छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा है कि बीजेपी मेरी चिंता यदि करती है तो मैं उनको धन्यवाद ही दे सकता हूं। मगर मैं अपने परिवार को देखता हूं। मेरा अपना परिवार है। मैं बीजेपी की चिंता नहीं करता हूं। सिंहदेव रविवार रात को बालोद पहुंचे थे। यहीं वे मीडिया से चर्चा कर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा की है।
सिंहदेव ने कहा कि मैं पहले भी सार्वजनिक रूप से कहा चुका हूं कि राज्यपाल गलत कर रही हैं कि आरक्षण बिल पर हस्ताक्षर नहीं कर रहीं। वो उस बिल को लेकर बैठ गई हैं। ये सही है कि संविधान में ये प्रावधान नहीं है कि वो कब तक बिल पर हस्ताक्षर करेंगे। अगर वो इस बिल से असहमत हैं तो वापस भेज दें,अगर सहमत हैं तो हस्ताक्षर दें। मगर इस तरह से देर करना ठीक नहीं है।
उन्होंने कहा कि इस तरह से बिल को रोकने से कई भर्तियां रुकी हुई हैं। ये एक संवेदनशील मुद्दा है। नए राज्यपाल से उम्मीद की बात ही नहीं है। ये उनकी भी जिम्मेदारी है कि इस विषय पर जल्द निर्णय लें।
सिंहदेव ने भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या पर कहा कि लॉ एंड को कंट्रोल करना विभाग का काम है। कभी ऐसा होता है कि हम पहले से पता नहीं लगा सकते कि क्या होने वाला है। ऐसे में यदि पहले से रंजिश है तो सतर्क रहना चाहिए। कई बार घटना होने के बाद स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता है।
कई घोषणाओ पर काम बाकी
सिंहदेव ने कांग्रेस के घोषणा पत्र को लेकर भी बात की है। उन्होंने कहा कि घोषणा पत्र कांग्रेस ने बनाया था। कई काम हो चुके हैं। कई काम होना बाकी हैं। जैसे युवाओं का बेरोजगारी पेंशन है वह बाकी है। नागरिकों का पेंशन बढ़ना बाकी है। दैनिक वेतन भोगी के नियमितीकरण की बात पर भी शासन को निर्णय लेना है। ये चुनाव के पहले का आखिरी बजट है। शासन इन सब मुद्दों पर जरूर निर्णय लेगा। मुख्यमंत्री भी इन मुद्दों पर निर्णय लेंगे।
निजी कार्यक्रम में शामिल होने आए थे
दरअसल, सिंहदेव बालोद के 94 ग्राम झलमला में एक निजी कार्यक्रम में शामिल होने आए थे। इसके पहले उन्होंने पत्रकारों से चर्चा की है और गंगा मैया मंदिर में पूजा अर्चना भी की। उनके स्वागत के लिए बड़ी संख्या में कार्यकर्ता पहुंचे थे। मंदिर दर्शन करने के बाद सिंहदेव खुद कार ड्राइवर करते हुए निकल गए। उनके साथ मंत्री अनिला भेड़िया समेत तमाम नेता मौजूद रहे।
इस बयान के चलते सिंहदेव ने दिया बयान
असल में पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा था कि सिंहदेव राजपरिवार के हैं, वो ठाकुर हैं, और वह वही बात करते हैं, अब मरा तो मारा, तो लोगों का विश्वास उठ जाता है। उनके इसी प्रकार के कामों के कारण जनता उन्हें इग्नौर करने लगीे है। अब उनको खोया हुआ गौरव वापस लेना है तो इस सराकर को लात मारकर 2023 में बीजेपी की सरकार बनाने के लिए काम करना चाहिए।
सिंहदेव कौन से बिल की बात कर रहे थे
छत्तीसगढ़ में अनुसूईया उइके को सरकार से टकराने वाली राज्यपाल के रूप में याद किया जाएगा। उन्होंने सामान्य प्रशासनिक कामकाज में भी राजभवन की भूमिका का विस्तार कर दिया। सुपेबेड़ा के किडनी रोग प्रभावितों से मिलने जाकर उन्होंने सरकार को असहज किया। उसके बाद कुलपतियों की नियुक्ति में सरकार की सिफारिशों को नलरअंदाज कर नियुक्ति कर सीधा टकराव मोल लिया। सरकार ने कुलपति नियुक्ति का अधिकार बदलने का विधेयक पारित कर भेजा तो उसे रोक लिया। विवादित कृषि कानूनों का प्रभाव कम करने वाले विधेयकों को भी रोक कर रखा। आरक्षण विवाद तो हद से आगे बढ़ गया। राज्यपाल ने यह विधेयक रोक लिया तो सरकार राज्यपाल के खिलाफ उच्च न्यायालय पहुंच गई। इस बीच उइके को मणिपुर भेज दिया गया है।