बिलासपुर। सोमवार को रमतला के प्रयास आवासीय विद्यालय के स्टूडेंट्स करीब 12 किमी पैदल चलकर कलेक्टोरेट पहुंचे। उन्होंने कलेक्टर को बताया कि उन्हें आने नहीं दिया जा रहा था और हॉस्टल में ताला लगा दिया गया था। ऐसे में वे ताला तोड़कर यहां आए हैं। उन्होंने हॉस्टल के वार्डन पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें जो नाश्ता मिलता है, उसमें कीड़ा होता है। खाना भी आधा पेट मिलता है। भोजन की थाली से रोटी गायब रहती है। शिकायत करने पर चरित्र प्रमाण पत्र खराब करने के लिए धमकाया जाता है। कलेक्टर ने उनकी समस्या सुनी और समाधान निकालने का आश्वासन देकर उन्हें सिटी बस से हॉस्टल भेजा।
कलेक्टोरेट में अचानक स्टूडेंट्स की भीड़ पहुंची तो किसी को कुछ समझ नहीं आया। पता चला कि ये स्टूडेंट्स रमतला के प्रयास विद्यालय से पैदल आए हैं। रमतला में प्रयास के दो विद्यालय एक कन्या तो दूसरा बालक है। यहां प्रतिभाशाली बच्चों को रखकर पढ़ाया जाता है। स्टूडेंट्स के मुताबिक उन्होंने कलेक्टर के पास जाकर हॉस्टल से जुड़ी शिकायत की योजना बनाई। इसका पता वार्डन को चल गया और उन्होंने सुबह ही हॉस्टल में सब तरफ ताला लगवा दिया। जैसे-तैसे वे लोग ताला तोड़कर वहां से निकल आए। स्टूडेंट्स को शहर आने का साधन नहीं मिला तो वे पैदल ही चल पड़े। उन्होंने नाश्ता भी नहीं किया था। कलेक्टोरेट आकर उन्होंने होटल में अपने पैसे से नाश्ता किया। फिर वे कलेक्टर के आने की प्रतीक्षा करते रहे।
कोई इनके साथ नही
इंतजार करने के बाद आखिर उनकी मुलाकात कलेक्टर सौरभ कुमार से हुई। कलेक्टर को छात्रा अग्रिमा अग्रवाल सहित अन्य छात्राओं ने बताया कि नाश्ते में कीड़ा मिलता है और बगैर रोटी के खाना दिया जाता है। एक साल से हमारे साथ ऐसा हो रहा है। हॉस्टल में कुछ पंखे खराब है। शिकायत करने पर वार्डन कटाक्ष करते हुए कहती है कि तुम लोग तो एसी के लायक नहीं हो। वह टीसी निकालने और कैरेक्टर सर्टिफिकेट खराब करने की धमकी देती हैं। पूरे मामले की जांच की जाएगी ^बालक व कन्या प्रयास आवासीय विद्यालय के बच्चे कलेक्टोरेट आए थे जिसकी जानकारी मिलने के बाद पूरे मामले की जांच की जाएगी। जांच में दोषी पाए जाने पर कार्रवाई भी होगी।
सीएल जायसवाल, सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास विभाग { छात्राओं के आने के दौरान ताला क्यों लगाया आपने? हॉस्टल में बाउंड्री नहीं है। सुरक्षा कारणों से ताला लगाया जाता है। { छात्राएं कहती है कि शिकायत करने पर आप टीसी देने की धमकी देती हैं? यह प्रशासनिक अधिकारी का काम है मेरा नहीं। मैं हॉस्टल की व्यवस्था देखती हूं। { प्रताड़ना का आरोप छात्राओं ने लगाया है और शिकायत भी की है? – मैं किसी भी जांच के लिए तैयार हूं। जेईई में 15 और नीट में 22 का हुआ है चयन राज्य शासन के प्रयास आवासीय विद्यालय में कक्षा 9 वीं से 12 वीं के छात्र-छात्राओं के प्रवेश का चयन प्रवेश परीक्षा के आधार पर होता है। बच्चों को कोचिंग के साथ उनके आवास की भी सुविधा भी दी जाती है। कोचिंग के लिए शासन से अनुबंधित विशेषज्ञों से कोचिंग की सुविधा दी जाती है। इस बार जेईई में 15 और नीट में 22 छात्र-छात्राओं का चयन इसी प्रयास विद्यालय से हुआ है। एक और प्रयास विद्यालय खोले जाने की मंजूरी शासन से मिली है।
तेज धुप मे पैदल चल रहे बच्चे…
छात्र अमित मरकाम और तामेश्वर यादव ने भी अपने अधीक्षक विनय शुक्ला की शिकायत करते हुए बताया कि उन्हें पेटभर खाना भी नहीं दिया जाता जिससे छात्र अक्सर भूखे रहते हैं। कोई भी शिकायत करने पर अधीक्षक टीसी देने की धमकी देते हैं। हॉस्टल में पंखे की भी समस्या है। ज्यादातर बच्चे गरीब परिवारों से हैं। पेट भर खाना नहीं मिलने से उनके स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है। भास्कर ने अधीक्षक का पक्ष जानने के लिए फोन किया लेकिन उनसे बात नहीं हो सकी। सीधी बात रूथ विभा एक्का, हॉस्टल वार्डन, रमतला एफसीआई