छात्रा से छेड़खानी के केस में जबलपुर पुलिस के कोई एक्शन नहीं लेने पर लॉ यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट ने सेना के अधिकारियों को पत्र लिखा है। यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ. नागराज ने आर्मी ऑफिसर्स को पूरी घटना की जानकारी देते हुए मामले में संज्ञान लेने की अपील की है।
घटना 21 मार्च की रात आर्मी कैम्पस की है। छात्रा डिनर के बाद अपने दो दोस्तों के साथ आ रही थी, तभी कार से आए दो लोगों ने उसका हाथ पकड़कर बदतमीजी की। साथ ही छात्रा को जबरन कार में बैठाने की कोशिश की। विरोध करने पर छात्रा के दो साथी छात्रों को भी पीट दिया। बताया जा रहा है कि आरोपियों की कार पर आर्मी लिखा था। पुलिस ने केस तो दर्ज कर लिया, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है।
पढ़िए, छात्रा की जुबानी….
21 मार्च, मंगलवार की रात 11.37 बजे मैं अपने दो दोस्त स्वप्निल और प्रतीक के साथ रेस्टोरेंट से खाना खाकर पैदल लौट रही थी। हम तीनों फुटपाथ पर चलते आ रहे थे। जैसे ही यूनिवर्सिटी के गेट के पास पहुंचे। लाल रंग की कार में दो लोग आए। हमें लगा कि कोई अधिकारी है। कार रुकी तो दो लोग उससे बाहर उतरे और बदतमीजी करते हुए पूछने लगे कि क्या कर रहे हो? कहां से आ रहे हो? हमने उनके हर सवाल का जवाब दिया। बताया कि लॉ के स्टूडेंट हैं। इसी बीच दोनों बोले कि चलो कार में बैठो। मैंने जब मना किया तो गालियां देने लगे।
मेरे दोस्तों ने विरोध किया, तो उनके साथ भी मारपीट की। जब हमने अपने मोबाइल से वीडियो बनाना शुरू किया तो हमारा मोबाइल तोड़ दिया। डार्क नीली शर्ट वाले व्यक्ति ने बुरी नीयत से मेरा हाथ पकड़ा और बोला कि कैसे कार में नहीं बैठेगी, देखता हूं…। मैं घबरा गई और अपना हाथ छुड़ाया। दोनों ही लोग मेरे दोस्तों के साथ गाली-गलौज करते हुए मारने लगे। मैंने जोर से चिल्लाया तो यूनिवर्सिटी के गार्ड आ गए, जिन्हें देखकर दोनों कार से भाग गए। उनकी कार का नंबर JH01 AH2406 है।
फाइनल ईयर की स्टूडेंट है छात्रा
छात्रा महाराष्ट्र के नागपुर की रहने वाली है और जबलपुर लॉ यूनिवसिर्टी में फाइनल ईयर में पढ़ रही है। छात्रा ने बताया कि घटना के बाद भी दोनों आरोपी अक्सर लाल कार से यूनिवर्सिटी के पास घूमते दिखते हैं। कैंपस से बाहर निकलने में डर लगता है। कार पर आर्मी लिखा था। गोरा बाजार पुलिस ने दोनों की जानकारी जुटा ली है, पर उनको अरेस्ट नहीं कर रही है। पुलिस ऑफिसर्स और यूनिवर्सिटी के कुलपति से भी शिकायत की है। आर्मी एरिया में भी हम सेफ नहीं हैं। छात्रा के साथी प्रतीक का कहना है कि शिकायत वापस लेने के लिए कई लोगों के कॉल आ रहे हैं। आरोपी यूनिवर्सिटी के पास खुलेआम घूम रहे हैं। प्रतीक उत्तरप्रदेश का रहने वाला है। स्वप्निल ग्वालियर का है। दो महीने बाद पढ़ाई पूरी कर तीनों अपने-अपने घर जाने वाले हैं।

दूसरे पक्ष ने भी SP से शिकायत की
पुलिस के मुताबिक, छात्रा के साथ अभद्रता करने वाले आर्मी के अधिकारी बताए जा रहे हैं। उन्होंने भी SP ऑफिस में शिकायत करते हुए बताया कि छात्र और उसके साथी आर्मी एरिया में संदिग्ध तरीके से घूम रहे थे, इसी बात को लेकर पूछताछ की थी। छात्रों के मुताबिक, आर्मी अधिकारियों के नाम सुनील और नीलेश भास्कर हैं। दोनों मेजर हैं। 1 STC (सिग्नल ट्रेनिंग सेंटर) जबलपुर में पदस्थ हैं। कार सतीश भास्कर के नाम पर रजिस्टर्ड है।
CSP तुषार सिंह ने बताया कि घटनास्थल आर्मी एरिया का है, इसीलिए आसपास के CCTV फुटेज के लिए आर्मी ऑफिसर्स को लेटर लिखा है। यूनिवर्सिटी डीन ऑफ स्टूडेंट वेलफेयर प्रवीण त्रिपाठी का कहना है कि बच्चे वेलिड आउटपास लेकर ही गए थे। 12 बजे तक हॉस्टल में आने का समय है और वे इससे पहले ही आ गए थे। स्टूडेंट्स के साथ हुई घटना गंभीर है।