दतिया जिला अस्पताल में पैसे लेकर बच्चा बदलने का आरोप,पहले कहा बेटा हुआ है पर बाद में कहा बेटी हुई,परिजनो ने की डी.ऐ .ने टेस्ट की मांग

दतिया जिला अस्पताल में पैसे लेकर बच्चा बदलने का आरोप,पहले कहा बेटा हुआ है पर बाद में कहा बेटी हुई,परिजनो ने की डी.ऐ .ने टेस्ट की मांग

मध्यप्रदेश के दतिया जिला अस्पताल में बच्चे की अदला-बदली का आरोप लगा है। एक प्रसूता के परिजनों का कहना है कि स्टाफ ने पैसे लेकर बच्चों को बदला है। पहले लड़का होना बताया, फिर कुछ देर बाद कहा-आपको तो लड़की हुई है। पीड़ित परिवार ने अस्पताल में भर्ती दूसरी प्रसूता के परिवार पर बच्चा बदलवाने का आरोप लगाया है।

उन्होंने इस बात को लेकर हंगामा भी किया। साथ ही DNA टेस्ट की मांग की है। मेटरनिटी वार्ड के स्टाफ ने आरोपों को खारिज कर कहा है कि किसी प्रकार की हेराफेरी नहीं हुई है। इधर, पुलिस ने पीड़ित परिवार के आवेदन पर मामले को जांच में लिया है।

बेटा होने की खुशी में पूरे अस्पताल में बांटी मिठाई

दतिया के बरजोरपुरा के रहने वाले कालीचरण तिवारी ने बताया कि बुधवार शाम करीब 5 बजे पत्नी सानू तिवारी (23) को अस्पताल लेकर आया था। पत्नी को मेटरनिटी वार्ड में भर्ती कर लिया गया। शाम करीब साढ़े 6 बजे नर्स ने आकर बताया कि उन्हें बेटा हुआ है। उन्होंने बधाई देते हुए कहा- मिठाई तो खिलाओ। नए मेहमान के आने की खुशी में हमने पूरे अस्पताल में मिठाइयां बांटीं।

डॉक्टरों ने बताया कि बच्चे की हालत थोड़ी नाजुक है, इसलिए उसे एनआईसीयू (नवजात गहन चिकित्सा इकाई) में रख रहे हैं। करीब डेढ़ घंटे बाद रात साढ़े 8 बजे हमने कहा- बच्चे को एक बार दिखा दीजिए। जब हम वहां पहुंचे तो हमें बच्चे को दिखाते हुए बताया गया कि आपको बेटी हुई है। यह सुनते ही हम हैरान हो गए। हमने कहा- हमें तो बेटा होने की जानकारी दी गई थी, फिर अचानक से लड़की की बात आप कैसे कह रहे हो।

हंगामा कर रहा परिवार प्रसूता वार्ड के बाहर घंटों खड़ा रहा। पुलिस ने उन्हें समझाइश दी।

एक साथ दो महिलाओं की हुई डिलीवरी
कालीचरण का कहना है कि अस्पताल में मेरी पत्नी के अलावा एक और महिला की डिलीवरी हुई है। वह मलियापुरा गांव की रहने वाली है। हमने स्टाफ से बात भी की, लेकिन वे हमारी सुनने को तैयार ही नहीं थे। अस्पताल स्टाफ ने पैसे लेकर बच्चों की अदला-बदली की है। सुनवाई नहीं होने पर हमने थाने में ज्ञापन सौंपा है, हमने डीएनए जांच की मांग की है।

कालीचरण का कहना है कि हमें पहले से ही एक बेटी है। यह हमारा दूसरा बच्चा है। बेटा आए या बेटी, हमारे लिए तो खुशी की बात है। हम दोनों में फर्क नहीं करते हैं, हम इस बात की जांच करवाना चाहते हैं कि आखिर सच क्या है। DNA टेस्ट में जो भी आएगा, हमें वह मंजूर होगा।

दूसरा पक्ष बोला- हमें DNA टेस्ट से कोई परहेज नहीं
कालीचरण ने मलियापुरा के देवेंद्र पर संदेह जताया है। देवेंद्र का कहना है कि पत्नी मनीषा (21) निवासी गांव मलियापुरा की पहली डिलीवरी है। बुधवार शाम करीब 5 बजे भर्ती किया था। शाम करीब 6 बजे डिलीवरी हुई। हमें नर्स ने बेटा होने की जानकारी दी थी। कुछ देर बाद वे हमारे बच्चे को हमें देकर भी गए। अगर कालीचरण को लगता है कि कुछ गलत हुआ है तो वह डीएनए करा लें। हमें कोई परेशानी नहीं है।

मां के पास है बच्ची
अस्पताल के स्टाफ का कहना है कि हम पर लगाए गए आरोप गलत हैं। पैसे लेकर बच्चे नहीं बदले गए हैं। बच्ची फिलहाल सोनू के पास ही है। वह नवजात शिशु को दूध भी पिला रही है। मामले में CMHO से बात करना चाहा, लेकिन उनका मोबाइल बंद था।

कोर्ट के आदेश के बाद होगा DNA टेस्ट
मामले को लेकर जांच कर रही दतिया एसडीओपी प्रियंका मिश्रा का कहना है कि, दोनों पक्षों से बात की है। अस्पताल पहुंचकर डॉक्टर और नर्सों के बयान भी दर्ज किए जा रहे हैं। मामले की जांच की जा रही है, जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसी आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल एक पक्ष ने DNA टेस्ट की डिमांड की है। यह तो कोर्ट के आदेश के बाद ही संभव हो पाएगा। अभी तो हम सिर्फ मामले की जांच में लगे हैं। जिसके पास जो बच्चा है, वह उसे रखने के लिए अभी तो तैयार हैं।

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