कांकेर जिले के देवरी गांव के पास शनिवार को तेंदुए के शावक का शव मिला है। कांकेर-भानुप्रतापपुर मार्ग पर तेंदुए का शव मिला। सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और शव को अपने कब्जे में ले लिया है। आशंका जताई जा रही है कि तेंदुए की मौत गाड़ी से टक्कर में हुई होगी।
तेंदुए के मृत शावक की उम्र 6 से 7 माह बताई जा रही है। उसके शव पर चोट के निशान हैं। वन विभाग के अधिकारी ने बताया कि जिस तरह के चोट शावक के शरीर पर पाए गए हैं, इससे लगता है कि उसे किसी वाहन ने जोरदार टक्कर मारी होगी, जिसके कारण उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
ग्रामीणों ने बताया कि शनिवार 18 फरवरी की सुबह उन्होंने देवरी गांव की बस्ती के नजदीक तेंदुए का शव देखा और इसकी सूचना सरपंच को दी। सरपंच ने तत्काल वन विभाग को फोन लगाया। घटना की सूचना मिलने के बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और शव का पंचनामा कर उसे वन विभाग के रेस्ट हाउस ले जाया गया है, जहां तेंदुए के शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
6 से 7 माह के शावक की लाश गांव के नजदीक मिलने से ये भी अनुमान लगाया जा रहा है कि आसपास ही मादा तेंदुआ भी होगी। वन विभाग ने ग्रामीणों को सतर्क रहने के लिए कहा है। वन अमला आसपास के क्षेत्रों में निगरानी भी कर रहा है।
फिर आबादी वाले इलाकों में नजर आने लगे जंगली जानवर
ठंड कम होते ही एक बार फिर जंगली जानवर आबादी वाले इलाकों में नजर आने लगे हैं। कांकेर शहर से शिव नगर की पहाड़ी पर भी तेंदुआ देखा गया है, जिससे लोगों में दहशत बनी हुई है। इधर रोजाना भालू भी पहाड़ी से उतरकर रिहायशी इलाकों में पहुंच रहे हैं। जंगली जानवरों के आबादी वाले इलाकों में घुसने से लोगों की जान आफत में है।
पिछले साल अक्टूबर में देखे गए थे 4 तेंदुए
कांकेर जिले में 24 अक्टूबर को दिवाली की रात 2 अलग-अलग गांवों में 4 तेंदुए देखे गए थे। तेंदुए सड़क किनारे बैठे रहे। राहगीरों ने तेंदुओं की तस्वीर अपने मोबाइल में कैद कर ली थी। इसकी जानकारी वन विभाग की टीम को भी दी गई। उस वक्त दहशत की वजह से लोग घरों से बाहर तक नहीं निकल पा रहे थे। कांकेर जिला मुख्यालय से महज 5 किमी दूर नरहरपुर मार्ग पर स्थित डुमाली गांव के पास 24 अक्टूबर की देर रात कुल 3 तेंदुए देखे गए थे, जबकि सिदेसर गांव के पास भी एक तेंदुआ नजर आया था।