कोरबा। इस बार शिक्षा का निश्शुल्क अधिकार(आरटीई) योजना के तहत प्रवेश नियमों में शासन ने व्यापक बदलाव किए हैं। स्कूलों को अपनी प्रारंभिक कक्षा में ही बच्चों को प्रवेश देने के निर्देश हैं। इस निर्देश का नतीजा यह कि स्कूलों की ओर से प्रस्तुत जानकारी में मौजूदा सत्र के लिए सीट संख्या भी घट गई है। बीते सत्र आरटीई के तहत सीटों की कुल संख्या जहां चार हजार थी, नए आंकड़ों के अनुसार केवल 2310 रह गई है। इस तरह नियमों में परिवर्तन के बाद करीब 1700 सीटें (1690) घट गई हैं, जिनमें सत्र 2023-24 के लिए बच्चों को निश्शुल्क दाखिले प्रदान किए जाएंगे।
आरटीई के तहत जरूरतमंद वर्ग के बच्चों को निजी स्कूलों की उम्दा पढ़ाई से जोड़ने प्रवेश प्रक्रिया तेज हो गई है। शिक्षा विभाग से सत्र 2023-24 के लिए जारी नए नियम में कहा है कि अब स्कूलों की क्षमता नहीं, बल्कि दर्ज संख्या के मुताबिक आरटीई की 25 प्रतिशत सीटों में प्रवेश दिया जाएगा। इसके पहले स्कूल की क्षमता के अनुसार से प्रवेश दिया जाता था। आरटीई के अंतर्गत सभी गैर अनुदान प्राप्त व गैर अल्पसंख्यक निजी स्कूलों के प्रारंभिक कक्षाओं में 25 प्रतिशत सीट बीपीएल परिवार के बच्चों के लिए आरक्षित होती हैं।
अधिनियम के तहत तीन से छह वर्ष तक के बच्चे किसी भी अशासकीय स्कूल की प्रारंभिक कक्षा में प्रवेश ले सकते हैं। चयनित छात्रों को 12वीं तक निश्शुल्क शिक्षा शासन की ओर से दी जाएगी। नियम में बदलाव किए जाने और यह नियम लागू होने से सीट संख्या पर भी बड़ा असर पड़ा है। शिक्षा विभाग के अनुसार पिछले शिक्षा सत्र में जिले के स्कूलों में आरटीई के तहत कुल 4000 सीटें थी। इस वर्ष सीटें घटकर 2310 हो गई हैं। प्रमुख रूप से आइटीई के तहत होने वाली अनियमितताओं पर रोक लगाने के लिए यह परिवर्तन किया गया है। शिक्षा का अधिकार के तहत गरीब बच्चों को स्कूलों में प्रवेश का समुचित लाभ मिले, इस दिशा में सख्ती बरतते हुए इस बार आरटीई के तहत छूट देने के नियम में बदलाव किया गया है।