मांडू की खूबसूरती के दीवाने हुए G-20 के मेहमान…

मांडू की खूबसूरती के दीवाने हुए G-20 के मेहमान…

जी-20 समूह के एग्रीकल्चर वर्किंग ग्रुप की तीन दिन की बैठक के बाद विदेशी गेस्ट्स ने इंदौरी जायके का मजा लिया। खासतौर पर रशियंस को इंदौरी नमकीन बेहद पसंद आया। इंदौर आए विदेशी मेहमानों को यहां की सफाई और स्वागत-सत्कार तो पसंद आया ही। उन्होंने मांडू दर्शन भी किया, उन्हें वहां की खूबसूरती भी खूब भा गई।

रशिया के सदस्य जी-20 समिट से लौटे तो उन्होंने होटल में एक बारात का स्वागत होते देखा। उन्होंने हिंदू रीति रिवाज से होने वाली विवाह की परंपराएं जानीं। हल्दी-मेहंदी और सात वचनों के बारे में भी जानकारी ली। रशिया के दल में शामिल पोलिना जिनडेव, टाटिआना वोलोडेको और कोनटानटिन तो इंदौर के नमकीन के दीवाने हो गए। रशिया का ये दल होटल रेडिसन में रुका है।

इटली से आई क्लाउडिया और ग्रेंजीलिया को इंदौर सफाई और स्वागत-सत्कार काफी अच्छा लगा। इटालियंस ने 56 दुकान पर कई डिशेज का लुत्फ उठाया। साथ ही सांवेर रोड पर एक ढाबे पर भी खाना खाया।

जी-20 सम्मेलन में शामिल होने आए विदेशी मेहमान को मांडू पहुंचे। यहां उनका जमकर स्वागत किया गया।

मांडू में कलाकारों के साथ थिरके मेहमान

जी-20 के सदस्य मंगलवार को मांडू भी पहुंचे थे। जहाज महल परिसर में अतिथियों के स्वागत में स्थानीय कलाकारों ने डांस किया। विदेशी मेहमान भी कलाकारों के साथ झूमने लगे। लगा भगोरिया की मस्ती अभी से छा गई है। यहां लाइट एंड साउंड का शो भी हुआ। कृषि समूह की बैठक में शामिल होने आए मेहमानों ने ग्राम सिलोटिया में किसानों से भी बात की।

सिंधिया बोले- देश की ड्रोन पॉलिसी तैयार, एक माह में जारी होगी

सम्मेलन के आखिरी दिन केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि देश में ड्रोन को लेकर पॉलिसी बन चुकी है। एक महीने में रेड जोन, यलो जोन और ग्रीन जोन तय होने के बाद इसकी गाइडलाइन भी जारी कर दी जाएगी। उन्होंने कहा था कि देश और दुनिया में एग्रीकल्चर इको सिस्टम बनाने के लिए थ्री-एस पॉलिसी पर काम करना होगा। थ्री-एस यानी स्मार्ट, सस्टेनेबल और सभी को सर्व कर पाने में सक्षम है।

फलों-सब्जियों में भारत दूसरे और अनाज में तीसरे नंबर पर

सिंधिया ने जी-20 देशों के प्रतिनिधियों से कहा कि मप्र सोया, दाल और लहसुन के उत्पादन में आज उभर चुका है। देश के सबसे पांच बड़े दूध उत्पादक राज्यों में मप्र भी शामिल हो चुका है। विश्व में दूसरे नंबर पर फल और सब्जियों के क्षेत्र और तीसरे नंबर पर अनाज के उत्पादन के रूप में हमारा स्थान है। इसमें 8 सालों में हम 265 मिलियन टन से 314 मिलियन टन तक पहुंच चुके है। कृषि को प्रोत्साहन देने से उत्पादन करीब 4.5 गुना बढ़ाकर 10.50 गुना मिलियन डॉलर आज हो चुका है।

विदेशी मेहमानों को इंदौर की आवभगत काफी पसंद आई। मांडू के जहाज महल परिसर में सेल्फी लेकर यहां की खूबसूरती कैप्चर की।

किसानों को पैदावार, टेक्नोलॉजी और मार्केटिंग से मिली नई राह

सिंधिया ने कहा एक थ्री-एस स्ट्रैटेजी एग्रीकल्चर इकोसिस्टम के लिए अपनानी होगी। एक ऐसी स्ट्रैटेजी विश्व के लिए जो स्मार्ट हो, जो सस्टेनेबल हो जो सभी को सर्व कर पाए। स्मार्ट के क्षेत्र में ड्रोन की टेक्नोलॉजी को इस्तेमाल करके की जा सकती है। कृषकों के लिए जहां एक तरह सहूलियत हो रही है, स्वास्थ्य की सुविधाएं मिल रही है वहीं दूसरी तरफ उत्पादन में बढोतरी हो सकती है। सस्टेनेबल में एक-एक किसान को पैदावार बढ़ाने के लिए क्षमता, टेक्नोलॉजी और मार्केटिंग के लिए इनपुट्स ये बजट के आवंटन के आधार पर भी हम लोग कर पाए हैं।

