दुर्ग। यमुना ने ईट भट्टी में काम करने के बावजूद बिना किसी कोचिंग और सुविधा के मेडिकल प्रवेश परीक्षा पास की है। भास्कर में खबर पढ़ने के बाद दुर्ग सांसद विजय बघेल उसके घर पहुंचे। इसके बाद उसकी छोटी बहन की आंख का इलाज के लिए स्पर्श हाॉस्पिटल भेजा। जैसे ही स्पर्श के डायरेक्टर्स को इसकी जानकारी हुई उन्होंने न सिर्फ निशुल्क इलाज किया, बल्कि दोनों होनहार बच्चियों को प्रोत्साहन राशि देकर भविष्य में आर्थिक मदद का वादा किया।
दुर्ग सांसद विजय बघेल ने बताया कि वो नीट क्वालीफाई करने वाली बच्ची यमुना चक्रधारी से मिलने रविवार शाम उसके घर पहुंचे थे। वहां उनकी नजर यमुना की छोटी बहन वंदना पर पड़ी। उसकी आंखों से लगातार पानी आ रहा था। सांसद ने जब वजह पूछी तो पता चला कि उसे आंखों की कोई बीमारी है। इस पर सांसद ने भिलाई के स्पर्श हॉस्पिटल में बात की और सोमवार को खुद वहां इलाज के लिए लेकर पहुंचे। सोमवार को जब सांसद बघेल यमुना के माता-पिता और भाई-बहनों को लेकर स्पर्श पहुंचे तो वहां उनका स्वागत किया गया। उन्होंने यमुना और युक्ति की 11 हजार रुपए की आर्थिक सहायता की। साथ ही मेडिकल की पढ़ाई के दौरान उसका सहयोग का वादा किया।
होनहार छात्रा के पिता का सम्मान
सभी डायरेक्टर्स ने बताई अपनी कहानी
स्पर्श के सभी डायरेक्टर ने यमुना से ईट से नीट तक के सफर को जाना। इसके बाद उन्होंने भी अपनी कहानी बताई। उन्होंने कहा कि वो एक साधारण परिवार से हैं। उन्होंने कड़ी मेहनत की जिसकी बदौलत यहां तक पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि बिना मेहनत के सफलता संभव नहीं है, यह बात यमुना एक बार फिर साबित कर दिया है। इस दौरान अस्पताल के निदेशक डॉ. संजय गोयल, मेडिकल डायरेक्टर डॉ. एपी सावंत, प्रबंध निदेशक डॉ. दीपक वर्मा और सीजीएम निखलेश दावड़ा आदि मौजूद रहे।