मध्यप्रदेश। प्रदेश में नए सत्र 2023-24 से पांच नई प्राइवेट यूनिवर्सिटी शुरू होंगी। मध्यप्रदेश प्राइवेट रेगुलेटरी कमीशन (एमपीपीयूआरसी) से मंजूरी मिलने के बाद अधिनियम भी बन चुके हैं। नए सत्र से इनमें एकेडमिक गतिविधियां शुरू हो जाएंगी। ऐसे में प्रदेशभर में 50 प्राइवेट यूनिवर्सिटी स्थापित हो गई हैं।
इनके अलावा 22 नई प्राइवेट यूनिवर्सिटी पाइपलाइन में हैं। इतनी यूनिवर्सिटी खोलने के प्रपोजल पर एमपीपीयूआरसी के स्तर पर कार्रवाई की जा रही है। प्रपोजल मिलने के बाद, मंजूरी के लिए कार्रवाई अलग-अलग स्तर पर चल रही है। इन्हें अनुमति मिलती है तो सत्र 2024-25 तक प्रदेश में करीब 72 प्राइवेट यूनिवर्सिटी होंगी।
नए सत्र से 2 भोपाल में शुरू होंगी
देशभर में संचालित प्राइवेट यूनिवर्सिटी की बात करें तो यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) के पोर्टल के अनुसार मध्यप्रदेश देशभर में उन तीन राज्यों में शामिल हैं, जहां सबसे ज्यादा प्राइवेट यूनिवर्सिटी संचालित हो रही हंै। पहले नंबर पर गुजरात हैं। यहां पर 58 प्राइवेट यूनिवर्सिटी हैं। दूसरे नंबर पर राजस्थान है, यहां पर 52 प्राइवेट यूनिवर्सिटी हैं। इसके बाद उत्तरप्रदेश में 33, हरयाणा, महाराष्ट्र और कर्नाटक में 25-25 प्राइवेट यूनिवर्सिटी हैं। संभावना है कि मध्यप्रदेश अगले सत्र तक प्राइवेट यूनिवर्सिटी स्थापित करने के मामले में सबसे आगे निकल जाएगा। नए सत्र से जो 5 यूनवर्सिटी शुरू हो रही हैं, उनमें 2 भोपाल की हैं। वहीं ग्वालियर, सागर और खरगौन में एक-एक हैं।
22 में से 7 भोपाल में खोलने के प्रपोजल
22 नए प्रपोजल में 10 यूनिवर्सिटी के मामले में संबंधित संस्थाओं के द्वारा जमा किए गए प्रपोजल की स्क्रूटनी एमपीपीयूआरसी के स्तर पर चल रही है। 5 यूनिवर्सिटी के लिए राज्य शासन को अनुपालन (कंप्लाइंस) रिपोर्ट भेजी गई है। इसका परीक्षण कर मंजूरी के लिए कैबिनेट में रखेंगे। 2 यूनिवर्सिटी के लिए शासन से इस कम्प्लाइंस रिपोर्ट जमा करने आशय पत्र (लेटर ऑफ इंटेंट) जारी किए गए हैं। 5 अन्य यूनिवर्सिटी के मामले में एमपीपीयूआरसी ने परीक्षण कर लिया है। इन्हें लेटर ऑफ इंटेंट जारी करने के लिए राज्य शासन को भेजा है। 3 यूनिवर्सिटी के ऐसे प्रस्ताव भी हैं जिनके प्रपोजल तो एमपीपीयूआरसी को मिले, पर उनकी स्पॉन्सरिंग बॉडी द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। इन 22 प्रपोजल में से 7 भोपाल में खोलने के लिए हैं। जबलपुर में 4, रीवा में 2 और ग्वालियर, उज्जैन, धार, नीमच, सिंगलौरी, खरगौन, दतिया, अनूपपुर में 1-1 खोलने के प्रस्ताव है।
इसलिए खुल रही हैं
यूनिवर्सिटी खोलने के लिए जो ग्रुप्स आगे आ रहे हैं, उनके पहले से ही कॉलेज संचालित हैं। कॉलेज किसी न किसी यूनिवर्सिटी से संबद्ध हैं। यूनिवर्सिटी को अकादमिक व प्रशासनिक स्वायत्तता रहती है। एक और खास बात यह है कि प्राइवेट यूनिवर्सिटी उनके यहां संचालित प्रोफेशनल कोर्सेस की फीस भी अपने स्तर पर तय करती हैं। फीस निर्धारण का रिव्यू एमपीपीयूआरसी द्वारा किया जाता है। वहीं प्राइवेट कॉलेज फीस अपने स्तर पर तय नहीं कर पाते।
सकारात्मक असर पड़ेगा
पांच नए विवि सत्र 2023-24 से शुरू हो रहे हैं। इन्हें मिलाकर प्रदेश में 50 विवि स्थापित हो चुके हैं। 22 यूनिवर्सिटी के प्रपोजल पर कार्रवाई की जा रही है। खास बात यह है कि शहरी क्षेत्र के अलावा विभिन्न संस्थाएं प्रदेश के रिमोट एरिया में खोलने के लिए आगे आई हैं। आदिवासी बहुल क्षेत्र में भी विवि खुलेंगे तो इसका सकारात्मक असर पड़ेगा।