भोपाल। केंद्रीय मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने भोपाल में कहा, चाइल्ड लाइन अब देशभर में प्रदेश की सरकारों के सुपुर्द किया जाएगा। अगर बच्चा मुसीबत में है और मदद की गुहार लगा रहा है, तो उसका फोन NGO के पास जाता है। ऐसी परिस्थिति में यह गहमागहमी होती है कि FIR कहां हो। नई व्यवस्था से बच्चे या बच्ची का फोन कॉल सीधा स्थानीय प्रशासन के पास पहुंचेगा। उसे जल्द मदद मिलेगी।
केंद्रीय महिला-बाल विकास एवं अल्पसंख्यक कार्यमंत्री स्मृति ईरानी ‘वत्सल भारत कार्यक्रम’ में शामिल होने भोपाल आईं। बाल संरक्षण, बाल सुरक्षा और बाल कल्याण पर केंद्रित यह कार्यक्रम भोपाल के रविंद्र भवन में हो रहा है। देश में अलग-अलग जगह केंद्रीय महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा 7 क्षेत्रीय संगोष्ठियों का आयोजन किया जा रहा है। भोपाल के रविंद्र भवन में मध्य भारत क्षेत्रीय संगोष्ठी हो रही है।
मीडिया से चर्चा में स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव में जिस प्रकार से लोकतंत्र की हत्या होते हुए लोग देख रहे हैं। जहां लोकतांत्रिक अधिकारों को जताने के लिए लोग मौत के घाट उतारे जा रहे हैं, उसी तृणमूल के साथ गांधी परिवार गठबंधन कर रहा है। मेरा गांधी परिवार से सवाल है कि क्या उनसे हाथ मिलाना मंजूर है उन्हें, जो पश्चिम बंगाल में कहर मचा रहे हैं? मौत का यह खेला राहुल गांधी को क्यों स्वीकार है?
रेप विक्टिम को 4 हजार रु. मासिक देने का निर्णय
कार्यक्रम में स्मृति ईरानी ने कहा, 18 साल की बेटियों से रेप की वारदातें होती हैं, तब पुलिस और चाइल्ड वेलफेयर कमेटी को अपनी जेब से उसके खाने-पीने और ठहरने का इंतजाम करना पड़ता है। हमने मंत्रालय में निर्णय लिया है कि 74 करोड़ रुपए देशभर की ऐसी बेटियों को समर्पित करेंगे। महीने के 4 हजार रु. देंगे। 18 साल के बाद भी 23 साल की उम्र तक ऐसी बेटियों के संरक्षण का बीड़ा हमने उठाया है।
पहले बच्चे को गोद लेने के लिए कोर्ट जाने को मजबूर किया जाता था
स्मृति ने कहा, पहले बच्चा गोद लेना हो तो अभिभावक को कोर्ट में पेश होने के लिए मजबूर किया जाता था। वहां से ऑर्डर लेना होता था। प्रधानमंत्री मोदी के निर्देशानुसार जनता, कार्यकर्ता, प्रशासक से संवाद करने के बाद यह ध्यान में आया कि अभिभावक यह कहने लगा कि हम कोर्ट क्यों जाएं? जहां पर चोर-उचक्के, बलात्कार और कई घटनाओं के निर्णय होते हैं, बच्चे को गोद लेना तो पुण्य का काम है। अगर आप सरकार में हमारी सुविधा बढ़ाना चाहते हैं, तो आप यह अधिकार जिला प्रशासन को दे दें।
जैसे ही मोदी सरकार ने कानून में तब्दीली कर जिला प्रशासन को दायित्व दिया, तब से लेकर एक साल में 2250 से ज्यादा बच्चों का देशभर में अडप्शन हो चुका है। कानून में बदलाव से पहले देशभर में 900 अडप्शन के केस कई कोर्ट में लंबित थे।
CWC के दफ्तर बनवाएगी भारत सरकार
कार्यक्रम में स्मृति ने कहा, देशभर में हर चाइल्ड वेलफेयर कमेटी का दफ्तर बनाने का जिम्मा भारत सरकार ले रही है। प्रस्ताव भेजिए, हम त्वरित रूप से समाधान देंगे। अब स्कीम और प्रपोजल बनाने से पहले चाइल्ड वेलफेयर कमेटी से पूछा जाएगा।
उन्होंने कहा, बाल संरक्षण के बजट में 230% की वृद्धि हुई है। आज से 13-14 साल पहले देशभर में 8 से 9 हजार बच्चों को संरक्षित किया जाता था, अब 65 हजार बच्चों का संरक्षण हो रहा है। केंद्रीय मंत्री ने मध्यप्रदेश सरकार की ‘लाड़ली लक्ष्मी योजना’ की भी तारीफ की। कहा, 45 लाख बेटियां इसमें शामिल हैं, ये मुझे आनंदित करता है।
कानूनगो बोले- आजादी के बाद 2014 से बच्चों-महिलाओं के लिए काम हुए
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने कहा, आजादी के बाद 2014 से बच्चों और महिलाओं के लिए विशेष कार्य किए गए। पॉक्सो कानून बनाकर सरकार ने इस क्षेत्र में बड़ा काम किया है। किशोर न्याय अधिनियम में बदलाव किए गए। कोविड केयर योजना बनाकर लाभ दिया गया। पॉक्सो में मृत्युदंड देने का प्रावधान किया गया। जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद बच्चों और महिलाओं को सभी योजनाओं का लाभ मिल। भारत का नाम उस काली सूची से हटाया गया, जिनमें बच्चे हथियारबंद लोगों की सूची में थे।