छतीसगढ। शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत जिले के पंजीकृत निजी स्कूलों में प्रवेश के लिए पहले चरण में ऑनलाइन 1383 आवेदन मिले हैं। शिक्षा विभाग के अनुसार दो नए स्कूल के पंजीयन के बाद सीटों की संख्या में इजाफा हुआ है। पहले 1357 सीट थी। जो अब बढ़कर 1451 हो गई है यानी इतनी सीटों के लिए प्रवेश प्रक्रिया चलेगी। पहले 167 निजी स्कूलों ने पंजीयन कराया था। अब 169 स्कूल पंजीकृत है। ऑनलाइन आवेदन करने अंतिम तारीख 10 अप्रैल निर्धारित की गई थी।
जिसके बाद अब ऑनलाइन आवेदनों का वेरिफिकेशन यानी जांच की जा रही है। नियुक्त नोडल अफसर की निगरानी में 11 अप्रैल से ऑनलाइन आवेदनों का वेरिफिकेशन किया जा रहा है। 11 मई तक वेरिफिकेशन करने का अंतिम तारीख निर्धारित है। वहीं 15 से 25 मई के बीच लॉटरी निकाली जाएगी।
लॉटरी में चयनित पात्र बच्चों को एडमिशन दिया जाएगा। प्रवेश के दूसरे चरण में ऑनलाइन आवेदन 15 जुलाई तक लिए जाएंगे। 25 जुलाई तक आवेदनों की जांच की जाएगी। जिसके बाद लॉटरी एवं सीटों का आवंटन 27 जुलाई से 2 अगस्त तक किया जाएगा। रिक्त सीटों में प्रवेश देने की प्रक्रिया 3 से 14 अगस्त तक तय किया गया है।
पिछले सत्र की तुलना में इस बार 438 सीटें घट गईं
शिक्षा का अधिकार 2009-10 से लागू है। विभागीय अफसरों, निजी स्कूल प्रबंधन का तर्क है कि हर साल लेटलतीफी होने की वजह से कई पालक अपने बच्चों का दाखिला सरकारी या दूसरे निजी स्कूलों में करवा लेते है। शिक्षा विभाग के अनुसार इस बार जिले के 5 ब्लॉक में 169 निजी स्कूलों ने पंजीयन कराया है। सभी पात्रता की श्रेणी में है। पिछले साल 162 पंजीकृत स्कूलों में 1889 सीटें थी। पिछले साल की तुलना में इस बार 7 पंजीकृत निजी स्कूल ज्यादा है लेकिन 438 सीटें कम है। हालांकि हर सत्र 40 से 50% सीटें खाली रह जाती है क्योंकि प्रवेश प्रक्रिया में देरी होती है। फिलहाल 11 मई तक वेरिफिकेशन करने का अंतिम तारीख निर्धारित है।
पिछले सत्र की तुलना में इस बार 438 सीटें घट गईं
शिक्षा का अधिकार 2009-10 से लागू है। विभागीय अफसरों, निजी स्कूल प्रबंधन का तर्क है कि हर साल लेटलतीफी होने की वजह से कई पालक अपने बच्चों का दाखिला सरकारी या दूसरे निजी स्कूलों में करवा लेते है। शिक्षा विभाग के अनुसार इस बार जिले के 5 ब्लॉक में 169 निजी स्कूलों ने पंजीयन कराया है। सभी पात्रता की श्रेणी में है। पिछले साल 162 पंजीकृत स्कूलों में 1889 सीटें थी। पिछले साल की तुलना में इस बार 7 पंजीकृत निजी स्कूल ज्यादा है लेकिन 438 सीटें कम है। हालांकि हर सत्र 40 से 50% सीटें खाली रह जाती है क्योंकि प्रवेश प्रक्रिया में देरी होती है। फिलहाल 11 मई तक वेरिफिकेशन करने का अंतिम तारीख निर्धारित है।
शिक्षा विभाग का नियम: आरटीई के तहत दर्ज संख्या के हिसाब से 25% सीटों पर प्रवेश
स्कूल शिक्षा विभाग ने शैक्षणिक सत्र 2023-24 से शुरू होने वाले आरटीई से प्रवेश देने के नियमों में बदलाव किया हैं। जिसके तहत निजी स्कूलों को दर्ज संख्या के हिसाब से 25 फीसदी सीटों पर आरटीई के तहत प्रवेश देने होंगे। स्कूल शिक्षा विभाग ने सिस्टम बनाया है कि आरटीई के दायरे में आने वाले निजी स्कूल खुद बताएंगे कि इस बार उनके यहां केजी-1, नर्सरी और क्लास-वन में कितनी सीटें हैं। इसके लिए स्कूलों की ऑनलाइन एंट्री 10 फरवरी से शुरू की गई थी। जानकारी मिलने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी अपने स्तर पर सत्यापन कर चुके है। हालांकि अभी कोई बता नहीं पा रहे है कि अलग-अलग वर्ग अनुसार कितनी सीटें है। 25 जुलाई तक आवेदनों की जांच की जाएगी। जिसके बाद लॉटरी एवं सीटों का आवंटन 27 जुलाई से 2 अगस्त तक किया जाएगा।