MPPSC टॉपर से पूछा-लव जिहाद कानून अच्छा है या बुरा?निधि ने दिया एसा जवाब की…

MPPSC टॉपर से पूछा-लव जिहाद कानून अच्छा है या बुरा?निधि ने दिया एसा जवाब की…

इंदौर। लव जिहाद का जो कानून बना है, उसके क्या प्रावधान है। ये अच्छा है या बुरा है। ये सवाल एमपीपीएससी की परीक्षा 2020 के इंटरव्यू में टॉपर रही निधि भारद्वाज से पूछा गया था। निधि को लव जिहाद के प्रावधान तो नहीं पता थे लेकिन लव जिहाद क्या होता है, ये जरूर इंटरव्यू बोर्ड को उन्होंने बताया।

जिहाद का शाब्दिक अर्थ होता है काफिरों के खिलाफ युद्ध करना है। इसमें एक पर्टिक्यूलर कम्युनिटी दूसरे समुदाय की महिलाओं को प्रेम जाल में फंसाकर उनके साथ शारीरिक संबंध बनाने के बाद उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करती है।

मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग ने शुक्रवार रात पीएससी 2020 का रिजल्ट जारी किया। इसमें इंदौर की निधि भारद्वाज को दूसरा स्थान मिला है। महिला वर्ग में वे पहले स्थान पर रही। निधि भोपाल की रहने वाली हैं, लेकिन पढ़ाई उनकी इंदौर में ही हुई है। यहीं रहकर उन्होंने परीक्षा की तैयारी की।

रिजल्ट आने के बाद मोबाइल में इन्स्टॉल किया वॉट्सऐप

बकौल निधि, मैंने 2016 में एसजीएसआईटीएस इंदौर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की और फिर जॉब करने के लिए पुणे चली गई। वहां ऑटोमोबाइल कंपनी में काम किया। दो साल पुणे में जॉब करने के बाद वापस एग्जाम की तैयारी के लिए इंदौर लौटी।

ये एग्जाम बहुत मेहनत मांगती है। मैंने 2018 से प्रयास करना शुरू किया था और 2023 में मुझे इसका रिजल्ट मिला है। इस पूरी तैयारी के दौरान मैंने हर स्टेज के लिए स्पेसिफिक तैयारी की थी। आंसर राइटिंग बहुत ज्यादा की थी, क्योंकि सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण आंसर लिखने का तरीका है।

प्री और इंटरव्यू के लेवल पर भी ऑफिसर के लिए जो क्वालिटी होती है, उनका समावेश किया। बड़ी दीदी के गाइडेंस से भी बहुत मदद मिली, अगर सही गाइडेंस नहीं मिले तो आपको सफल होने में बहुत समय लग सकता है। मुझ में जो कमियां थी, उन्हें समय के साथ दूर करती चली गई। मैंने 2019 में पहला अटेम्प्ट दिया था। उसमें प्री-लिम्स क्लियर नहीं हुआ था।

शुरुआत में 4 से 5 घंटे पढ़ाई करना भी बहुत मुश्किल होता था लेकिन कोविड के समय में मैंने अपनी क्षमताओं को बहुत ज्यादा बढ़ा लिया था। उसके बाद 10 से 12 घंटे आसानी से पढ़ाई करने लगी। सोशल मीडिया को लेकर पहले से ही दूरी बना ली थी।

2016 से मैंने अपना फेसबुक बंद कर दिया था। वॉट्सऐप मेरे पास बीते 3 साल से नहीं था। इंस्टाग्राम पर मैंने कभी आईडी नहीं बनाई। वॉट्सऐप रिजल्ट आने के बाद इन्स्टॉल किया है, ये मैंने सोचा था कि जिस दिन रिजल्ट आएगा उसी दिन वॉट्सऐप इन्स्टॉल होगा।

टेलीग्राम पर नोट्स के लिए रहना पड़ा। टेक्नोलॉजी से पूरी तरह से हटना नहीं है, लेकिन यूज ऐसे करना है कि वो आपको नुकसान न करें। बिना वजह की जो स्क्रोलिंग होती है, उससे बचना है। यूट्यूब या और किसी में शॉट्स ये सब मैंने नहीं देखे हैं।

तनाव दूर करने के लिए मैं गाने सुनती थी, मुझे गाने सुनने का बहुत शौक है, लेकिन मैं इंस्ट्रूमेंटल म्यूजिक सुनती हूं, जिसमें लिरिक्स नहीं होते हैं। दूसरा मैं पार्क में वॉक करने निकल जाती थी। ईमानदारी से एग्जाम देना है ये सोचा था। सेकेंड रैंक आएगी ये कभी नहीं सोचा था।

पिता चंद्रकांत भारद्वाज आर्मी में सूबेदार मेजर हैं। वो यूपी में पोस्टेड है। मम्मी राधा भारद्वाज हाउस वाइफ है। हम तीन बहनें है। बड़ी दीदी भी सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रही है। छोटी बहन का लॉ हो गया है।

तब किया तैयारी करने का फैसला

मैं एक दिन किसी काम से बैंक गई थीं। वहां एक बुजुर्ग महिला अपनी 360 रुपए की पेंशन के लिए काफी परेशान हो रही थी। वो कई बार बैंकों के चक्कर काट चुकी थीं। मैंने उन्हें देखा तो उनके पास गई। उनके डॉक्यूमेंट ठीक नहीं थे।

उन्हें को पता ही नहीं था कि क्या करना है और किस के पास जाना है। उनकी मदद की और काम हो गया। उसी दिन लगा कि सिस्टम का हिस्सा बनकर लोगों की मदद करना आसान हो सकता है। तभी लोक सेवा आयोग परीक्षा की तैयारी करने का फैसला कर लिया।

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