इंदौर जिले के 90 हजार छात्र-छात्राओं को 10वीं, 12वीं रिजल्ट का अभी तक इंतजार…

इंदौर जिले के 90 हजार छात्र-छात्राओं को 10वीं, 12वीं रिजल्ट का अभी तक इंतजार…

इंदौर। 10वीं-12वीं एमपी बोर्ड परीक्षा का रिजल्ट माध्यमिक शिक्षा मंडल गुरुवार को घोषित करेंगा, जिसमें इंदौर जिले से परीक्षा देने वाले करीब 90 हजार छात्र-छात्राएं सम्मिलित हुए थे। इन विद्यार्थियों की कापियां ग्वालियर में जांचने के लिए भेजी गई थी। 10 मई तक सारे जिलों में कापियों का मूल्यांकन पूरा हुआ।

महीनेभर बाद विद्यार्थियों के नंबर साफ्टवेयर में चढ़ाएंगे। अब मंडल ने रिजल्ट जारी करने की तैयारी कर ली है। गुरुवार को दोपहर 12.30 रिजल्ट घोषित होगा। साथ ही मेरिट विद्यार्थियों की सूची भी वेबसाइट पर आएगी। यहां तक कि प्रत्येक जिले में सबसे अधिक अंक लाने वाले छात्र-छात्राओं के नाम भी बताएंगे।

इंदौर जिले के 1400 सरकारी-निजी स्कूलों में पढ़ाने वाले विद्यार्थियों ने परीक्षा में आवेदन किया। 47 हजार दसवीं और 48 हजार बारहवीं में छात्र-छात्राएं थे। 147 केंद्र बनाए गए, जिसमें 64 सरकारी, 83 निजी स्कूल शामिल थे। निजी स्कूलों में से 24 संवेदनशील केंद्र भी थे। नकल प्रकरण रोकने के लिए चार उड़ानदस्ते दल को केंद्रों पर नजर रखने की जिम्मेदारी दी।

दोनों परीक्षाओं में सिर्फ एक नकल प्रकरण बना है, जबकि कई निजी स्कूलों को बनाए केंद्र में सामूहिक नकल करवाने की शिकायत अफसरों को मिली। पर कार्रवाई एक भी केंद्र पर नहीं हुई है। इसे लेकर अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल भी खड़े हुए।

यहां देखें रिजल्ट

मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल (MP Board) 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं का रिजल्ट एक साथ जारी करने वाला है। 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों को परीक्षा के बाद से ही इसका इंतजार था। गुरुवार को दोपहर 12.30 बजे यह इंतजार खत्म हो जाएगा। इंदौर को

बच्चे और अभिभावक 10वीं और 12वीं का रिजल्ट एमपी बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट www.mpbse.nic.in सहित www.mpresults.nic.in, https://mpbse.mponline.gov.in, www.jagranjosh.com, https://www.fastresult.in, www.examresults.net व www.examresults.net/mp पर देख सकते हैं। इन वेबसाइट के अलावा आप माध्यमिक शिक्षा मंडल का एप डाउनलोड कर उस पर भी अपना रोल नंबर डालकर देख सकते हैं।

एमपी बोर्ड 10वीं और 12वीं में केवल दो विषयों में फेल होने पर फिर से परीक्षा दे सकते हैं। दो से अधिक विषयों में फेल होने पर विद्यार्थी को अगले साल वापस परीक्षा होती है।

यह अंतिम परीक्षा नहीं

आम तौर पर देखा गया है कि परीक्षा परिणाम का तनाव बच्चों के साथ ही उनके अभिभावकों को भी रहता है। विशेषज्ञों के अनुसार बच्चों को किसी भी तरह के तनाव से बचना चाहिए हैं। बच्चे अच्छे अंक नहीं आने या कम प्रतिशत बनने या फेल व कंपार्टमेंट आने पर निराश हो जाते हैं और गलत कदम उठा लेते हैं। यदि परिणाम अच्छा नहीं भी आता है तो भी उन्हें कोई गलत कदम नहीं उठाना चाहिए। जीवन में यह अंतिम परीक्षा नहीं है। यह केवल एक पड़ाव है। जीवन में बहुत से लोग है जिन्होंने इस असफलता से उबरते हुए जीवन में नई ऊचाइंयों को छुआ है।

अभिभावक ज्यादा दबाव नहीं डाले

अभिभावकों को भी चाहिए कि वह बच्चों पर ज्यादा दबाव नहीं डालें और उन्हें अतिरिक्त तनाव से दूर रखें। अभिभावकों को चाहिए कि वह बच्चों को सामान्य रहने के लिए प्रोत्साहित करें और उन्हें समझाएं कि यहीं पर जीवन खत्म नहीं होता। उन्हें जीवन के अन्य पहलूओं के बारे में भी समझाइश दें। बच्चों को खुश रखने का प्रयास करें।

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