छतरपुर जिले में रविवार देर रात हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला। रात करीब 11 बजे चन्दला के भाजपा विधायक राजेश प्रजापति अपने समर्थकों के साथ लवकुश नगर थाने पहुंचे थे। वे यहां एक दिव्यांग महिला से हुई छेड़छाड़ को लेकर मामला दर्ज कराना चाहते थे। इसी दौरान थाना प्रभारी हेमंत नायक से उनकी तीखी बहस हो गई, जिसके बाद करीब 11.30 बजे विधायक थाने के गेट पर ही धरने पर बैठ गए। उन्होंने FIR और थाना प्रभारी पर कार्रवाई का आश्वासन मिलने के बाद सुबह 4.30 बजे धरना खत्म किया।
पहले जानिए रविवार रात हुआ क्या था?
विधायक और थाना प्रभारी के बीच हुई बहस का एक वीडियो वायरल हो रहा है। 45 सेकंड के इस वीडियो में चन्दला विधायक राजेश प्रजापति लवकुश नगर थाने के चैनल गेट पर बैठे हुए दिख रहे हैं।
विधायक कहते हैं- ये देखिए ये कैसी बात कर रहे हैं, वह भी विधायक से। तभी पास खड़े थाना प्रभारी हेमंत नायक जवाब में कहते हैं कि हां बनाइए वीडियो… विधायक से बात नहीं करें। जबरन झूठे मुकदमे कायम करा रहे हैं आप।
विधायक कहते हैं- चिल्लाइए नहीं मेरे पर। आप चिल्ला नहीं सकते, तभी थाना प्रभारी कहते हैं कि आप आराम से बात करिए। आप बैठिए और झूठा मुकदमा कायम कराने आ गए…। बताइए कहां किसको चोट लगी है। साहब से बात कर लीजिए…। साहब लाइन पर हैं। आप झूठा मुकदमा कायम कराने आए हैं।
विधायक ने कहा कि आप बात कीजिए। आप मुकदमा झूठा किए हैं। आप उल्टी सीधी बकवास नहीं कर सकते। इसके बाद थाना प्रभारी ने भी विधायक ने कहा- ऐ बकवास की बात नहीं करना मुझसे। बता दिया मैंने… अगर उल्टे सीधे शब्दों का प्रयोग किया तो दिक्कत खड़ी हो जाएगी।
इस बहस के बाद टीआई और विधायक के बीच जमीन पर बैठकर बातचीत हुई…
थाना प्रभारी: आपसे यही तो कहा कि आप आवेदन दीजिए। हम कार्रवाई करेंगे।
विधायक: आपको चिल्लाना नहीं चाहिए था।
थाना प्रभारी: आप थानेदार से ऐसा कहेंगे कि बकवास मत करिए। हम चिल्लाने की तो बात ही नहीं कर रहे। हम तो आपको कुर्सी पर बिठाए।
विधायक: इसकी रिकॉर्डिंग एसपी साहब के पास है, आप ज्यादा ही एग्रेसिव हो रहे थे।
थाना प्रभारी: एग्रेसिव वाली बात है, जैसा आप कह रहे थे फालतू बकवास मत करिए। हम कोई घर का काम तो कर नहीं रहे।
विधायक: आपका टोन अच्छा नहीं था, हां, हूं बोलो…यह अच्छा टोन नहीं था।
थाना प्रभारी: सुन लीजिए भाई साब अंदर से टोन अगर अच्छा नहीं होता तो आप हमारे पास 15 मिनट नहीं बैठते।
विधायक: माफ करिए
थाना प्रभारी: माफ करने का तो प्रश्न ही नहीं है। माफ क्यों करेंगे हम। हम तो कार्रवाई करने को हैं। कार्रवाई करेंगे। आप आवेदन दिलाइए उनसे हम कार्रवाई करेंगे।
विधायक: मुझ पर कार्रवाई कीजिए। आपको चिल्लाया मैंने। आप कार्रवाई कीजिए।
थाना प्रभारी: हम आपसे से पूछ रहे हैं कि आदेश करिए। बताइए क्या बात है। चोट अगर किसी महिला को या पुरुष को नहीं लगी तो तस्दीक तो करानी पड़ेगी।
विधायक: तो क्या चोट आपको दिखाए। चोट आदमी को नहीं औरत को लगी है। उसने आपको दिखाया है। आपने वीडियो बनाए।
थाना प्रभारी: किसको दिखाई?
