फर्जी दिव्यांग सर्टिफिकेट लगा बने गुरुजी, 77 शिक्षकों की गई नौकरी, आखिर क्या है मामला?

फर्जी दिव्यांग सर्टिफिकेट लगा बने गुरुजी, 77 शिक्षकों की गई नौकरी, आखिर क्या है मामला?

मुरैना। मध्य प्रदेश के मुरैना में फर्जी प्रमाणपत्र के सहारे नौकरी पाने का मामला सामने आया है. मामले के प्रकाश में आते ही शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया. यहां कई लोगों ने शिक्षा विभाग में टीचर की नौकरी पाने के लिए फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाए. जिसकी मदद से उन्हे सरकारी नौकरी मिल गई. पुलिस ने इस मामले में 77 टीचरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है. पुलिस ने मंगलवार रात मुरैना जिला शिक्षा अधिकारी एके पाठक की शिकायत के बाद सभी शिक्षकों पर केस दर्ज किया था. वहीं मामला सामने आने के बाद विभाग द्वारा इन सभी की सेवा समाप्त कर दी गई है.

दरअसल इस बड़े फर्जीवाड़े की शिकायत दिव्यांग संघ के प्रदेश प्रभारी हेमंत कुशवाहा ने निशक्तजन कल्याण विभाग में की थी. जिसके बाद ही ये पूरा मामला उजागर हुआ है. जानकारी के मुताबिक विभाग ने प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन कराया था. इस परीक्षा में 740 पद दिव्यांगों के लिए आरक्षित थे. हैरत की बात है कि अकेले मुरैना जिले से 450 दिव्यांगों के भर्ती होने का मामला सामने आया है. इसमें से ऐसे कई शिक्षक हैं जिन्होंने फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र लगाकर यह नौकरी हासिल की है.

77 के ऊपर एफआईआर दर्ज
निशक्तजन कल्याण विभाग के पास मामले की शिकायत आने के बाद लोक शिक्षण संचनालय के आयुक्त ने जांच के निर्देश दिए. जांच के निर्देश के बाद मुरैना शिक्षा अधिकारी ने जिला अस्पताल के सिविल सर्जन के साथ मिलकर जांच शुरू कर दी. इस दौरान अब तक 77 लोगों के दिव्यांग सर्टिफिकेट फर्जी पाए गए हैं. जिसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने थाने पहुंचकर आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज करवाया. बता दें कि इन सभी 77 आरोपी शिक्षकों की सेवा समाप्त करने के आदेश जारी हो चुके हैं.

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