कोरबा। बीरतराई गांव के मिडिल स्कूल में मिड डे मील खाकर करीब 30 बच्चे बीमार हो गए हैं। सभी बच्चों को करतला के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के लिए लाया गया। इनमें से कुछ बच्चों की गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर कर दिया गया।
जानकारी के मुताबिक, शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला में मंगलवार दोपहर 1 बजे के करीब बच्चों ने मिड डे मील खाया। मध्याह्न भोजन में करील, भिंडी और आलू मिक्स बना था। सभी बच्चों ने खाना खाया। खाना खाने के एक घंटे के बाद से बच्चों की तबियत खराब होने लगी। सभी बच्चों को उल्टी, पेट और सिर दर्द शुरू हो गया।
छठवीं, सातवीं और आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले करीब 30 छात्र-छात्राओं की हालत खराब हो गई। सभी बच्चों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। इनमें से 13 बच्चों की हालत गंभीर थी, जिन्हें मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर कर दिया गया। फिलहाल उनका इलाज जारी है। सभी बच्चों की हालत खतरे से बाहर है।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के RMO यशवंत कुमार साहू ने बताया कि 13 बच्चों को जिला अस्पताल भेजा गया है, वहीं कुछ बच्चे स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती हैं। कुछ बच्चे जिनकी हालत संभल गई, उन्हें घर भेज गिया गया है। वहीं मिडिल स्कूल के शिक्षक कन्हैयालाल कमर ने बताया कि मिड डे मील खाने के बाद बच्चे बाहर खेल रहे थे कि उनकी तबियत अचानक खराब होने लगी, तब जाकर सभी को अस्पताल लाया गया। बीएमओ डॉ राकेश पटेल ने बताया कि मामले की जांच कराई जाएगी और जो भी दोषी पाया जाएगा, उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
प्रतिबंध के बावजूद करील की सब्जी बनाई गई
कोमल बांस के डंठल को काटकर करील बनाया जाता है। उसे सुरक्षित रखने के लिए चूने पानी में रखा जाता है। वन विभाग ने करील बनाने पर साफ प्रतिबंध लगाया हुआ है, इसके बावजूद स्कूल में इसकी सब्जी क्यों बनी, ये एक बड़ा सवाल है। हैरत की बात तो ये भी है कि प्रतिबंध के बावजूद ये बाजार में धड़ल्ले से बिक रहा है। जिला मेडिकल अस्पताल के डीन डॉ अविनाश मेश्राम ने बताया कि करील की सब्जी खाने से बच्चों को फूड प्वाइजनिंग हुई। फिलहाल सभी बच्चों की स्थिति सामान्य है।
बता दें कि मिडिल स्कूल बीरतराई में 48 छात्र-छात्राएं पढ़ाई करते हैं। मंगलवार को यहां चावल के साथ बेसन की कढ़ी और करील की सब्जी बनाई गई थी। इधर इसे खाकर बच्चों की तबियत खराब होने की खबर मिलते ही अभिभावकों की भीड़ स्कूल में उमड़ पड़ी।