सीहोर। मुंगावली गांव में तीन साल की बच्ची सृष्टि के 300 फीट गहरे बोरवेल में गिरे 34 से ज्यादा घंटे हो गए हैं। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और आर्मी की रेस्क्यू की कोशिशें नाकाम रहीं। बच्ची का रेस्क्यू नहीं हो पाया है। गुरुवार को सुबह नौ बजे दिल्ली की रोबोटिक टीम ने ऑपरेशन शुरू किया है।
रोबोटिक टीम के प्रभारी महेश आर्य ने बताया कि रोबोट को बोरवेल में डाला था, उससे मिले फर्स्ट डेटा को स्कैन किया जा रहा है। इससे पता चलेगा कि बच्ची की क्या हालत है और किस प्रकार से रेस्क्यू करना चाहिए। डेटा के स्कैन होने से पहले कुछ भी पता नहीं चल पाएगा। लगभग 20 मिनट का समय स्कैनिंग में लगेगा।
जिला पंचायत सीईओ आशीष तिवारी ने बताया कि 3 सदस्यों की टीम दिल्ली से रातभर ड्राइव कर सड़क मार्ग से सीहोर पहुंची है। इस टीम ने कुछ दिनों पहले जामनगर में ऐसे ही मामले में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया था, जिसमें उन्हें सफलता मिली थी।
35 फीट हुई खुदाई, चट्टानों से आ रही परेशानी
बच्ची 100 फीट की गहराई पर फंसी है। जबकि बोर के पैरेलल अब तक 35 फीट तक ही खुदाई हो पाई है। चट्टानों के कारण खुदाई में दिक्कतें आ रही हैं। वहीं, सेना ने अपने स्तर पर बोर में रस्सी और रॉड डालकर बच्ची को बाहर निकालने की कोशिश की है। बच्ची के कपड़े फटने से ये कोशिश नाकाम रही। सेना के जवान फिर से ऐसी ही कोशिश में जुटे है। मौके पर डॉक्टर्स के साथ एंबुलेंस मौजूद है।