इन्दौर। यह सक्सेस स्टोरी है इंदौर की प्राची त्रिपाठी की। तीन दिन पहले कर्मचारी चयन आयोग (SSC) एग्जाम में पांचवीं रैंक पाई है। गर्ल्स कैटेगरी में देशभर में टॉप किया है। प्राची को यह सफलता यूं ही नहीं मिल गई। तीन बार असफल हुई तो मन उखड़ गया। सोचने लगती थी कि मुझसे ना हो पाएगा। पापा का बिज़नैस जॉइन करने का सोचा तो कभी दूसरे जॉब की तलाश।
पहले रिजल्ट जान लीजिए
कर्मचारी चयन आयोग (SSC) भारत सरकार की संस्था है। 25 वर्षीय प्राची का रिजल्ट 13 मई को आया। प्री एग्जाम क्वालिफाई करने के बाद मेन्स 6 मार्च 2022 को हुई थी। मेन्स में 390 में से रॉ स्कोर 350 का रहा, जबकि नॉर्मल स्कोर करीब 370 के आसपास है। अगले दो से तीन महीने में प्राची की ज्वाइनिंग होना है।
आपको बताते हैं तीन बार असफलता मिलने के बाद भी प्राची ने कैसे अपने आप को मोटिवेट किया…
‘इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन करने के साथ ही तय कर लिया था कि मुझे इनकम टैक्स इंस्पेक्टर बनना है। जब SSC के बारे में पता चला था उस वक्त इसी पोस्ट के बारे में पता था। इसलिए इनकम टैक्स इंस्पेक्टर बनने का सपना देखने लगी। इंजीनियरिंग बैकग्राउंड होने से मैथ्स और इंग्लिश सब्जेक्ट में अच्छी पकड़ थी ही। 2019 में SSC के लिए कोचिंग जॉइन की।
इस दौरान रेलवे की एग्जाम भी दी। रेलवे की एग्जाम में सिलेक्शन हुआ, मगर मुझे तो इनकम टैक्स इंस्पेक्टर ही बनना था। SSC में 2019 में असफल रहने के बाद MPPSC की तैयारी करने का सोचा, मगर दोस्तों ने समझाया। इसके बाद 2020 और 2021 में फिर से SSC की एग्जाम दी, मगर मेरिट आउट रही।
तीन बार एग्जाम देने का बाद भी जब सफलता नहीं मिली तो उस वक्त बहुत डी-मोटिवेट हुई। उस समय ऐसा लगा कि इसमें कुछ नहीं हो सकता है तो पिता का बिजनेस जॉइन कर लूं या फिर अपना खुद का बिजनेस शुरू करूं। ये भी सोचा कि अगर बिजनेस नहीं करना है तो प्राइवेट सेक्टर में कोई जॉब देख लेती हूं।
डी-मोटिवेट होने पर दोस्तों का काफी साथ मिला। कॉलेज फ्रेंड तरुणा धूपकरिया के साथ ही दूसरे दोस्तों ने मुझे समझाया कि ऐसे हार नहीं मानी जाती। अपने सपने को ऐसे नहीं छोड़ सकती हो। दोस्तों के मोटिवेशन के बाद 2022 में फिर एग्जाम दी और आखिर मेहनत की जीत हो ही गई।
पढ़ाई से बोर हुई तो शॉपिंग की, मूवी देखी, घूमने चली गई
जब मैं SSC की तैयारी कर रही थी, उस वक्त मैं कोचिंग के अलावा MTH कंपाउंड में ओम नागपाल लाइब्रेरी जाती थी। दोस्त तरुणा के साथ वहां पर बैठकर SSC की पढ़ाई करती रही। करीब 8 से 9 घंटे हम दोनों वहीं पढ़ाई करते। जो कमजोर सब्जेक्ट रहते उस पर फोकस करते, मॉक टेस्ट देते।
सवालों को हल करते। इस लाइब्रेरी में जाने का एक कारण ये था कि यहां की लोकेशन अच्छी थी। वहां का पूरा माहौल, वहां की सभी चीजें सब कुछ अच्छा था। स्टडी मटेरियल हम घर से ही लेकर जाते थे। वहां बैठकर पढ़ने की आदत सी लग गई। घर से टिफिन साथ ले जाते और लंच भी वहीं करते थे।
जब ज्यादा पढ़ाई कर लेते या लगता कि आज पढ़ाई में मन नहीं लग रहा है तो फिर दोस्त के साथ ही घूमने चली जाती, कभी चाय पीने, कभी आइसक्रीम खाने, कभी शॉपिंग करने, कभी मूवी देखने। जब थोड़ा घूम लेते या मूवी देख लेते तो माइंड फ्रेश हो जाता और पढ़ाई में फिर अच्छे से मन लगने लगता।
चलिए अब जान लेते हैं प्राची की फैमिली के बारे में जिन्होंने उसका काफी साथ दिया
प्राची की फैमिली में उसके पिता महेश त्रिपाठी हैं, जिनकी सांवेर रोड पर इंडस्ट्री है। मां ममता त्रिपाठी है जो महिला पुलिस थाने में एएसआई है। छोटी बहन आस्था है। पिता ने बताया कि बेटी ने काफी मेहनत की है। इसमें उनकी मां का भी पूरा सहयोग रहा है। वह सुबह 5 बजे उठकर घर का सारा काम करके अपनी ड्यूटी पर चली जाती है। ड्यूटी के साथ ही परिवार का भी पूरा ध्यान रखा है।
भावुक हुए पिता, छलके आंसू
बेटी की सफलता देख पिता इतने भावुक हो गए कि उनकी आंखों से आंसू छलक उठे। साथ ही कहने लगे कि ये मेरे खुशी के आंसू है। हमने बेटियों को यहीं सिखाया है कि मेहनत करने वालों की हार नहीं होती है। आज बेटी की इस मेहनत का नतीजा है कि उसने परिवार का और इंदौर का नाम रोशन किया है।
SSC में एमपी से शायद ही किसी ने इतना स्कोर किया है। बेटी की इस सफलता के बाद परिवार में खुशी का माहौल है। दूर-दूर से रिश्तेदार उनके यहां मिठाई, गुलदस्ते भेज रहे हैं।