बिलासपुर। भूमाफिया, रेत माफिया के बाद अब पानी माफिया गर्मी में शहर में पानी का कारोबार कर रहे हैं। निगम से 400 से 800 रुपए में मिलने वाला पानी टैंकर को माफिया 2 से 2.5 हजार रुपए में बेच रहे हैं। दरअसल 70 वार्ड और 6 लाख की आबादी वाले इस शहर में निगम के पास सिर्फ 29 पानी टैंकर हैं। पानी माफिया इसका बखूबी फायदा उठा रहे हैं।
दायरा 5 किमी से अधिक होने पर माफिया रेट भी बढ़ा देते हैं। जो टैंकर गमी में निगम से फ्री में मिलता हैं उसमें माफिया रियायत भी नहीं देते। शहर में कई कंस्ट्रक्शन कंपनियां अभी पानी का अवैध रूप से कारोबार कर रही है। निगम के पास 2 हजार, 4 हजार और 6 हजार लीटर के 29 टैंकर है।
इसमें दो वाटर लॉरी भी है, जिसे निगम गमी, शादी और कंस्ट्रक्शन के कार्यों में देता है। शादी के कार्यक्रम के लिए हाॅफ टाइम 400 रुपए और फुल टाइम पर 800 रुपए रेट तय है, लेकिन शनिवार और रविवार को कर्मचारियों और ड्राइवरों की कमी के चलते दिक्कत होती हैं, ऐसे में लोगों को बाजार से माफियाओं से पानी खरीदना पड़ता है। निगम और पीडब्ल्यूडी के कुछ ठेकेदार भी पानी का कारोबार करते हैं। हालांकि वे ज्यादातर खुद के काम के लिए ही टैंकरों का उपयोग करते हैं।
जानिए… मार्केट में क्या है रेट
दैनिक भास्कर ने ग्राहक बनकर ठाकुर सर्विसेस और वीआर कंस्ट्रक्शन से बात की तो उन्होंने टैंकरों के हाॅफ और फूल टाइम के अलग-अलग रेट बताया। ठाकुर सर्विसेस ने बताया शादी-ब्याह हो कंस्ट्रक्शन के कार्य, सभी के लिए रेट फिक्स है। 4 हजार लीटर का टैंकर है, जिसका ढाई हजार रुपए लगेगा। शहर से बाहर ले जाने पर डीजल का अलग से चार्ज लगेगा। वीआर कंस्ट्रक्शन ने भी 5 हजार लीटर के टैंकर का रेट 2700 रुपए बताया।
जहां दिक्कत वहां टैंकर से सप्लाई
मुख्यालय के अलावा सभी जाेन से टैंकरों से पानी की सप्लाई हो रही है। कहीं पानी टंकी की रिपेयरिंग तो कहीं पंप खराब होने के कारण पानी की दिक्कत है। ऐसे में टैंकरों से सप्लाई की जा रही है। अभी देवरीखुई में दो, राजकिशोर नगर में दो, नागदौने कॉलोनी में एक, चिल्हाटी में 2, मोपका में 1, कोनी में 1, खमतराई में 1 टैंकरों से सप्लाई की जा रही है। अन्य टैंकर सुख-दुख के काम और कंस्ट्रक्शन के लिए किराए पर दिए जा रहे हैं।
मार्केट से लेना पड़ा
बहतराई में रहने वाले शंकर यादव ने बताया क उनके घर शादी में निगम से दो टैंंकर की मांग की गई थी, जिसमें 1 हजार में िसर्फ एक ही टैंकर मिला। दूसरा टैंकर नहीं मिलने से बाजार में एक नजी कंपनी से 2 हजार में पानी टैंकर खरीदना पड़ा।
शनि और रवि को रेट बढ़ा दी जाती है
दरअसल शनिवार और रविवार को निगम में ड्राइवरों और कर्मचारियों की संख्या कम रहती है। इसलिए दो दिन शादी या कंस्ट्रक्शन के लिए टैंकर मिलना मुश्किल हो जाता है। माफिया इसका बखूबी फायदा उठाते हैं और रेट भी बढ़ा देते हैं।
सड़क-नाली बनाने वाले ठेकेदार भी कर रहे काराेबार
शहर में ज्यादातर लाेग मकान बनाने या शादी-ब्याह के कार्यक्रम सें के लिए निजी कंपनियों से पानी का टैंकर मंगाते हैं, गमी के कार्य के लिए निगम से फ्री में मिलता है, लेिकन मकान और घर बनाने जब निगम से टैंकर नहीं मिलता तो बाजार से खरीदना पड़ता है। आजकल सड़क-नाली बनाने वले ठेकेदार भी पानी का कारोबार कर रहे हैं। दरअसल अपने काम के लिए उनके पास खुद का टैंकर है, लेकिन जब काम नहीं रहता तो वे भी दो से तीन हजार रुपए टैंकर के हिसाब से पानी बेचते हैं। कई ठेकेदाराें के पस खुद के टैंकर हैं। लोग जरूरत पड़ने पर इनसे भी टैंकर लेते हैं।
जोनवार जानिए..निगम के पास कितने टैंकर
- जोन क्रमांक 1 सकरी में 3 टैंकर
- जोन क्रमांक 2 तिफरा में 6 टैंकर
- जोन क्रमांक 6 तोरवा में 4 टैंकर
- जोन क्रमांक 7 राजकिशोर नग में 3
- जोन क्रमांक 8 कोनी में 3 टैंकर है
- मुख्यालय में 10 पानी टैंकर जो पंप हाउस में है
गमी में फ्री, कंस्ट्रक्शन-शादी के लिए अलग-अलग रेट
“निगम के पास 2 वाटर लॉरी समेत 29 पानी टैंकर हैं। शादी के कार्यक्रम के लिए हाफ टाइम के 400 और फूल टाइम के 800 रुपए रेट तय है। कंस्ट्रक्शन के लिए भी 800 रुपए लिए जाते हैं। गमी के लिए टैंकर फ्री में भेजे जाते हैं। इसके अलावा कुछ टैंकर रिजर्व रखे जाते हैं, जहां पेयजल संकट है, वहां सप्लाई की जाती है।”