स्कूल चुनने का प्रधानपाठकों को दिया मौका…

स्कूल चुनने का प्रधानपाठकों को दिया मौका…

छतीसगढ। प्राइमरी स्कूलों में पदस्थ सहायक शिक्षक से पदोन्नत होकर प्रधानपाठक बनने पर पदांकन के लिए जिला स्तरीय काउंसलिंग बुधवार को भी जारी रही। मंगलवार को 350 शिक्षकों को बुलाया गया था, जिनमें कुछ लोगों की काउंसलिंग नहीं हो पाई थी। बुधवार के लिए पहले से बुलाए गए 300 प्रधानपाठकों की काउंसलिंग सुबह 11 बजे शुरू हुई।

विद्युत गृह स्कूल क्रमांक 1 में चल रही काउंसलिंग के दूसरे दिन भी वरीयता क्रम में पदांकन पाने स्कूल चुनने प्रधानपाठकों को बुलाया गया। काउंसलिंग टीम के समक्ष पहुंचने पर पसंद का स्कूल नहीं मिलने से अधिकांश नाराज प्रधानपाठक नाराज दिखे। वहीं जिनकी पोस्टिंग हो गई, वे खुश नजर आए और जिन्हंे मनपसंद स्कूल नहीं मिल पाया, उनके सामने नियम-कायदे आड़े आया। बहरहाल बुधवार दोपहर 3.30 बजे तक 442 प्रधानपाठकों का काउंसलिंग की प्रक्रिया पूरी कर ली गई थी। बाकी बचे लोगों को गुरुवार को होने वाली काउंसिलिंग में शामिल होना पड़ेगा।

दो दिन में 650 प्रधानपाठकों की होनी थी काउंसलिंग
दो दिन में पदोन्नत हुए 650 प्रधानपाठकों की काउंसलिंग करनी थी। पहले दिन 350 तो दूसरे दिन 300 को लोगों को बुलाया गया था। बुधवार को दोपहर 3.30 बजे तक जारी रही काउंसलिंग की प्रक्रिया में 442 प्रधानपाठक शामिल हो चुके थे। गुरुवार को काउंसलिंग का अंतिम दिन है। जिले में कुल 1024 प्रधानपाठकों के पदांकन के लिए काउंसलिंग पूरी करनी है।

पद खाली तो वहीं होगी पदस्थापना
काउंसलिंग में कुछ ऐसे प्रधानपाठक भी थे, जो जहां पदस्थ रहते हुए पदोन्नत हुए हैं और वहां प्रधानपाठक का पद खाली है। ऐसे लोग अपने पसंद के स्कूल में पदस्थापना की मांग करते रहे, लेकिन नियमानुसार उन्हें ऐसा अवसर नहीं दिया गया, जहां पदस्थ हैं, अगर वहां पद खाली है, तो प्रदोन्नत प्रधानपाठक को वहीं पदस्थ रहना होगा।

मैं हार्ट की मरीज, पात्र भी हूं, फिर भी दूसरे की पदस्थापना कर दी
गवर्नमेंट प्राइमरी स्कूल दीपका बस्ती में पदस्थ सावित्री जायसवाल ने आरोप लगाया है कि वे हार्ट की पेसेंट हैं। इसके बाद भी उन्हें इग्नोर कर अन्य ब्लाॅक के प्रधानपाठक को प्राथमिकता दी गई। उन्होंने बताया कि दीपका संकुल में 2 मई 2005 से कार्यरत हैं। वरियता क्रम में वे 74वें नंबर पर हैं। संकुल में 5 स्कूल हैं, जिसके लिए वे पात्र हैं, लेकिन पाली ब्लाॅक की जिस दावेदार का पदांकन हुआ है, उनकी वरीयता काफी कम है। मांग है कि अपने संकुल में ही उनकी पदस्थापना हो।

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