दिल्ली के समयपुर बादली इलाके से लापता हुईं तीन नाबालिग छात्राएं ग्वालियर के पड़ाव इलाके में एक होटल से मिली हैं। पुलिस ने जब पूछताछ की तो वह पहले से घूमने आने की बात कहती रहीं। पुलिस ने उनकी आईडी से एड्रेस लेकर संबंधित थाना में कॉल किया तो पता लगा कि उनके लापता होने की सूचना दर्ज है। जिसके बाद पुलिस ने सुरक्षा की दृष्टि से तीनों बच्चियों को निगरानी में लिया। घटना पड़ाव स्थित होटल मनहार की है।
किशोरियां मां के डांटने से नाराज होकर घर से भागकर आई थीं। घटना मंगलवार-बुधवार दरमियानी रात की है। बुधवार को किशोरियों के परिजन ग्वालियर पहुंचे और उनको ले गए। पुलिस यदि दस मिनट भी देर करती तो तीनों छात्राएं स्टेशन के लिए निकल रही थीं।
पड़ाव थाना प्रभारी पीएस यादव ने बताया कि एएसआई दुर्गाप्रसाद शर्मा, प्रधान आरक्षक अरूण मिश्रा, आरक्षक सत्येन्द्र तोमर पुलिस फोर्स के साथ रात होटलों में चेकिंग करते हुए एक निजी होटल में पहुंचे तो वहां पर तीन किशोरियां कमरे में मिलीं। जानकारी की तो किशोरियों ने बताया कि वह दिल्ली से घूमने के लिए आई हैं और रात दो बजे उनकी ट्रेन है, इसलिए होटल में ठहरी हैं।
उनकी उम्र और बातों से पुलिस को शंका हुई और उनकी आईडी चेक की तो पता चला कि वह दिल्ली की रहने वाली हैं। आईडी के आधार पर संबंधित थाने में बात की तो उनके होश उड़ गए, क्योंकि तीनों किशोरियां घर वालों द्वारा डांटे जाने पर नाराज होकर घर छोड़कर आई हैं और उनके गायब होने की शिकायत थाने में दर्ज है। इसका पता चलते ही पुलिस ने उनके परिजन को सूचना दी। परिजन बुधवार को ग्वालियर पहुंचे और बच्चियों को अपने साथ ले गए हैं। पुलिस ने पूरी एहतिहात और कन्फर्म करने के बाद बच्ची की सुपुर्दगी परिजन को दी है।
बच्ची घबराएं नहीं सिविल ड्रेस में साथ रहीं महिला पुलिसकर्मी
किशोरियों को थाने लाने पर उन्हें शंका हो सकती थी। साथ ही उनके परिजन और दिल्ली पुलिस के आने तक उन्हें सुरक्षित रखना था। उन्हें उनके घर से भागकर आने की जानकारी पुलिस को पता नहीं चलने का अहसास नहीं होने के लिए महिला कांस्टेबल प्रियंका मिश्रा व पिंकी राजपूत को सिविल ड्रेस में बुलाया और उनके साथ रखा। जब तक परिजन नहीं आए, तब तक महिला आरक्षक उनसे दीदी बनकर बात करती रहीं।
रात में ही निकल जातीं ग्वालियर से
बालिकाओं के परिजन व दिल्ली पुलिस के एएसआई विजय कुमार महिला पुलिस के साथ ग्वालियर आए और किशोरियों को निगरानी में लेकर रवाना हुए। पूछताछ में पता चला है कि रात में ही वह किसी ट्रेन से निकलने वाली थीं। यदि पुलिस दस मिनट की देर कर देती तो तीनों किशोरियां यहां से निकल जातीं। एक बार वह यहां से निकल जातीं तो उनकी लोकेशन पता लगाना मुश्किल था।
पुलिस का कहना
इस मामले में टीआई पड़ाव थाना प्रशांत यादव ने बताया कि दिल्ली में अपने परिजन से नाराज होकर आई तीन नाबालिग को दस्तयाब किया गया है। नाबालिगों के अपहरण का मामला दिल्ली में दर्ज था। दिल्ली पुलिस व परिजन नाबालिगों को लेकर रवाना हो गए है।