वन नेशन, वन कार्ड योजना में तीन और राज्य शामिल किए गए

वन नेशन, वन कार्ड योजना में तीन और राज्य शामिल किए गए

नई दिल्ली : केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री राम विलास पासवान ने आज ‘एकीकृत सार्वजनिक वितरण प्रणाली’ (आईएम-पीडीएस) की योजना में तीन और राज्यों – ओडिशा, सिक्किम और मिजोरम को शामिल करने की घोषणा की। “वन नेशन वन राशन कार्ड” योजना राष्ट्रव्यापी पोर्टेबिलिटी के माध्यम से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के पात्र राशन कार्ड धारकों को किसी भी सार्वजनिक वितरण केन्द्र से सब्सिडी वाले खाद्यान्न अपने कोटे के हिसाब से प्राप्त करने के लिए लागू की गई है। लाभार्थी इन केन्द्रों पर इलेक्ट्रानिक प्वाइंट आफ सेल (ईपीओएस) पर आधार प्रमाणीकरण के बाद अपने मौजूदा राशन कार्ड का उपयोग कर इस सुविधा का लाभ ले सकते हैं।

अब तक यह सुविधा आंध्र प्रदेश, बिहार, दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, केरल, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, पंजाब, तेलंगाना, त्रिपुरा और उत्तर प्रदेश,महाराष्ट्र और राजस्थान जैसे 17 राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों में उपलब्ध कराई गई है। इसके अलावा, खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग अन्य राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों के लाभार्थियों के लिए भी राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी की पहुंच का विस्तार करने के लिए संबंधित राज्य / केन्द्र शासित प्रदेशों की सरकारों के साथ सहयोग करने का प्रयास कर रहा है। इस प्रयास में तीन नए राज्यों को राष्ट्रीय क्लस्टर के साथ एकीकृत करने के लिए आवश्यक प्रारंभिक गतिविधियाँ जैसे इपीओएस सॉफ़्टवेयर का उन्नयन, केंद्रीय आईएम .पीडीएस और अन्नवितरण पोर्टलों के साथ एकीकरण, केंद्रीय भंडार में राशन कार्ड / लाभार्थियों के डेटा की उपलब्धता और राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी के तहत लेनदेन के आवश्यक परीक्षण को भी केंद्रीय एनआईसी टीम के समर्थन से पूरा किया गया है।

ये सभी इंतजाम पूरा करने के बाद इन राज्यों में ‘वन नेशन वन राशन कार्ड ’योजना के तहत राष्ट्रीय / अंतर-राज्यीय पोर्टेबिलिटी के तहत राशन की दुकानों से जून 2020 से अनाज मिलना शुरु हो गया है। अगस्त 2020 तक तीन और राज्य अर्थात् उत्तराखंड, नागालैंड और मणिपुर भी इस सुविधा से जुड़ जाएंगे। शेष 13 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों , पश्चिम बंगाल, अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, दिल्ली, जम्मू कश्मीर, लद्दाख, चंडीगढ़, पुदुचेरी, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, अंडमान और निकोबार और लक्षद्वीप द्वीप को राष्ट्रीय क्लस्टर में शामिल करने के लिए विभाग सभी आवश्यक व्यवस्थाएँ कर रहा है। यह तय है कि 31 मार्च 2021 तक सभी राज्यों को वन नेशन वन राशन कार्ड योजना के साथ जोड़ दिया जाएगा और यह योजना पूरे भारत में लागू हो जाएगी।

श्री पासवान ने कहा कि योजना को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए केंद्रीय तकनीकी टीम ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबधित राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों के तकनीकी और संबंधित अधिकारियों को अपेक्षित प्रशिक्षण प्रदान किया है और योजना से संबधित आवश्यक दिशानिर्देश / निर्देश भी जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 6 महीनों के दौरान जिन एनएफएसए राशन कार्डों में एक आधार प्रमाणित लेन-देन दर्ज किया गया है, वे राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी योजना की सुविधा के लिए पात्र होंगे। इस सुविधा को एनआईसी द्वारा राशन कार्ड लाभार्थियों की बनाई गई रिपॉजिटरी के माध्यम से सक्षम बनाया गया है। इसके अलावा, केंद्रीय डैशबोर्ड पर पोर्टेबिलिटी लेन-देन के विवरण की रिपोर्टिंग के लिए आवश्यक वेब-सेवाएं भी इन राज्यों के लिए तत्काल प्रभाव से सक्षम बनाई गई हैं और केंद्रीय एनआईसी टीम राज्य सरकारों को ‘वन नेशन वन राशन कार्ड’ के निर्बाध रोलआउट में लगातार मदद करती रहेंगी।

श्री पासवान ने इन सभी राज्यों से जून 2020 से राष्ट्रीय / अंतर-राज्यीय पोर्टेबिलिटी सेवा आरंभ कर देने का अनुरोध किया। यह सुविधा राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों के राष्ट्रीय क्लस्टर में कहीं भी इन राज्यों के लाभार्थियों को तत्काल प्रभाव से राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी के माध्यम से खाद्यान्न का कोटा प्राप्त करने में सक्षम बनाएगी। उन्होंने कहा कि इस संबंध में, एनएफएसए लाभार्थियों और एफपीएस डीलरों को सभी तरह की आवश्यक जानकारियां उपलब्ध कराने के प्रयास और गतिविधियां प्राथमिकता के आधार पर की जाएंगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *