खरगोन। एक आदिवासी किसान ने खुद के अपहरण की झूठी कहानी रचकर खंडवा पुलिस को हैरत में डाल दिया। पांच दिन तक पुलिस उसकी तलाश में जुटी रही, वहीं अपहरण की कहानी रचने वाला किसान डेढ़ लाख रुपए की फसल बेचकर घूमने निकल गया। जब पुलिस की 10 से ज्यादा टीमें बैचेन होकर सीसीटीवी फुटेज और कॉल डिटेल खंगाल रही थी, तब किसान होटल में आराम फरमा रहा था। अगले दिन सुबह उठते ही रेलवे स्टेशन गया और गोवा एक्सप्रेस से महाराष्ट्र की तरफ चला गया।
घटना 11 अप्रैल मंगलवार की है, उस दिन खरगोन जिले की सनावद तहसील के गांव धुलवाड़ा का किसान अर्जुन बारेला गेहूं बेचने खंडवा मंडी आया हुआ था। मंडी में उसने दो ट्रॉली गेहूं बेचे, बदले में उसे करीब डेढ़ लाख रुपए नकद मिले। शाम 7 बजकर 50 मिनट पर उसने घर जमाई को फोन कर बताया कि, उसे चार लोगों ने बंदी बना लिया है। घटना खंडवा के पास स्थित नागचून-अहमदपुर खैगांव के रास्ते की बताई। इतने में घरवालों ने पुलिस को सूचना दी, अपहरण का मामला सुनकर पुलिस अफसर दंग रह गए। थाना मोघट रोड पुलिस बताए गए रास्ते पर पहुंची। उसी रात एसपी सत्येंद्र शुक्ल ने करीब 10 टीमें गठित कर किसान की तलाशी में लगा दी।
कॉल डिटेल तलाशी तो एक महिला से संपर्क में मिला
शहर पुलिस अधीक्षक (CSP) पूनमचंद्र यादव के मुताबिक, घटनास्थल के आसपास मौजूद रहवासियों ने विश्वास दिला दिया था कि कार सवार बदमाशों ने किसान का अपहरण किया है। इस पर पुलिस ने अपहरण का केस दर्ज कर किसान की तलाश शुरू कर दी। रात्रि में कोई सफलता नहीं मिली तो सुबह सायबर सेल की मदद से किसान के मोबाइल की कॉल डिटेल निकाली। पता चला कि, रात को उसने एक महिला मित्र से संपर्क किया था। पुलिस ने उस महिला से संपर्क कर पूछताछ की तो उसने बताया कि, उसके पैर दर्द होते है और किसान अर्जुन बारेला दवाई देता है। इसलिए उससे मिलने के लिए रेलवे स्टेशन के पास गई थी।
इधर, पुलिस ने आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो वह मार्केट में बाइक से घूमते हुए दिखा। लेकिन वह खुद की बाइक को अहमदपुर खैगांव के रास्ते में पटककर आ गया था। किसी परिचित की बाइक पर घूम रहा था। इसके बाद पुलिस ने होटल-लॉज वालों से रिकॉर्ड मांगा तो पता चला कि किसान अर्जुन बारेला ने स्टेशन रोड पर स्थित होटल आरजे पैलेस में रात गुजारी। होटल के सीसीटीवी फुटेज में वह अकेला ही नजर आया। दूसरे दिन सुबह के फुटेज देखे तो वह होटल से चेकआउट करके रेलवे स्टेशन पहुंच गया। स्टेशन के सीसीटीवी फुटेज में टिकट खरीदते हुए दिखा। कुछ देर बाद वह प्लेटफॉर्म पर पहुंचा। जहां से गोवा एक्सप्रेस में बैठकर महाराष्ट्र की तरफ निकल गया।
गमछे से छुपा रहा था मुंह, अपहरण की कहानी झूठी
पुलिस के अनुसार, अपहरण से जुड़ा होने की वजह से केस में बारीकी से जांच की। कई तकनीकी साक्ष्यों पर काम किया। सीसीटीवी फुटेज में साफ नजर आया कि किसान अर्जुन बारेला खुद का मुंह छुपाकर घूम रहा था। ताकि, उसकी साजिश का पर्दाफाश न हो सके। लेकिन मार्केट से लेकर होटल और रेलवे स्टेशन के कैमरों में उसके साथ कोई अन्य शख्स नहीं दिखा। यानी किसान के अपहरण की कहानी झूठी निकली। कुल मिलाकर उसे फसल के रुपए मिले तो वह घर जाने की बजाय रफू-चक्कर होना चाहता था। परिजनों के मुताबिक महाराष्ट्र के भुसावल में उसकी रिश्तेदारी है।
तलाश में पूरा पुलिस महकमा होता रहा परेशान
जिस किसान अर्जुन बारेला ने खुद के अपहरण की साजिश रची, तो उसे ढूंढने के लिए पूरे पुलिस महकमे को परेशान होना पड़ा। शहर के तीनों थानों की पुलिस दो दिन तक बैचेन रही। कोई थानेदार रात को सोया नही। मुखबिर तंत्र ने भी पूरी कोशिश की, लेकिन समय रहते सफलता हाथ नहीं लगी। जब किसान खंडवा की बॉर्डर पार कर गया, तब तकनीकी साक्ष्य हाथ लगे। टीआई ब्रजभूषण हिरवे के अनुसार, किसान के अपहरण की कहानी तो फर्जी है लेकिन उसे तलाशने की कवायद अब भी जारी है। उसके मिलने के बाद ही केस को क्लोज किया जा सकेगा।
7 बेटियां, एक शादीशुदा, घर जमाई है दामाद
45 वर्षीय अर्जुन बारेला के परिवार में उसकी पत्नी, 7 बेटियां और एक 7-8 माह का बेटा है। एक बेटी की शादी हो चुकी है। बाकी कम उम्र की हैं। जिस बेटी की शादी हुई है उसका पति प्रदीप चौहान घर जमाई बनकर रहता है। ससुर-दामाद दोनों मिलकर खेती करते हैं। खुद के पास जमीन कम है लेकिन गांव में दूसरे किसानों की जमीनें लीज पर ले लेते हैं। सिंचित जमीनें होने से फसल उत्पादन अच्छा होता है। दामाद प्रदीप चौहान ने बताया कि, ससुर का परिवार में किसी से कोई विवाद नहीं है। ना ही पैसे के हिस्से-बंटवारे की कोई बात थी। परिवार की बागडोर उन्हीं के जिम्मे है। वे भागकर कहां गए हैं, क्या वजह है, इस बात से हम खुद वाकिफ नहीं हैं।