राजधानी की सबसे बड़ी गोशाला से एक साल में 2131 गाय गायब हो गईं। नगर निगम और पशु पालन विभाग का सरकारी रिकॉर्ड यही बता रहा है। दरअसल, निगम शहर से जो भी गाय पकड़ता है, अधिकांश को भदभदा स्थित जीवदया गोशाला भेज देता है। गोशाला में जनवरी 2022 में 1961 गाय थीं। इसकी पुष्टि खुद विभाग ने की है।
जबकि निगम ने सालभर में यहां 2236 गाय भेजीं। इनमें से 116 गाय की मौत हो गई। मौजूद रिकॉर्ड के हिसाब से फिर भी गोशाला में 4081 होनी चाहिए थी, लेकिन यहां अभी 1950 गाय होना दर्ज है। फिर बाकी 2131 गाय कहां गायब हो गईं? जबकि गोशाला गायों की संख्या की जानकारी हर महीने पशु पालन विभाग को देती है।
गायों की असल संख्या जानने के लिए भास्कर टीम भी गोशाला पहुंची। लेकिन यहां मौके पर करीब 500 गायें ही नजर आईं। जीवदया गोशाला के प्रबंधक से जब गायों के गायब होने का सवाल पूछा गया तो उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि गाय चरने के लिए जंगल जाती हैं। इनके साथ पांच कर्मचारी होते हैं, लेकिन कई बार वे सड़क पकड़कर निकल जाती हैं, इसलिए संख्या में अंतर हो सकता है।
- गोशाला के अंदर का हाल डरावना मिला। यहां दो बाड़े हैं। दिनभर गायों को ओपन बाड़े में रखते हैं, जहां ट्रैक्टर से सूखी घास डाली जाती है। रात में इन्हें टीन शेड वाले बाड़े में रखा जाता है। ओपन बाड़े में गोबर का एक-एक फीट का कीचड़ भरा हुआ है। जहां गायें पानी पीती हैं, उस टंकी में कीड़े और काई भरी हुई मिली। जगह-जगह पानी भरा हुआ था। गोशाला के ही कर्मचारी ने बताया कि कई बार गाय पानी पी नहीं पाती। भूख-प्यास से तड़पकर दम तोड़ देती हैं। बहुत बुरा लगता है, लेकिन हम क्या कर सकते हैं।
- गोशाला से 300 मी. दूर गायों के ढेरों कंकाल पड़े थे। यहां कंकाल से खाल उतार रहे दो कर्मचारियों ने बताया कि गोशाला में हर रोज दो से तीन गायाें की मौत होती है। उनको यहां फेंका जाता है। हम उनकी खाल उतारने का काम करते हैं।
जांच के लिए एक नोडल अधिकारी, फिर भी सही संख्या पता नहीं चली
जीवदया गोशाला को मौजूदा गायों की संख्या के आधार पर ही सरकारी अनुदान मिलता है। इसके लिए गोशाला को हर महीने गायों की संख्या पशु पालन विभाग को बतानी होती है। विभाग ने हर गोशाला के लिए एक नोडल अधिकारी बनाया है। वही गायों की संख्या की पुष्टि करता है। गोशाला ने दिसंबर 2022 में 1950 गाय होने की जानकारी दी। जबकि अभी यहां सिर्फ 500 गायें हैं।
टीम बनाकर जांच कराएंगे
“गोशाला वाले जो संख्या भेजते हैं उसको नोडल अधिकारी वेरिफाई करते हैं। जीवदया गोशाला में गायों की संख्या में अंतर आ रहा है तो टीम बनाकर जांच की जाएगी।”
– डॉ. अजय रामटेके, उपसंचालक, पशु चिकित्सा सेवाएं
हड्डी-चमड़े का कारोबार हो रहा
“जीवदया गोशाला से न सिर्फ गायों की हड्डी और चमड़े का कारोबार किया जा रहा है, बल्कि यहां से गायों को बाहर बेचा भी जाता है।”
– गौरव मिश्रा, प्रदेश अध्यक्ष ,अखिल भारतीय सर्वदलीय गोरक्षा महाभियान समिति