बस्तर में जवानों की शहादत पर बोले CRPF DG कह घटनाओं से हम लेते हैं सीख, स्टेट पुलिस के साथ तालमेल न मिलने की बात गलत है

बस्तर में जवानों की शहादत पर बोले CRPF DG कह घटनाओं से हम लेते हैं सीख, स्टेट पुलिस के साथ तालमेल न मिलने की बात गलत है

बस्तर पहुंचे CRPF के DG एस. एल थाओसेन ने करनपुर के कोबरा बटालियन कैंप में मीडिया से बातचीत की। बस्तर में हुई अलग-अलग नक्सल घटनाओं में CRPF जवानों की अधिक कैजुअल्टी होने वाले सवाल पर उन्होंने कहा कि, हमसे चूक हुई है। हर एक घटनाओं से हमें सीख मिली है। ऑपरेशन में हमसे जहां चूक हुई है उसपर काम किया गया है। लेकिन, क्या काम हुआ है यह सिक्योरिटी रीजन से उन्होंने मीडिया के सामने बताने से मना कर दिया।

DG ने कहा कि, अंदरूनी इलाकों में कैंप बिठाए गए हैं। नक्सली बैकफुट हुए हैं। स्थानीय जनता के साथ CRPF के अच्छे संबंध बने हैं। साथ ही ऑपरेशन में स्टेट पुलिस के साथ तालमेल न मिलने वाली बात को उन्होंने गलत ठहराया है। उन्होंने कहा कि, कश्मीर से लेकर छत्तीसगढ़ तक, साथ ही देश के अन्य राज्य जहां CRPF की कंपनियां हैं वहां स्टेट पुलिस के साथ बेहतर कॉर्डिनेशन स्थापित कर काम किया जा रहा है। एक साथ एक ही कैंप में रहेत हैं। साथ-साथ ऑपरेशन पर भी निकलते हैं। आपसी तालमेल से कई कामयाबी भी हाथ लगी है।

कोबरा की 201/204 बटालियन कार्यक्रम होगा।

कैंप बिठाने के अलावा भी होते हैं बहुत से काम- DG

DG ने कहा कि, अंदरूनी इलाकों में हमें सिर्फ कैंप ही नहीं बिठाना होता है। उसके पीछे भी बहुत से काम होते हैं। सड़कें कहां बनाएं? पुल-पुलिया का निर्माण कहां हो? गांवों का विकास कैसे करें? इसकी पूरी रणनीति बनाई जाती है। कोबरा बटालियन को स्टेबल किया गया है। हमारे पास अच्छे वॉरियर्स हैं। बिहार और झारखंड में हमने अच्छा काम किया है। वजह यह है कि दोनों जगह नक्सली लगभग खत्म हो चुके हैं। दोनों राज्य हमारे लिए मॉडल के रूप में हैं। अब प्रयास छत्तीसगढ़ से खत्म करने का है।

पिछले कुछ सालों में हुआ बदलाव

जब उनसे पूछा गया कि तेलंगाना की ग्रेहाउंड फोर्स जब भी ऑपरेशन पर निकलती है तो उन्हें बड़ी कामयाबी मिलती है। लेकिन, CRPF के साथ ऐसा क्यों नहीं होता? इसका जवाब देते कहा कि, ग्रेहाउंड किसी राज्य की फोर्स है। लेकिन, कोबरा CRPF की एंटी नक्सल ऑपरेशन के लिए स्पेशल फोर्स है। जो राज्य पुलिस के साथ मिलकर काम करती है। ग्रेहाउंड और CRPF कोबरा में यही फर्क है। DG ने कहा कि बस्तर से नक्सलवाद कब खत्म होगा इसकी समय सीमा मैं नहीं दे सकता। साल 2010 से लेकर 2020 और 2020 से लेकर 2023 तक के समय में काफी फर्क आया है। कई बदलाव हुए हैं।

अमित शाह के प्रवास को लेकर कैंप में सख्त सिक्योरिटी है।

अमित शाह आएंगे बस्तर

दरअसल, 25 मार्च को बस्तर के कोबरा बटालियन कैंप में CRPF का 84वां स्थापना दिवस कार्यक्रम आयोजित किया गया है। इस कार्यक्रम में शामिल होने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आज शाम बस्तर पहुंचेंगे। इससे पहले CRPF के DG ने प्रेस वार्ता ली। कैंप के चारों तरफ जवानों का सख्त पहरा है। आज शाम अमित शाह कोबरा बटालियन के कैंप में ही रात गुजारेंगे। फिर 25 मार्च को वे इसी कैंप में आयोजित क्रायक्रम में शामिल होंगे।

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