कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास में रहने वाली छात्राएं वार्डन के खिलाफ आंदोलनरत हो गई है। आज सभी छात्राएं हास्टल के बाहर निकली और वार्डन को हटाने के लिए धरना दे दिया। सूचना मिलने के बाद मौके पर स्कूल के प्रिन्सिपल और शहपुरा थाने की पुलिस भी पहुंची पर छात्राएं नही मानी और हंगामा करती रही। छात्राओं का आरोप है कि वार्डन ना सिर्फ दुर्व्यवहार करती बल्कि भूखा तक रहती है।
जबलपुर की शासकीय बालिका छात्रावास शहपुरा में 40 छात्राएं रहती है। आरोप है कि हॉस्टल वार्डन भीमा सिंह राजपूत उन्हें मानसिक रूप से परेशान तो करती ही है, इसके अलावा उन्हें भूखा तक रहती है। वार्डन के खिलाफ शिकायत करने सोमवार की रात सभी 40 छात्राएं शहपुरा थाने भी पहुंची थी, लेकिन पुलिस ने भी उनकी नही सुनी, लिहाजा आज सभी छात्राएं हॉस्टल के बाहर वार्डन के खिलाफ धरना पर बैठ गई।
छात्रा सुमित्रा ने बताया कि वार्डन भीमा सिंह राजपूत बहुत परेशान करती है। सभी छात्राएं दो दिन से भूखी है, पर वार्डन का इस और ध्यान नही गया कि बच्चियों से बात करें। उल्टा छात्राओं पर 50 रुपए की पेनल्टी लगाई जा रहीं कि हम लोग बाथरूम गंदा करते है। करता कोई एक है, और वार्डन मैडम सजा सबको देती है। छात्राओं का कहना है कि गंदी-गंदी गालियां सुनते-सुनते थक गए है, इसलिए जब तक वार्डन भीमा सिंह को हटाया नही जाता तब कोई भी छात्रा हॉस्टल के अंदर नही जाएगी।
कस्तूरबा गांधी बालिका हॉस्टल के छात्राएं धरने पर बैठी है यह जानकारी जब प्राचार्य को लगी तो वह भी हॉस्टल पहुंचे। प्रिन्सिपल का कहना है कि बच्चियों कों वार्डन परेशान कर रहीं है, उन्हें भूखा रखा जा रहीं है, इसकी शिकायत आज तक मेरे पास नही आई है। आज अचानक से छात्राओं ने उग्र रूप लेते हुए आंदोलन शुरू कर दिया है। प्रिन्सिपल का कहना है कि वार्डन को मैंने बुलाया है, उनसे भी पूछताछ की जाएगी। इसके अलावा बच्चों की मांगों पर उच्च अधिकारियों से बात की जाएगी।
हॉस्टल में रहने वाली 40 में से कई लड़कियां 10 वी क्लास में पढ़ती है, जिनका बुधवार से फाइनल पेपर भी है, बावजूद इसके हॉस्टल में रहने वाली छात्राएं आंदोलन जारी रखने की बात कह रहीं है। बहरहाल अब देखना ये होगा कि वार्डन और छात्राओं के बीच चला आ रहा मतभेद कब खत्म होता है।