रायपुर। छत्तीसगढ़ के मानसून सत्र में अविश्वास प्रस्ताव पर अपनी बात रखते हुए नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा, केंद्र सरकार हो, राज्य सरकार हो या पंचायत सरकार,सरकार बनाने के लिए किए जाने वाले वादों के अनुरूप सरकार चलती है. ये सरकार खोखले वादों और खोखली नीति की सरकार बन गई. जनता ने भी सरकार से विश्वास खो दिया. सरकार में आने के पहले जारी किए गए जनघोषणा पत्र के वादों को सरकार ने नहीं निभाया. जिन वादों के बल पर ये सरकार आई बमुश्किल से छह घोषणाओं को आधा अधूरा लागू किया है. दुर्भाग्य की बात है कि घोषणा पत्र समिति के अध्यक्ष सदन में नहीं है.
सदन में नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा, लगातार बिगड़ती कानून व्यवस्था, युवाओं की उपेक्षा, शराब की वजह से बनी स्थिति किसी से छिपी नहीं है. ऐसा एक विभाग नहीं है जहां भ्रष्टाचार नहीं है. हर जगह भ्रष्टाचार का आलम छाया हुआ है. सरकार के मंत्री का ही विश्वास जब नहीं है तो जनता का विश्वास कैसे होगा. सरकार के भीतर ही अंतरद्वंद की स्थिति बनी है. विधायक, मंत्री पर लेनदेन का आरोप लगाता है. विधायक, मंत्री पर हत्या का आरोप लगाता है. उस दल के विधायकों का विश्वास सरकार पर नहीं है तो आम जनता का विश्वास कैसे होगा.
नेता प्रतिपक्ष ने कहा, किसानों के लिए बड़ी-बड़ी बातें की जाती है. राज्य सरकार ने कहा था कि हम किसानों का कर्जा माफ करेंगे. आज भी 91 हजार किसानों का कर्ज माफ नहीं हुआ है. बैंक किसानों के घर नोटिस दे रहा है. मुख्यमंत्री भेंट मुलाकात के कार्यक्रम में गए. खुलेआम आरोप लगाया गया कि दस फीसदी कमीशन के बगैर काम नहीं होता. भेंट मुलाकात के दौरान जो शिकायतें आई उनका समाधान नहीं हुआ. किसानों को अधिक कीमत पर खाद खरीदनी पड़ रही है. खाद की कालाबाजारी हो रही है. कांग्रेस जब विपक्ष में थी तब आवाज उठाते थे कि एक नवंबर से धान खरीदी होनी चाहिए. धान खरीदी में देरी हो रही है. लघु किसान धान खरीदी से वंचित हो रहे हैं. 15 साल बीजेपी सरकार में रही, लेकिन कभी रकबा में कटौती नहीं की गई.
सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा, भोजन के अधिकार का पहला कानून छत्तीसगढ़ ने बनाया. उस वक्त छत्तीसगढ़ पीडीएस के मामले में पहले नंबर था. आज छत्तीसगढ़ देश में 16 वें स्थान पर है. गरीबों को चावल नहीं मिल पा रहा है. गरीबों के हक के चावल में भी डाका डाला गया. रमन सिंह के 15 साल के कार्यकाल में आदिवासियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ढेरों काम किया गया. कांग्रेस सरकार में आदिवासियों के खिलाफ आपराधिक मामले भी बढ़े हैं. एनसीआरबी की रिपोर्ट में ये सामने आया है.
कौशिक ने कहा, पेसा कानून के नए नियम का प्रेषिका ही कैबिनेट में बदल दी गई. सरकार ने आदिवासी समाज को धोखा देने का काम किया है. सिलगेर में तीन आदिवासियों की पुलिस की गोली लगने से मौत हो गई मगर मुख्यमंत्री और गृहमंत्री को वहां जाने का भी वक्त नहीं मिला. कुपोषण को लेकर बड़ी बड़ी बातें होती है, लेकिन कुपोषण की वजह से तीस पंडो जनजाति की मौत हो जाती है. केंद्र और राज्य कुपोषण के लिए पैसा देती है, लेकिन ये पैसा भ्रष्टाचार की बलि चढ़ रही है. कांग्रेस सरकार में नक्सल घटना में बढ़ोतरी हुई है. शहरों तक आ गए हैं. सड़कों को उखाड़ रहे हैं. काम में लगे उपकरणों को जलाया जा रहा है. राज्य में मुख्यमंत्री कहते हैं कि दो जिलों में नक्सली सिमट गए हैं, लेकिन दिल्ली जाकर राज्य को नक्सली राज्य कहते हैं.
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा, केंद्रीय गृह मंत्रालय की जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि राज्य में नक्सल घटना बढ़ी है. कांग्रेस सरकार आने के बाद राज्य में धार्मिक उन्माद बढ़ा है. कवर्धा की घटना सबने देखी. सांसद, पूर्व सांसद और बीजेपी के कार्यकर्ताओं को अपराधी बनाया गया. तुष्टिकरण की राजनीति राज्य का माहौल बिगाड़ रही है. राज्य में कानून व्यवस्था की हालत चैपट हो गई है. सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वालों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई करेगी. सौ से ज्यादा अपराध पत्रकारों के खिलाफ दर्ज किया गया. छत्तीसगढ़ में पत्रकार भी सुरक्षित नहीं है. राज्य में आजादी की अभिव्यक्ति समाप्त हो गई है.
सदन में कौशिक ने आगे कहा, अनाचार की घटना पर सरकार सोती रही है. राज्य में 24 हजार से ज्यादा लोगों ने आत्महत्या की है. इसमें नौ हजार युवा हैं. सामूहिक आत्महत्या के मामले बढ़े हैं. ये अवसाद की स्थिति निर्मित हुई है, ये चिंता की बात है. कांग्रेस के कार्यकर्ता कर्मचारी और पुलिस को पिट रहे हैं. वसूली की कार्रवाई चल रही है. ढाई-ढाई वाली सरकार के डेढ़ साल तो इसे बचाने में वक्त निकल गया. सुना है कि फिर दिल्ली में परेड कराने जाने की तैयारी चल रही है. सरकार इन सबमें लगी रहेगी तो जनता के काम कब करेगी. साढ़े तीन साल बाद राज्य में कोलवाशरी में छापा डाला गया. ये छापे उन्हें डराने, धमकाने और वसूली के लिए डाले गए. बापू का नाम हम ले रहे हैं लेकिन कांग्रेस भटक गई है इसलिए अवसाद के रास्ते पर बढ़ रहे हैं.
नेता प्रतिपक्ष ने कहा, नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी की हालत सभी जानते हैं. हम लोग कृषि मंत्री से बार-बार कहते हैं कि एक मॉडल गौठान हमें भी दिखा दें, लेकिन दिखा नहीं रहे. सड़कों की स्थिति को लेकर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाई है. राज्य में की गई धान खरीदी में किसानों को दी गई 65 करोड़ रुपए की राशि केंद्र सरकार ने दी है, जबकि राज्य सरकार ने सिर्फ 24 हजार करोड़ की राशि दी है. राज्य सरकार दीमक की तरह है.