दत्तक ग्रहण केंद्र में अनाथ बच्चों से मारपीट को गंभीरता से लेते हुए राज्य शासन ने सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। भास्कर में खबर प्रकाशित होने के बाद प्रोग्राम मैनेजर सीमा द्विवेदी को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसे पूर्व में माफ करने वाले जिला कार्यक्रम अधिकारी सीएस मिश्रा को सस्पेंड कर दिया गया। दत्तक ग्रहण केंद्र का संचालन कर रहे दुर्ग एनजीओ प्रतिज्ञा विकास संस्था को भी निलंबित किया गया है।
इधर, राज्य बाल संरक्षण आयोग ने सदस्य को कांकेर भेजकर जांच शुरू कर दी। उधर, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष जस्टिस गौतम भादुड़ी ने सभी जिला न्यायाधीशों को निर्देश दिए हैं कि जिला विधिक सेवा के सचिवों से ऐसे सभी केंद्रों की जांच करवाएं। इस मामले में कलेक्टर डा प्रियंका शुक्ला ने एफआईआर के आदेश जारी किए थे। इसके बाद महिला-बाल विकास अधिकारी आरके राठौर ने कोतवाली कांकेर में प्रोग्राम मैनेजर सीमा पर एफआईआर दर्ज की।
पुलिस ने मारपीट की धारा 323, किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 तथा एसटीएससी एक्ट की धारा 3 (2) (वीए) का केस दर्ज किया और दत्तक ग्रहण केंद्र पहुंचकर मैनेजर को गिरफ्तार कर लिया। जांच रिपोर्ट में पूर्व में पदस्थ जिला कार्यक्रम अधिकारी सीएस मिश्रा को इसलिए दोषी पाया गया, क्योंकि यह बात सामने आई कि इसकी शिकायतें पूर्व में उन तक पहुंची थी, लेकिन उन्होंने मैनेजर को माफ करते हुए शिकायतों को ठंडे बस्ते में डाल दिया।
इस मामले में लेनदेन की भी चर्चाएं थीं। मिश्रा वर्तमान में मानपुर-मोहला जिले में पदस्थ हैं। उन्हें सस्पेंड करते हुए राजनांदगांव अटैच कर दिया गया है। यही नहीं, केंद्र का संचालन करने वाली प्रतिज्ञा विकास संस्था दुर्ग को भी कार्य से निलंबित कर दिया गया है।
बच्चियों को बाल से पकड कर पटका…
सालभर से मारपीट की शिकायत करने वाले 8 कर्मियों को निकाला गया, सेंटर चलाने वाली एजेंसी भी सस्पेंड
मैनेजर सीमा द्विवेदी के खिलाफ बच्चों से मारपीट की शिकायतें लगातार आ रही थीं। बताया जाता है कि जो कर्मचारी मारपीट का विरोध करता था, मैनेजर उसे संस्था से निकाल देते थीं। सालभर में 8 कर्मचारी इसी तरह निकाले गए। इस बीच, भास्कर के पास मारपीट का वीडियो पहुंच गया। पड़ताल में यह बात भी सामने आई कि संस्था में बाहरी लोगों के आने पर रोक थी, लेकिन एक व्यक्ति आता-जाता था। तब वहां लगे सभी कैमरे बंद कर दिए जाते थे।
बाल आयोग भी करेगा जांच
छत्तीसगढ़ बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष तेजकुंवर नेताम ने कांकेर दत्तक ग्रहण केंद्र में बच्चियांे से निर्ममतापूर्वक मारपीट के मामले में खुद संज्ञान में लेकर दोषियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज करने के लिए कहा है। यही नहीं, आयोग ने सदस्य अगस्टीन बर्नाड को केंद्र में जाकर जांच के लिए कहा है।
प्रदेश में 13 केंद्र संचालन निजी संस्थाओं को
प्रदेश में 13 दत्तक ग्रहण केंद्र संचालित हो रहे हैं। इनमें 0 से 6 साल तक के करीब 119 बच्चे रहते हैं। बच्चों की देखरेख, भोजन-निवास के लिए संचालन कर रही एजेंसियों को प्रति बच्चा 3 हजार रुपए महीने से अधिक दिया जा रहा है। केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण का मुख्यालय दिल्ली में है। यह महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अधीन काम करता है। इसी तरह प्रदेश में ये एजेंसियां महिला एवं बाल विकास तथा समाज कल्याण विभाग के अधीन चल रही हैं। इनका चयन विभाग के जिला अधिकारी करते हैं। इन एजेंसियों के संचालन में प्रदेश सरकार 40 और केंद्र सरकार 60 फीसदी फंड देती है।
जस्टिस भादुड़ी के निर्देश- जिलों में ऐसे केंद्रों का हो निरीक्षण
बिलासपुर| राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष हाई कोर्ट जस्टिस गौतम भादुड़ी ने सदस्य सचिव के माध्यम से कांकेर विधिक सेवा प्राधिकरण को निर्देश दिए हैं कि कांकेर मामले में जांच कर रिपोर्ट भेजी जाए। यही नहीं, अगर एफआईआर होती है तो पीड़ित बच्चे क्षतिपूर्ति योजना के तहत क्षतिपूर्ति राशि दिलवाने में विधिक सलाह-सहायता दी जाए। जस्टिस भादुड़ी ने सभी जिला न्यायाधीशों तथा विधिक सेवा प्राधिकरण अध्यक्षों को निर्देश दिए हैं कि अपने जिले में चल रहे सभी बालगृहों और दत्तक ग्रहण केंद्रों का प्राधिकरण सचिवों से निरीक्षण करवाया जाए।