इंदौर। एरोड्रम रोड़ पर शुक्रवार सुबह एक स्कूली वैन में आग लग गई। आग लगने से यहां भगदड़ मच गई। बीएसएफ कैंपस होने के चलते यहां से कर्मचारी निकलकर बाहर आए। वहीं सैर करने वाले लोग भी मदद के लिए पहुंचे। इस दौरान लोगों ने वैन में सवार 6 से ज्यादा बच्चों को सकुशल बाहर निकाल लिया था। बड़ा हादसा होने से बच गया। बताया गया है कि हमेशा इन बच्चों को ऑटो से स्कूल भेजा जाता था। ईद की छुट्टी के कारण अगले दिन ड्राइवर ने आज ऑटो के बजाय वैन भिजवा दी थी और पहली बार में ही यह हादसा हो गया।
घटना एयरपोर्ट रोड की है। सुबह गांधी नगर और आसपास के इलाके के बच्चे माणिकबाग स्थित एमएसबी एजुकेशनल इंस्ट्टीयूट स्कूल जा रहे थे। इस दौरान वेन के अंदर से अचानक धुआं निकलने लगा। इस दौरान स्टूडेंट्स घबरा गए। वैन के ड्राइवर ने गाड़ी को साइड में लगाकर तुंरत गेट खोला और बच्चों को बाहर निकाला। इतनी देर में वैन ने आग पकड़ ली। ड्राइवर अकेला पहले उसे बुझाने का प्रयास करता रहा। इसके बाद आसपास के लोग वहां पहुंचे ओर आग को बुझाने की कोशिश की। वहीं बीएसएफ कैंपस के अंदर से भी पानी लाकर आग पर काबू कर लिया गया। यहां कांग्रेस नेता गजेन्द्र वर्मा और पुरुषोत्तम यादव ने घबराए बच्चों को शांत किया।
परिवार के लोगों से की बच्चों ने बात
जानकारी के मुताबिक गाड़ी में आग लगने का कारण स्पष्ट नही हो पाया। लेकिन यहां बड़ी घटना होने से टल गई। घबराए बच्चों ने अपने परिजनों को कॉल किया। इसके बाद कुछ परिजन बच्चों को मौके पर आकर अपने साथ ले गए। एरोड्रम पुलिस के मुताबिक सुबह आग की सूचना मिली थी मामले में जानकारी निकाली जा रही है।
ईद के कारण नही आई थी ऑटो,पहले ही दिन वैन से गए
आग की घटना को लेकर भास्कर ने वैन में सवार बच्चे मलिक-उल-अश्तर हुजैफा कमलापुरावाला के पिता से बात की। बच्चे के परिजनों ने बताया कि वह 5th क्लास का स्टूडेंट है। यहां सुबह अन्य बच्चों के साथ स्कूल जा रहा था। चलती वैन के इंजन से धुआं निकलने लगा। बच्चे ने परिजन को बताया कि ड्राइवर अंकल ने उसे देखा तो गाड़ी एक तरफ लगाकर हमें उतार दिया। परिवार के लोगों ने बताया कि बच्चे ऑटो रिक्शा से स्कूल जाते थे। ईद के कारण शुक्रवार को ऑटो नहीं आई थी। इसलिए ड्राइवर ने वैन की व्यवस्था कर दी। आज पहली बार ही उससे गए थे। फायर बिग्रेड के मुताबिक जब तक वह मौके पर पहुंचे। आग बुझ चुकी थी। वैन का ड्राइवर उसे मौके से लेकर चला गया था। DCP आदित्य मिश्रा ने मामले में इस तरह की घटना को रोकने के लिए जांच करने की बात कही है।
पांच दिन पहले छात्रा बस से गिरी थी
इससे पांच दिन पहले भी एक स्कूल बस में हादसा हुआ। राजीव गांधी चौराहा पर खंडवा रोड जा रही क्वींस कालेज की बस से अचानक एक बच्ची नीचे गिर गई थी। समय पर पहुंचने की होड़ में न चालक-क्लीनर ने देखा न स्कूल के स्टाफ को ध्यान नहीं रहा। दोपहिया वाहन चालकों ने बस का पीछा किया और करीब डेढ़ सौ फीट दूर जाकर बस रोकी। बाद में बस का परमिट निरस्त कर दिया गया था।
ये है स्कूल वाहनों के लिए गाइडलाइन के मुख्य बिंदु
– स्कूल बस पीले रंग में होना चाहिए।
– बसों पर “स्कूल बस पीछे एवं अग्रभाग पर लिखा होना चाहिये, यदि अनुबंधित बस हो तो उक्त बस पर ‘ऑन स्कूल ड्यूटी” लिखा होना चाहिए।
– स्कूल बस में फर्स्ट ऐड-बाक्स अनिवार्य होना चाहिए।
– नियमानुसार निर्धारित स्पीड गवर्नर लगा होना चाहिये।
– बसों की खिड़कियों पर सरियों की हौरिजोंटल ग्रिल लगी होना चाहिये। बसों में अग्निशमन यंत्र की सुविधा होना चाहिये।
– बस पर स्कूल का नाम एवं टेलीफोन नंबर अंकित होना चाहिये। बसों में दरवाजों पर लगे हुये लॉक ठीक स्थिति में होना चाहिये।
– बस में प्रशिक्षित व शिक्षित परिचालक हो। बच्चों के स्कूल बैग को रखने के लिए सीट के नीचे पर्याप्त स्थान हो।
– किसी भी शिक्षक अथवा पालक को बस में सुरक्षा की जानकारी एवं मुआयना करने की सुविधा होना चाहिये। चालक के पास भारी यात्री चलाने का लाइसेंस होना चाहिये। बस पर ऐसा ड्रायवर नहीं रखा जायेगा जिस पर एक से अधिक बार रेडलाईट जंप में चालानी कार्यवाही की गई हो तथा अप्राधिकृत व्यक्ति से स्कूल वाहन नहीं चलवाया जा सकेगा। – ड्राइवर के ऊपर ओवर स्पीडिंग, नशा करके वाहन चलाने तथा खतरनाक तरीके से वाहन चलाने की यदि एक भी चालानी कार्यवाही की गई हो तो उसे स्कूल प्रबंधन स्कूल बस नहीं रखेगा।
– दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करने वाले स्कूली वाहनों के परमिट का नवीनीकरण नहीं किया जा सकेगा। स्कूल बसों के चालकों को यातायात के नियमों का पालन करना अनिवार्य है। – खिड़कियों पर परदे (कर्टेन) / अपारदर्शी फिल्म लगाना प्रतिबंधित होगा।
– छात्राओं को लाया या ले जा रहा हो तो उस बस में संबंधित स्कूल की महिला सहायक/शिक्षिका / महिला चालक (Female Driver) महिला परिचारक (Female Attendant) में से कोई भी एक की उपस्थिति बस में होना अनिवार्य होगा।