। स्कूल की मान्यता रद्द करने की भी मांग की है। ज्ञापन देने वाले लोगों में शामिल मोंटी रैकवार ने कहा कि हिंदू धर्म की बेटियों को हिजाब पहनने पर मजबूर किया जा रहा है। हिंदुस्तान में ये अपराध खुलेआम हो रहा है। ऐसे लोगों को सजा मिलनी चाहिए।
दोबारा बना रहे टीम, फिर होगी जांच
कलेक्टर मयंक अग्रवाल का कहना है कि गृह मंत्री के आदेश के बाद एक बार फिर जांच टीम बनाई जा रही है। इसमें तहसीलदार, जिला शिक्षा अधिकारी और पुलिस अफसर शामिल होंगे। टीम की रिपोर्ट मिलने के बाद उसे गृह मंत्री को भेजा जाएगा।