विधायक: हमसे बात नहीं करिए।
थाना प्रभारी: बात तो करनी पड़ेगी। आप हमारे कार्यालय में हैं। आपसे आग्रह कर रहे हैं कि अंदर बैठिए। इस तरह की चीजों का कोई अर्थ नहीं है। न कोई मतलब निकलता है।
विधायक: जनता के पैसे से आप खा रहे हैं, और आप गाली देकर बात कर रहे हैं।
थाना प्रभारी: पैसे से तो दोनों लोग खा रहे भाई साब! आप भी और हम भी। हम तो हमेशा प्रयास करते हैं कि चीजें सही हो। आप जबरदस्ती वहां से निकल आए। चिल्लाचोट करते हुए निकल आए। आप जनप्रतिनिधि हो। ये बात अच्छी नहीं लगती है। चलिए अंदर चलिए।
विधायक: आप लोगों की दी हुई कुर्सी मुबारक हो।
ASP को सौंपी गई जांच
विवाद के बाद छतरपुर SP सचिन शर्मा भी देर रात मौके पर पहुंच गए। एसपी ने विधायक राजेश प्रजापति को धरना खत्म करने के लिए कहा, लेकिन विधायक थाना प्रभारी को हटाने की मांग को लेकर डटे रहे। भाजपा विधायक को धरने पर बैठा देख बड़ामलहरा विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी और पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष पुष्पेंद्र प्रताप सिंह भी मौके पर पहुंच गए। थाना प्रभारी हेमंत नायक पर कार्रवाई का आश्वासन मिलने के बाद वह धरने से हटे।
मामले में सोमवार सुबह एसपी सचिन शर्मा ने एक ट्वीट कर कहा कि थाना लवकुश नगर के वायरल वीडियो को संज्ञान में लेते हुए थाना प्रभारी को तत्काल प्रभाव से लाइन अटैच कर दिया गया है, अग्रिम कार्रवाई के लिए ASP विक्रम सिंह को जांच सौंपी गई है।
विधायक की जुबानी जानें पूरा घटनाक्रम
चन्दला विधायक राजेश प्रजापति ने दैनिक भास्कर से बात करते हुए मामले को लेकर विस्तार से बताया। उन्होंने कहा- मेरे विधानसभा क्षेत्र की एक मूक बधिर महिला से छेड़छाड़ का मामला था। वह FIR लिखाने गई थी कि गांव का आपराधिक किस्म का एक व्यक्ति उनके घर घुस गया था। उसने उनसे छेड़छाड़ की। वह व्यक्ति शराब पीकर लोगों से विवाद भी करता है।
जब FIR नहीं लिखी गई तो वह महिला बच्चे समेत मेरे घर आ गईं। पहले मैंने थाना प्रभारी से फोन पर कहा कि इनकी शिकायत लिखिए। तो उन्होंने कहा कि मेरे पास भेज दीजिए। जब मैंने उन्हें भेजा तो उन्हें थाना प्रभारी ने FIR लिखने की जगह उल्टे उन्हें वापस घर भेज दिया। इसके बाद वे फिर मेरे पास आ गए। मैं विकास यात्रा में था। जब आया तो मैं थाने पहुंचा, लेकिन तब भी थाना प्रभारी ने FIR लिखने से मना कर दिया। वे उल्टे-सीधे सवाल करने लगे। पूछने लगे कि बताइए कहां चोट लगी है। मुझसे ही उलझ गए। उन्होंने कहा कि आप मुझे समझाओगे कि क्या करना है।
सके बाद मैंने कहा कि मैं समझा नहीं रहा हूं, बता रहा हूं कि यह तरीका सही नहीं है। वह महिला मूक-बधिर है, उससे आप पूछ रहो हो कि कहां चोट लगी। वह क्या बताएगी कहां चोट लगी है। FIR लिखिए जांच कीजिए। ये आपराधिक किस्म के लोग हैं, रोज घूमते हैं गांव में। कार्रवाई नहीं हो रही है, उनको संरक्षण मिल रहा है।
