इंदौर। जिस बेटी को बाहर के लोगों की गंदी नजर से बचाने के लिए दो दिन पहले टीन शेड लगवाए थे उसे केवल इस बात पर मार दिया कि वो खाना-कपड़े मांगती थी। पड़ोसियों का कहना है कि वह इतना निर्दयी कैसे हो सकता है। वह अपनी बेटी को बहुत प्यार करता था। दो साल पहले आरोपी की पत्नी जब छोड़कर गई तो वह बड़ी बेटी को साथ ले आया था। वह बेटी को खाने के लिए रोज कुछ न कुछ लाता था। पुलिस का कहना है कि आरोपी पिता बार-बार बयान बदल रहा है। इस वजह से हत्या के कारणों का पता नहीं चल पा रहा।
यहां ली अपनी बेटी की जान
शनिवार को 8 साल की बेटी की हत्या के आरोप में पकड़ाए पिता को लेकर पड़ोसी भी संशय में हैं। जांच कर रही टीआई ने भी जब पूरा घटनाक्रम समझा और मौका मुआयना किया तो उनकी आंखों से भी आंसू निकल आए। दैनिक भास्कर ने पूरे मामले की विस्तार से पड़ताल की…
पहले पूरा मामला संक्षेप में समझ लीजिए
द्वारिकापुरी थाना इलाके के ऋषि पैलेस में रहने वाला राकेश (45) शनिवार शाम नशे में धुत होकर घर पहुंचा। यहां किसी बात पर उसने अपनी बेटी संध्या से मारपीट शुरू कर दी। उसने बच्ची को जमीन पर पटककर मार दिया। वह बचने के लिए चीखती-चिल्लाती रही लेकिन राकेश को रहम नहीं आया।
कुछ ही देर में संध्या निढाल होकर जमीन पर गिर पड़ी। राकेश संध्या के शव को कंधे पर रखकर ले जा रहा था। तभी रहवासियों ने देखा और उसकी धुनाई कर दी। पुलिस ने राकेश को गिरफ्तार कर लिया है।
जहां हत्या की वहां पहुंची पुलिस
ACP बीपीएस परिहार ओर TI अलका मेनिया रविवार दोपहर अपनी-अपनी गाड़ी से हत्याकांड वाली जगह पर पहुंचे। यह जगह घर से करीब एक किलोमीटर दूर है। जहां हत्या की वहां बहुत झाड़ियां है। यहां राकेश ने संध्या को खाली प्लॉट पर पत्थरों से मारकर मौत के घाट उतारा।
संध्या की हत्या के बाद राकेश झाड़ियों के बीच बैठा रहा। चूंकि आसपास के लोग जानते थे कि राकेश नशेड़ी है और वह अकसर वहां बैठा रहता है। इसलिए उसके यहां बैठे रहने पर किसी को शक भी नहीं हुआ। और चूंकि संध्या का शव जमीन पर पड़ा था इसलिए वह लोगों को दिखाई नहीं दी।
राकेश ने पुलिस को बताया कि संध्या ने उसकी आंखों के सामने ही दम तोड़ा। वह बचने के लिए चीखती-चिल्ला रही थी। वह मर नहीं गई तब तक मैं उसे मारता रहा। उसके मरने के बाद वहीं बैठ गया। उसे जमीन में गाढ़ने के लिए अंधेरा होने का मौका ढूंढ रहा था। लेकिन शाम करीब साढ़े सात बजे मेरा मन बदल गया। और मैं संध्या को कंधे पर उठाकर चल पड़ा। कहां जा रहा था पता नहीं।
TI की आंखो में भी आ गए आंसू
आरोपी पिता राकेश के घर जांच करने पहुंची द्वारकापुरी टीआई ने परिवार के बारे में पूरी जानकारी ली। आरोपी ने पहले संध्या के साथ घर पर मारपीट की। फिर उसे समझाने के बहाने अपने साथ ले गया। परिवार से कहा वह संध्या को पानी पुरी खिलाने ले जा रहा है।
जब पहुंचा आरोपी घर…
करीब तीन घंटे तक उसे अपने साथ लेकर घूमता रहा। वह राकेश से खाने को मांग रही थी। पानी पुरी की भी जिद कर रही थी। झाड़ियां देखकर उसने संध्या को पत्थर मारकर हत्या कर दी। इसके बाद शव के पास बैठा रहा। उन्हें बताया गया कि राकेश के छोटे भाई राजेंद्र की भी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है।
संध्या की मां प्रमिला भी इसी वजह से ढाई साल पहले परिवार दो बच्चों को छोड़कर चली गई थी। यह सब जानकारी लेने के बाद जैसे ही अलका मेनिया राकेश के घर से बाहर निकलीं तो उनकी आंखों में आंसू थे।
