सोमवार सुबह इंदौर में चार ग्रीन कारिडोर बने। रतलाम कोठी निवासी 52 वर्षीय विनीता पति सुनील खजांची की ब्रेनडेथ के बाद उनका लीवर, दोनों किडनियां, फेफडे और एक हाथ अलग-अलग मरीजों में प्रत्यारोपित करने के लिए ग्रीन कारिडोर बनाकर भेजे गए।
पहला ग्रीन कारिडोर बांबे अस्पताल से एयरपोर्ट तक बनाया गया। 17 मिनट में महिला का हाथ अस्पताल से एयरपोर्ट पहुंचा दिया गया। इसके बाद महिला के फेफड़ों को दूसरा ग्रीन कारिडोर बनाकर सिर्फ 15 मिनट में एयरपोर्ट भेजा गया। सिर्फ पांच मिनट में तीसरे ग्रीन कारिडोर के माध्यम से महिला की एक किडनी सीएचएल अस्पताल में भेजी गई। दूसरी किडनी बांबे अस्पताल में ही भर्ती मरीज को प्रत्यारोपित की गई है। चौथा ग्रीन कारिडोर बांबे अस्पताल से चोइथराम अस्पताल तक बनाया गया। इसके माध्यम से महिला का लीवर भेजा गया। महिला का हाथ मुंबई के ग्लोबल अस्पताल में भर्ती किशोरी को प्रत्यारोपित किया गया। वहीं, उसके फेफड़े चेन्नई के अपोलो अस्पताल में भर्ती मरीज में प्रत्यारोपित होना हैं।
खजांची परिवार से इसके पहले भी हो चुका है अंगदान
मुस्कान ग्रुप के सेवादार जीतू बागानी ने बताया कि विनीता खजांची को 13 जनवरी को ब्रेन हेमरेज के बाद एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां लगातार उपचार के बाद भी मरीज की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। रविवार दोपहर करीब डेढ़ बजे मरीज को पहली बार और फिर रात करीब साढ़े आठ बजे दूसरी बार ब्रेनडेथ घोषित किया गया था। जून 2022 में विनीता खजांची के ससुर की मृत्यु के बाद उनकी आंखें, त्वचा और देहदान हुआ था। चूंकि, परिवार अंगदान का महत्व पहले से जानता था, इसलिए उन्हें विनीता के अंगदान के लिए तैयार करने में कोई परेशानी नहीं आई।