आज आखिरी दिन, ये सब हुआ

तीसरे दिन 5 सत्र हुए। सुबह बाइलेट्रल मीटिंग शुरू हुई। इसके बाद फूड सिक्योरिटी और न्यूट्रीशियन पर 12 बजे तक चर्चा हुई। दूसरे सत्र में सस्टेनेबल एग्रीकल्चर विद वलाइमेट स्मार्ट एप्रोच पर साढ़े 12 बजे से डेढ़ बजे तक चर्चा चली। शाम 5 बजे बैठक से मिले निष्कर्षों का ड्राफ्ट तैयार कर अगली मीटिंग में रखा जाएगा। आखरी दिन केंद्रीय कृषि विभाग की जॉइंट सेक्रेटरी शुभा ठाकुर, एडिशनल सेक्रेटरी डॉ. अभिलाष लिखी, जी-20 की जॉइंट सेक्रेटरी डॉ. स्मिता सिरोही ने संबोधित किया। 7 बजे से डिनर होगा।

क्लाइमेंट फाइनेंस पर हुई चर्चा

मनोज आहूजा, सचिव, कृषि एवम् किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने बैठक के बाद मीडिया से चर्चा में बताया कि इंदौर में हुई बैठकों में क्लाइमेट फाइनेंस के मुद्दे पर चर्चा हुई है। इसमें यह निष्कर्ष निकला की क्लाइमेट फाइनेनसिंग के लिए एक बेहतर वातावरण के निर्माण की जरुरत है। इसमें किसानों को नई तकनीक अपनाने के लिए फाइनेंस करने के साथ ही ग्रीन एग्रीकल्चर के लिए काम करने वाले किसानों को कार्बन क्रेडिट व अन्य तरीकों से आर्थिक मदद पहुंचाने की आवश्यकता सामने आई है। समिट में शामिल विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों ने इस मामले में अपने अनुभव साझा किए हैं। एक सवाल के जवाब में आहूजा ने कहा कि G-20 के अंतर्गत 20 देश आते हैं और इन देशों के बीच कृषि के क्षेत्र में कोई भी निर्णय आपसी सहमति से ही लिया जाता है। जहां तक भारत में कृषि और किसानों के लिए किए जा रहे नवाचार और योजनाओं की बात है तो हमने सदस्य देशों से इसकी जानकारी शेयर की है। इसी प्रकार अन्य देशों ने भी हमारी योजनाओं के बारे में अपनी राय रखने के साथ ही उनके देश में जो काम हो रहा है उसके बारे में बताया। इस पर अभी अगले दौर की चर्चा होगी और फिर आपसी सहमति से जो निष्कर्ष निकलेगा वो मंत्रालय के पास जाएगा।

सांसद लालवानी भी पहुंचे

जी 20 समिट के अंतिम दिन के पहले सत्र में इंदौर सांसद शंकर लालवानी भी पहुंचे। सांसद ने यहां कई डेलिगेट्स से बात की। खासतौर से इंदौर, मालवा निमाड़ और प्रदेश के कृषि, किसानों, क्रॉप पैटर्न, संभावनाओं जैसे विषयों पर बात की। सांसद लालवानी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि अमूल को दुग्ध संघ से जोड़ रहे, मत्स्य पालन, मिलेट्स को लेकर प्रयास किए जा रहे.. इसके अलावा मालवा निमाड़ और प्रदेश के किसानों की उपज को एक्सपोर्ट करने, पेरिशेबल कार्गो से उत्पादों को विदेश भेजने की दिशा में काम हो रहा है। इंदौर और आसपास के क्षेत्र में मिलेट्स की खेती, उत्पादन आदि को लेकर भी प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।
इंदौर के बाद ऐसा होगा बैठकों का दौर

इंदौर में जी-20 समूह में कृषि कार्य समूह की पहली बैठक डिप्टी स्तर के अधिकारियों की थी। दूसरी बैठक चंडीगढ़ में 29, 30, 31 मार्च को होगी। इसके बाद कृषि क्षेत्र से जुड़े सीनियर साइंटिस्ट की मीटिंग अप्रैल में वाराणसी में होगी। जून में कृषि मंत्री समूह की बैठक हैदराबाद में होगी। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अधिकारियों की माने तो यह क्रम हर विभाग के लिए हो रही जी-20 समूह की बैठक के लिए होगा। कृषि मंत्री समूह की बैठक के बाद निष्कर्ष निकलेगा, वह ड्राफ्ट फाइनल होगा।

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