विधायक ने आगे बताया कि इसके बाद मुझे मजबूरी में वहां पर बैठना पड़ा और आपने देखा ही होगा किस तरह से उन्होंने बर्ताव किया है। मुझे धमकी देकर कहा कि भुगतना पड़ेगा। क्या भुगतना पड़ेगा यह समझ नहीं आ रहा मुझे। इसके बाद मैं वहां बैठ गया। इसके बाद रात साढ़े तीन-चार बजे एसपी साहब ने आश्वासन दिया कि उनको आज सस्पेंड कर दिया जाएगा। जांच बैठाई जाएगी। लाइन अटैच करने की कार्रवाई तो कर दी गई है। अगर संस्पेंड नहीं किया गया तो मामला विधानसभा में रखूंगा। यह विधानसभा सदस्य की अवमानना का मामला है। मैं सदन में अपनी बात रखूंगा।
एसपी बोले- महिला ने फरियादी पर लगाया आरोप
विवाद के बारे में जानकारी देते हुए छतरपुर SP सचिन शर्मा ने बताया- छतरपुर जिले के ग्राम मुंडेरी से एक प्रकरण संज्ञान में आया था। जहां पर एक व्यक्ति के खिलाफ तीन लोगों ने मारपीट की थी। जैसे ही फरियादी अपनी रिपोर्ट करने पहुंचा था, पीछे से उसी व्यक्ति के खिलाफ एक महिला भी आवेदन लेकर आई कि उस व्यक्ति ने छेड़खानी की है। इसी मामले में विधायक जी उस महिला के साथ उस आवेदन लेकर आए थे। वहां पर कुछ हल्का-फुल्का विवाद हुआ था। जिसका संज्ञान लिया गया है। इसमें जो थाना प्रभारी हैं उन्हें लाइन अटैच किया गया है। जांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी को दी गई है। जांच में जो भी तथ्य निकलकर आएंगे उसके हिसाब से कार्रवाई की जाएगी।
FIR न लिखते हुए थाना प्रभारी बदतमीजी करने लगे: प्रद्युम्न सिंह लोधी
इस मामले को लेकर बड़ा मलहरा विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी ने कहा कि विधायक जी FIR की मांग को लेकर लवकुश नगर थाने आए थे। थाना प्रभारी हेमंत नायक ने FIR ना लिखते हुए उनसे बदतमीजी की। इसका वीडियो वायरल होने के बाद हम सब भी मौके पर पहुंचे। थाना प्रभारी पर कार्रवाई की जाएगी। उनका यह भी कहना था कि थाना प्रभारी को लाइन हाजिर कर दिया है, और अब जो भी कार्रवाई बनेगी वह भी की जाएगी।
थाना प्रभारी से हुई बहस के बाद विधायक राजेश प्रजापति थाना परिसर में ही धरने पर बैठ गए। इस दौरान बड़ा मलहरा विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी समेत बड़ी संख्या में उनके समर्थक भी जमा हो गए थे।
पहले भी कलेक्टर बंगले पर धरने पर बैठे थे विधायक
बीजेपी विधायक राजेश प्रजापति की अपनी ही सरकार में नहीं सुनी जा रही है। बीती रात की तरह एक वाकया नवंबर 2021 में भी सामने आया था जब जिले के कलेक्टर उन्हें मिलने के लिए वक्त नहीं दे रहे थे। ऐसे में वह कलेक्टर शीलेंद्र सिंह के बंगले पर धरने पर बैठ गए थे। राजेश प्रजापति ने कलेक्टर पर आरोप भी लगाए थे कि वह दलित विधायक हैं, इसलिए उनकी नहीं सुनी जा रही है।