शिवपुरी जिला अस्पताल के बाहर गुरुवार सुबह नाले में अमानवीय हालातों में मिले नवजात बच्ची के शव मामले में उसकी मां का पता चल गया है। बच्ची के पैर में बंधी पट्टी में उसकी मां का नाम लिखा था। इसी नाम को सर्च करते हुए कोतवाली पुलिस बच्ची की मां तक पहुंची। बच्ची की मां का कहना है कि बेटी की मौत के बाद वे कई घंटे शव को लेकर घूमते रहे, लेकिन दफनाने की कोई जगह नहीं मिली, रात में एक लड़के ने 200 रुपए लेकर उसे नाले में दफनाया, लेकिन उसने अच्छी तरह से मिट्टी नहीं दबाई।
20 मार्च को हो गई थी बच्ची की मौत
नवजात बच्ची के पैर पर लगी पट्टी पर उसकी मां का नाम रामदेवी लिखा हुआ था। इसी नाम को लेकर जब जिला अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर दिनेश मंगल ने बात की गई तो उन्होंने बताया कि नया आमोला की रहने वाली प्रसूता रामदेवी पत्नी गिरीश लोधी ने 20 मार्च को सुबह 6 बजकर 8 मिनट पर बच्ची को जन्म दिया था। बच्ची की हालत नाजुक थी। एसएनसीयू में बच्ची का उपचार किया जा रहा था, लेकिन रात 8 बजकर 50 मिनट पर उसकी मौत हो गई। बच्ची के शव को उसके पिता के सुपुर्द कर दिया गया था।
मां बोली – दफनाने के लिए 200 रुपए देने पड़े
नाले में मृत अवस्था में मिली नवजात बच्ची की मां से जब फोन पर बात की गई तो उसने बताया कि 20 मार्च की रात अस्पताल प्रबंधन ने बेटी का शव मेरे पति को सौंपा। उन्होंने हमें यह नहीं बताया कि बॉडी को कहां दफनाना है। मैं और मेरे पति कई घंटों तक बच्ची के शव को लेकर भटकते रहे। रात ज्यादा हो चुकी थी। हमारे पास मिट्टी खोदने के लिए कोई औजार भी नहीं था। हम अस्पताल के बाहर भटक रहे थे, तभी एक लड़का हमें मिला। उसे हमने परेशानी बताई तो वह बोला- पैसे लगेंगे। हमने उसे दो सौ रुपए दे दिए। इसके बाद वह लड़का मेरे पति को साथ लेकर बच्ची को दफनाने चला गया। बेटी को दफनाने के बाद हम दोनों 21 मार्च की सुबह अपने घर लौट आए थे। शायद उसने रात होने की वजह से बच्ची को अच्छे से नहीं दफनाया था।
सिटी कोतवाली थाना प्रभारी अमित भदौरिया का कहना है कि मृत अवस्था में मिली है। बच्ची के परिजनों को बुलाया गया है। इसके बाद बच्ची को पुनः दफनाया जाएगा। बच्चे की मौत उपचार के दौरान हुई थी। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
कांग्रेसी नेता ने लगाए सरकार पर आरोप
नवजात बच्ची के शव को सबसे पहले नागरिक सहकारी बैंक के अध्यक्ष और कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष वासित अली ने देखा था। वासित अली ने कहा कि एक और शिवराज सिंह चौहान लाड़ली लक्ष्मी और लाडली बहना योजना का मंचों से बखान कर रहे हैं। वहीं, दूसरी और नवजात बच्चियों के शव इस तरह लावारिस हाल मिलना दुःख का विषय है। जिला अस्पताल प्रशासन को नवजातों के शव को व्यवस्थित दफनाने की व्यवस्था करनी चाहिए। मैं इस मामले में दोषियों पर कार्यवाही की मांग करता हूं।