अब जानिए क्या बोला आरोपी राकेश को सबसे पहले पकड़ने वाला
उसे पकड़ने वाले युवक अतुल ने बताया कि राकेश लहूलुहान संध्या को अपने कंधे पर रखकर ले जा रहा था। उसके सिर से खून बह रहा था। लेकिन राकेश के चेहरे पर कोई शिकन नहीं थी। जब मैंने संध्या को इस हाल में देखा तो राकेश को रोककर पूछा। राकेश ने कहा ये उसकी बेटी है।
अतुल ने उसके सिर से खून निकलने का कारण पूछा तो राकेश ने कहा उसी ने अपनी बेटी को दचक-दचक कर मार दिया। इसके बाद कर्मचारी हरकत में आया और वहां मौजूद लोगों से मदद ली। सभी ने राकेश को पकड़ा और रस्सी से बांध दिया। अतुल ने डायल 100 को फोन कर घटनस्थल पर बुलाया।
राकेश को घर लेकर पहुंची पुलिस तो ये कहा परिवार ने
द्वारकापुरी पुलिस रविवार को आरोपी राकेश काजेरिया को लेकर उसके घर पहुंची। यहां राकेश की बहन सरिता और दूसरे रिश्तेदार मौजूद थे। बहन सरिता ने उससे पूछा कि तूने अपनी लाडो को क्यों मार दिया? तो राकेश सिर झुकाए नीचे खड़ा रहा। कुछ बोला नहीं। इसके बाद पुलिस ने यहां उससे बेटी के बारे में जानकारी ली। वहीं कुछ सामान जब्त किया और आरोपी को थाने ले गई।
तीन भाई बहन में सबसे बड़ी
राकेश की बहन सरिता ने बताया कि भाभी प्रमिला की मानसिक हालत भी ठीक नही थी। राकेश को वह छोड़कर चली गई थी। इस दौरान अपनी दोनो बेटी ओर बेटे आयुष को भी साथ ले गई। पुनासा के पास धनापोस ग्राम में राकेश का ससुराल है।
करीब दो साल पहले राकेश वहां पहुंचा पहले उसने अपनी पत्नी से साथ आने की जिद की। जब पत्नी प्रमिला आने के लिये राजी नही हुई तो राकेश ने तीन बच्चों में से एक बच्चा उसे देने की बात की। जिसमें पत्नी ने बड़ी बेटी को उसके साथ छोड़ दिया।
बेटी को रखता था बड़े प्यार से
राकेश के पड़ोसियों ने नाम नही बताने की शर्त पर बताया कि छोटा भाई राजेन्द्र की भी दिमागी हालत ठीक नही। राकेश खुद मजदूरी करता है। जिससे परिवार चलता था। पिता पुंजी की मौत के बाद पूरा परिवार बिखर गया। राकेश अपनी बेटी को बड़े प्यार से रखता था। उसके लिये हर दिन कुछ ना कुछ खाने के लिये लाता था।
उसे घर का खाना काफी कम खाने देता था। इतना ही नहीं दो दिन पहले उसने घर के बाहर टीन शेड लगाया था। उसका कहना था कि बेटी बड़ी हो रही है। घर के अंदर तक लोग देखते हैं, अच्छा नही लगता। पड़ोसी इस बात का खुद यकीन नहीं कर पा रहे कि राकेश ने अपनी बेटी की जान क्यों ले ली?
खाना मांगती, कपड़े मांगती, मैंने टंटा ही खत्म कर दिया
पुलिस को राकेश अलग-अलग कहानी बता रहा है। पहले उसने बताया कि वह कपड़े मांगती थी, खाना मांगती थी। इसलिये मैने हमेशा का टंटा ही खत्म कर दिया। वहीं फिर से अपने बयान बदलते हुए पुलिस को बताया कि वह बेटी को अपने साथ ले गया था। जिसमें बेटी ने उसे गाली दे दी। वह गुस्सा हो गया ओर इसके बाद उसने उसकी हत्या कर दी।
जहां सीसीटीवी लगे, वहां 10 मिनट पहले ही गुल हुई थी बिजली
जहां राकेश ने बेटी की हत्या की उस गली में दूर तक कैमरे नहीं है। गली से बाहर आने के बाद सीमेंट की दुकान पर कैमरे लगे हैं। पुलिस रविवार को यहां पहुंची। फुटेज चेक करने की बात कही। जहां राकेश को पकड़ा गया था वहां फैक्ट्री के दोनों ओर कैमरे लगे हैं।
लेकिन वहां से निकलने के 10 मिनट पहले ही इलाके की बिजली गुल हो गई थी। इसके चलते राकेश सीसीटीवी में नहीं दिखा। पुलिस ने बेटी को ले जाने के समय के टाईमिग मैच की तो दो जगह पर वह बच्ची को ले जाते दिखाई दे रहा है।