रायपुर। परीक्षा के तनाव को दूर करने के लिए हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम को संबोधित किया। कार्यक्रम में प्रदेशभर के छात्र, अभिभावक और शिक्षक वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े। कृष्णा पब्लिक स्कूल में पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने छात्रों के साथ बैठकर प्रधानमंत्री की बातें सुनीं। स्कूल की छात्रा अदिति दीवान ने प्रधानमंत्री से पूूछा कि मैं इस बात को लेकर चिंतित रहती हूं कि मुझे बहुत कुछ करना है, लेकिन अंतिम समय तक कुछ भी नहीं कर पाती हूं, क्योंकि मेरे पास बहुत सारे कार्य होते हैं। यदि मैं अपना कार्य समय पर पूरा कर भी लूं तो और ज्यादा परेशान हो जाती हूं, क्योंकि अन्य काम को करने में ज्यादा देर लगा देती हूं या तो उन्हें आगे तक के लिए टाल देती हूं। मैं यह जानने के लिए उत्सुक हूं कि मैं अपने सारे कार्य समय पर कैसे पूरे करूं?
प्रधानमंत्री ने कहा कि काम का ढेर क्यों हो जाता है? काम का ढेर इसलिए हो जाता है, क्योंकि उसे समय पर नहीं कर पाते हैं। काम करने से कभी थकान नहीं होती है। काम करने से संतोष मिलता है, काम न करने से थकान लगती है, क्योंकि सामने दिखता है कि बहुत सारा काम है और इसीलिए थकान होती है। डायरी पर लिखिए कि आप अपना समय कहां पर बिता रहे हैं। यदि पढ़ाई भी कर रहे हैं तो किस विषय के लिए कितना समय दे रहे हैं और उसका विश्लेषण कीजिए। आपके ध्यान में आएगा कि जो पसंद का विषय है, उसमें ज्यादा समय दे रहे हैं और उसी में खोए रहते हैं। जो कम पसंद का विषय है, उसे ज्यादा समय दें, जो ज्यादा पसंद के विषय हैं, उसे कम समय दें। प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि समय प्रबंधन सीखना है तो मां से सीखें। मां घर के सारे काम समय से कर लेती हैं, बच्चे को समय से स्कूल भेजने, उसके आने तक सभी काम समय से करती हैं। अपने लिए कुछ समय बचाकर आराम भी कर लेती हैं।
परीक्षा की तैयारी करने में मिलती है सहायता
छात्रों ने कहा कि जब हमारे बड़े या जिनका देश में नाम है, कुछ बताते हैं, समझाते हैं तो उसका लाभ होता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरफ परीक्षा की तैयारी के लिए जो छोटे-छोटे टिप्स दिए जाते है, इससे परीक्षा की तैयारी करने में बहुत सहायता मिली है। प्रधानमंत्री ने तनाव रहित तैयारी करने पर जोर दिया है।
जीवन में प्रतिदिन देनी पड़ती है परीक्षाएं
पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने कहा कि जीवन में प्रतिदिन किसी न किसी रूप में परीक्षा देनी पड़ती है, जो एक सतत प्रक्रिया है। चुनौतियों के समय हम सभी को आत्मविश्वास और तनावमुक्त रहना चाहिए।इस मौके पर सांसद सुनील सोनी, पुष्पेंद्र उपाध्याय, नंदन जैन, नंदकुमार साहू, प्राचार्य प्रियंका त्रिपाठी सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
1. आलोचना से घबराना नहीं चाहिए
केपीएस की दिव्यांशा जैन ने कहा कि परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम सुनकर बहुत अच्छा लगा। प्रधानमंत्री जी ने कहा कि आलोचना से घबराना नहीं चाहिए। उसे सकारात्मक भाव से स्वीकार करना चाहिए। माता-पिता या शिक्षक जब हमारी कमजोरी को बताते हंै तो हमंे लगता है कि वे हमारी आलोचना करते हैं। वे हमंे भविष्य के लिए तैयार करने के लिए हमारी कमियां बताते हैं।
2. हमें जो पसंद है, वही काम करें
केपीएस के एकांश शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री से स्मार्ट हार्डवर्क करने के लिए सीखा है। हर व्यक्ति की अलग-अलग काम करने की क्षमता होती है, जो काम पसंद हो, वही करें। उस काम को करने में अपनी पूरी ताकत लगा दें, जिससे सफलता जल्दी मिली है। परीक्षा को तनाव रहित देना चाहिए, जिससे बेहतर परिणाम आते हैं।
3. जिन सवालों से होती थी परेशान, उनके मिले जवाब
केंद्रीय विद्यालय की छात्रा भूविका सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री की बातें सुनकर बहुत फायदा हुआ। जो सवाल मुझे परेशान करते थे, उन्हीं सवालों को छात्रों ने पूछा। वही सवाल मेरे मन भी उठते थे, जिससे परेशान होती थी, उनके जवाब मिल गए, जिससे अब अच्छी तैयारी होगी।4. परीक्षा में पास होने का मिला बल
केंद्रीय विद्यालय के छात्र पी. बाबा रामबाबू ने कहा कि कार्यक्रम को देखने के बाद मुझे परीक्षा उत्तीर्ण होने का बल मिल गया। तनाव को दूर करने के तरीके भी पता चले।
5.अपनी क्षमता को पहचानेंगे, तभी सफल होंगे
केंद्रीय विद्यालय की अनुष्का भट्ट ने कहा कि अपनी क्षमताओं को परखकर उसके अनुकूल काम करेंगे, तभी बेहतर कर पाएंगे, जीवन में सफलता हासिल होगी। जब सामान्य व्यक्ति असामान्य काम करते हैं, तभी जीवन में ऊंचाई हासिल होती है।
6. कई उलझनों के उत्तर मिले
केंद्रीय विद्यालय के आदित्य साहू ने कहा कि परीक्षा को लेकर मेरे मन में कई तरह की उलझने चल रही थी, प्रधानमंत्री का कार्यक्रम सुनकर कई उलझनों का उत्तर मिल गया, परीक्षा में अच्छा करने की प्रेरणा मिली।