LIVE update:100 फीट गहराई तक पहुँची सृष्टि, उसे निकालने में अब जुटी सेना,रस्सी और रॉड की मदद से रेस्क्यू की कोशिश…

LIVE update:100 फीट गहराई तक पहुँची सृष्टि, उसे निकालने में अब जुटी सेना,रस्सी और रॉड की मदद से रेस्क्यू की कोशिश…

सीहोर। मुंगावली गांव में तीन साल की बच्ची सृष्टि के 300 फीट गहरे बोरवेल में गिरे अब 30 से ज्यादा घंटे हो गए है, लेकिन अब तक उसका रेस्क्यू नहीं हो पाया है। हालांकि बुधवार दोपहर को आर्मी ने मोर्चा संभाल लिया है। जिला पंचायत सीईओ आशीष तिवारी ने बताया कि दिल्ली और राजस्थान से विशेषज्ञों की टीम को बुलाया गया है। वह गुरुवार सुबह यहां पहुंचेंगे।

बच्ची 100 फीट की गहराई पर फंसी है। जबकि बोर के पैरेलल अब तक 35 फीट तक ही खुदाई हो पाई है। चट्टानों के कारण खुदाई में दिक्कतें आ रही हैं। वहीं सेना ने अपने स्तर पर बोर में रस्सी और रॉड डालकर बच्ची को बाहर निकालने की कोशिश की है। बच्ची के कपड़े फटने से ये कोशिश नाकाम रही। सेना के जवान फिर से ऐसी ही कोशिश में जुटे है। मौके पर डॉक्टर्स के साथ एंबुलेंस मौजूद है।

29 फीट पर फंसी थी, 100 पर पहुंच गई

सृष्टि नाम की 3 साल की ये बच्ची मंगलवार दोपहर करीब एक बचे खेलते-खेलते खेत में बने बोलवेल में गिर गई थी। वह 29 फीट की गहराई पर अटक गई। जानकारी मिलने पर मौके पर प्रशासन, पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ की टीमें पहुंच गई और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। बोरवेल के पैरेलल खुदाई की गई। इस दौरान कंपन से बच्ची और गहराई में जा फंसी। वह करीब 100 फीट की गहराई पर फंसी है। खुदाई में 10 से ज्यादा JCB और पोकलेन मशीनें लगी है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बच्ची को निकालने के प्रयास लगातार जारी हैं, लेकिन खोदते समय वाइब्रेशन के कारण वह नीचे खिसक गई है। हमने आर्मी को कॉल कर मौके पर भेजा है। NDRF और SDRF पहले से काम कर रही हैं। हमारा पूरा प्रयास है बच्ची को सुरक्षित निकाल लिया जाए। इधर पुलिस ने खेत मालिक गोपाल को हिरासत में ले लिया है।

बच्ची का नाम सृष्टि बताया गया है। उसके पिता का नाम राहुल कुशवाहा है। मौके पर SP मयंक अवस्थी भी मौजूद हैं। बच्ची तक ऑक्सीजन पहुंचाई जा रही है। उसके मूवमेंट पर नजर रखने के लिए बोरवेल के अंदर इंस्पेक्शन कैमरा भी डाला गया है। एंबुलेंस और मेडिकल टीम भी मौके पर तैनात है।

गृहमंत्री बोले- जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाएगी

गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा, ऐसे मामलों में हर बार कार्रवाई की जाती है और इस बार भी की जाएगी। प्रशासन लगातार रात भर जागकर रेस्क्यू में लगा है। चूंकि बोरिंग चट्‌टानों के बीच है, इसलिए मुश्किलें आ रही हैं। होमगार्ड, NDRF, SDRF के जवान वहां मौजूद हैं। दिक्कत तब आती है जब ड्रिलिंग की जाती है, बच्ची नीचे सरक रही है। लगातार युद्ध स्तर पर प्रयास जारी है। मुख्यमंत्री स्वयं निगाह बनाए हुए हैं।

हुक से निकालने का प्रयास सफल नहीं हुआ

SDM अमन मिश्रा ने बताया कि बोर में हुक डालकर निकालने का प्रयास किया गया था, जो सफल नहीं हो सका है। बोर में हल्का पानी रिस रहा है। जिला पंचायत CEO आशीष तिवारी ने बताया कि बच्ची के मूवमेंट नहीं आ रहे हैं। खुदाई में नीचे मिले पत्थर बहुत ही हार्ड हैं। पत्थरों के कारण खुदाई में दिक्कत आ रही है। उन्हें तोड़ने के लिए पोकलेन मशीन के पंजे से बड़ी ड्रिल मशीन को बांधा हुआ है। उसी की मदद से पत्थर को तोड़ा जा रहा है। यही कारण है कि रेस्क्यू में तेजी नहीं आ पा रही है।

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