छत्तीसगढ़ में करीब ढाई माह पहले शुरू हुई देश की सबसे तेज चलने वाली वंदेभारत एक्सप्रेस ट्रेन पर पथराव का सिलसिला नहीं थम रहा है। इस बार ट्रेन पर नागपुर के रेवराल स्टेशन के पास पथराव किया गया है। पत्थरबाजी की इस घटना में कोच सी-7 के विंडो का शीशा क्षतिग्रस्त हो गया है। ट्रेन जब बिलासपुर स्टेशन पहुंची, तब शीशा तड़का हुआ मिला। ट्रेन के शुरू होने के बाद सातवीं बार पत्थरबाजी की गई है। राहत की बात है कि अब तक हुए पथराव में किसी भी यात्री को चोटें नहीं आई है। लेकिन, लगातार हो रही इस तरह की घटना से सुरक्षा पर सवाल उठ रहा है।
बिलासपुर से नागपुर के बीच चलने वाली हाईटेक ट्रेन वंदेभारत में पत्थरबाजी की घटना नहीं थम रही है। कुछ दिन शांत रहने के बाद फिर से पथराव कर दिया जा रहा है। मंगलवार को दोपहर यह ट्रेन नागपुर से बिलासपुर के लिए रवाना हुई थी। दोपहर में ट्रेन नागपुर के रेवराल स्टेशन से गुजर रही थी। उसी समय ट्रेन में किसी ने पथराव कर दिया।
देर शाम बिलासपुर पहुंचने पर RPF ने की जांच
वंदेभारत एक्सप्रेस ट्रेन मंगलवार की शाम 19.34 बजे बिलासपुर स्टेशन पहुंची। प्लेटफार्म में पहुंचने पर RPF की टीम ने ट्रेन रूकने के बाद जांच की, तब कोच सी-7 के विंडो का शीशा क्षतिग्रस्त मिला। मालूम हो कि लगातार पत्थरबाजी की घटना के बाद से ट्रेन के बिलासपुर पहुंचने और छूटते समय रोज RPF की टीम को जांच करने के निर्देश दिए गए हैं।
ट्रेन रोककर ली तलाशी, कोई नहीं मिला
बताया जा रहा है कि ट्रेन के टकराने की जोरदार आवाज आने के बाद ट्रेन रोक दी गई। ट्रेन में सवार रेलवे सुरक्षा बल के जवानों ने आसपास तलाशी ली। लेकिन, वहां कोई नहीं मिला। लगातार ट्रेन में हो रहे पथराव से यात्री भी दहशत में आ गए। हालांकि, इसमें किसी को चोंट नहीं लगी। बाद में स्टाफ ने इस घटना की जानकारी RPF पोस्ट को दी।
सातवीं बार हुई घटना, हाईटेक ट्रेन का शीशा क्षतिग्रस्त
ट्रेन के शुरू होने के पहले जब रैक चेन्नई से पहली बार बिलासपुर आई, पहली बार पथराव हुआ था। उस समय रेलवे ने कोई कार्रवाई नहीं की थी। इसके बाद ट्रेन शुरू होने के महज सप्ताह भर के भीतर फिर से पथराव कर दिया गया था। इस बार भिलाई स्टेशन के पास पत्थरबाजी हुई, जिससे विंडो का शीशा टूट गया। आरपीएफ ने इस मामले में केस भी दर्ज किया है। लेकिन, अब तक पत्थरबाजों को नहीं पकड़ पाई है। फिर तीसरी बार जनवरी में ही दुर्ग-भिलाई स्टेशन में पथराव किया गया। इसके बाद 30 जनवरी को महाराष्ट्र के कामठी स्टेशन के पास पथराव किया गया था। इससे पहले दाधापारा स्टेशन के पास भी ट्रेन में पथराव कर दिया गया था, जिससे विंडो का शीशा टूट गया। लगातार हो रही पत्थरबाजी के बाद विंडो का शीशा तक बदला नहीं गया है और उसमें टेप चिपकाकर काम चलाया जा रहा है।
पथराव रोकने आरपीएफ का अभियान, लेकिन बेअसर
वंदेभारत ट्रेन में लगातार हो रही पत्थरबाजी की घटना को रोकने के लिए आरपीएफ की रेलवे ट्रैक के किनारे झुग्गी बस्ती में रहने वाले लोगों को समझाइश देने के लिए जागरूकता अभियान भी चला रही है। जिस जगह पर पथराव हो रहा है, वहां पहुंचकर आरपीएफ की टीम बच्चों के पैरेंट्स को समझाइश दे रही है। लेकिन, इसके बाद भी ट्रेन में पत्थरबाजी की घटना नहीं थम रही है और आरपीएफ की समझाइश का लोगों पर कोई असर नहीं हो रहा है।
हाईटेक में बाहरी सुरक्षा का अभाव
इस हाईटेक ट्रेन में अंदरूनी सुरक्षा को लेकर एडवांस टेक्नॉलाजी का इस्तेमाल किया गया है। कोच के अंदर की गतिविधियों की निगरानी के लिए सीसीटीवी के साथ ही सेंसर भी लगाए हैं। लेकिन, जिस तरह से बाहर से पत्थरबाजी हो रही है, उस पर नजर रखने के लिए सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं है। हाई स्पीड इस ट्रेन में सीसीटीवी कैमरा लगा है। लेकिन, बाहरी गतिविधियों की निगरानी नहीं हो पा रही है। अफसरों का कहना है कि जब ट्रेन अपनी रफ्तार में चलती है, तब बाहरी गतिविधियां कैमरे में कैप्चर नहीं हो पाती। ऐसे में ट्रेन की सुरक्षा को लेकर आरपीएफ के अफसर भी परेशान हैं।