37 वर्षीय एक व्यक्ति ने एक निजी प्रसूति क्लीनिक में अपनी दो दिन की बच्ची को फर्श पर फेंक दिया। इससे बच्ची की तत्काल मौत हो गई। बताया जाता है कि दो बेटियों के बाद वह बेटा चाहता था, लेकिन बेटी होने पर उसने ऐसा कदम उठा लिया। उसकी पत्नी, शब्बो बेगम ने पुलिस में दर्ज कराई शिकायत में दावा किया कि उसका पति दो बेटियों के जन्म लेने के बाद उसके साथ क्रूरता करता था। पत्नी ने अपनी शिकायत में कहा, सोमवार को जब मैंने बच्ची को जन्म दिया, तो मेरे पति ने बच्ची को गोद में लिया और बुधवार को उसे फर्श पर फेंक दिया। बच्ची की मौत हो गई। उसने कहा कि शिशु को कुछ स्वास्थ्य समस्याएं थीं और डॉक्टरों ने उन्हें बेहतर चिकित्सा सुविधा वाले अस्पताल में बच्चे को स्थानांतरित करने की सलाह दी, लेकिन उसके पति ने मना कर दिया।
28 साल की शब्बो बेगम की शादी करीब पांच साल पहले सीमांत किसान 32 वर्षीय मोहम्मद फरहान से हुई थी। वह पूरनपुर कोतवाली थाने के सिरसा गांव में अपनी दो बेटियों के साथ रहती है। उसने आरोप लगाया कि जब वह गर्भवती थी, तो उसके पति ने उसे कई बार पेट पर मारा, फिर से लड़की को जन्म देने पर उसे ‘तलाक’ देने की धमकी दी।
हालांकि शब्बो की मां ने पुलिस में लिखित शिकायत की है, लेकिन अब तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है। शब्बो ने कहा, पुलिस पति के साथ समझौता करने और मामले को निपटाने के लिए दबाव डाल रही है। इस बीच, पूरनपुर कोतवाली के एसएचओ आशुतोष रघुवंशी ने कहा कि दंपति ने सौहार्दपूर्ण ढंग से मामले को सुलझा लिया है और पत्नी इस मामले में कोई पुलिस कार्रवाई नहीं चाहती है।
हालांकि, पत्नी ने एसएचओ के दावे का खंडन किया और कहा कि वह चाहती है कि उसके पति को सजा मिले। सीओ सुनील दत्त ने शुक्रवार को कहा, मैं मामले को देखूंगा और एसएचओ पर लगे आरोपों की जांच करूंगा। अगर पीड़ित प्राथमिकी दर्ज करना चाहता है, तो दर्ज की जाएगी।