बुधवार को रायपुर में हुए भाजपा के विरोध प्रदर्शन में बमबारी हुई। भीड़ को तितर-बितर करने पुलिस ने बम फेंके। इनमें धुआं था तेज आवाज थी। इनके झटकों से भाजपा कार्यकर्ता घायल हुए हैं। विधानसभा की ओर बड़ी भीड़ बढ़ रही थी। ये भीड़ तीन बैरिकेड तोड़ चुकी थी। इन्हें खदेड़ने पुलिस जवान ने स्मोक बम फेंका। इससे घायल दो भाजपा कार्यकर्ताओं को अस्पताल भेजा गया। दूसरी तरफ आंदोलन के बीच भाजपा नेताओं से झड़प में प्रशासन ने 15 पुलिसकर्मियों के घायल होने का दावा किया है।
भाजपा ने इसे कांग्रेस की बर्बरता करार दिया। प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव घायल कार्यकर्ताओं से मिलने अस्पताल पहुंचे। पुलिस का फेंका बम बेमेतरा युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष परमेश्वर वर्मा और केशव साहू नाम के नेताओं पर फटा। इनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। साव ने कहा कि हमारे आंदोलन से डरकर हम पर इस तरह बम से हमले किए गए हैं। मगर बीजेपी कार्यकर्ता ऐसे हमलों से डरने और रुकने वाले नहीं हैं। इन दो कार्यकर्ताओं के अलावा पुलिस से झूमाझटकी और बैरिकेड तोड़ते हुए धारदार टीन की शीट्स की वजह से 5 से अधिक भाजपा कार्यकर्ता घायल हुए।
भाजपा का ये विरोध प्रदर्शन पिरदा मैदान में किया गया। यहां से दो किलोमीटर दूर विधानसभा के बेहद करीब भाजपा के लोग पहुंच चुके थे। ओवरब्रिज के पास जमा करीब 5 हजार से अधिक नेताओं और कार्यकर्ताओं की भीड़ संभल नहीं रही थी। इसी जगह पर पुलिस ने कार्यकर्ताओं पर वॉटर कैनन चलाई, और यहीं सड़क पर प्रदर्शनकारियों पर बम फेंके गए।
पुलिसकर्मी भी घायल
रायपुर कलेक्टर ने विधानसभा के करीब धारा 144 लागू कर दी थी। पुलिस का कहना है कि लगातार प्रदर्शनकारियों काे समझाइश दी जा रही थी। उन्हें रुकने और बैरिकेडिंग में तोड़फोड़ ना करने की सलाह दी जा रही थी। प्रदर्शनकारियों द्वारा पुलिस के साथ धक्का मुक्की हुज्जतबाज़ी भी की गई। एडिशनल एसपी विवेक शुक्ला, राहुल देव शर्मा, सीएसपी कोतवाली योगेश साहू, डीएसपी ट्रैफिक गुरजीत सिंह, थाना प्रभारी आज़ाद चौक नीतेश ठाकुर समेत लगभग 15 से 20 पुलिसकर्मियों को चोटें आईं। पुलिस का दावा है कि प्रदर्शनकारियों ने सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है।
जब कार्यकर्ताओं ने घेर लिया जवान को
भाजपा नेताओं की भीड़ बैरीकेड की ओर बढ़ रही थी। वॉटर कैनन की गाड़ी को रोक रही थी। ऐसे में कुछ पुलिस जवानों ने प्रदर्शनकारियों पर हाथ उठा दिया। भाजपा के प्रदर्शनकारियों को ये रास न आया। ऐसे कई मौके आए जब पुलिस के इन जवानों को भाजपा नेताओं ने घेर लिया। मौके पर फौरन भाजपा के बड़े नेताओं और पुलिस के आला अधिकारियों ने पहुंचकर हालात को काबू में लिया।
20 से ज्यादा लोगों की जेब कटी
प्रदर्शन में आई बड़ी भीड़ के बीच कुछ लोग चोरी और पॉकेटमारी के शिकार भी हुए। बाहर के जिलों से आए कई नेताओं का किसी ने पर्स पार कर दिया तो कई नेता देर शाम तक अपना मोबाइल फोन ही ढूंढते रहे। हालांकि किसी ने इसकी शिकायत अब तक थाने में नहीं की है। मगर पूरे आंदोलन की सुरक्षा व्यवस्था में 500 से अधिक पुलिस जवान और बड़े अफसर मौजूद थे। एक-दो पुलिस जवानों की भी जेब कटने की खबर है।
क्यों हुआ ये विरोध प्रदर्शन
भाजपा पूरे प्रदेश के अलग-अलग जिलों और विधानसभा इलाकों में मोर आवास मोर अधिकार अभियान चला रही थी। मुद्दा प्रदेश के करीब 20 लाख परिवारों को PM आवास योजना के मकान न देने का है। ये आरोप भाजपा ने कांग्रेस पर लगाया है, कहा गया है कि प्रदेश सरकार ने इस योजना में अपने हिस्से की रकम नहीं दी। इसी आंदोलन को बड़े स्तर पर रायपुर में विधानसभा घेराव के नाम से किया गया। प्रदेश भाजपा के सभी नेताओं ने इसमें हिस्सा लिया। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास भी इस आंदोलन में शामिल होने पहुंचे थे।