भीषण भूकंप के बाद बचाव कार्य तेज़ी से चल रहा है. इस बचाव कार्य में तेज़ बारिश और बर्फबारी चुनौती बनकर सामने आ रही हैं.
भूकंप की चपेट में आई इमारतों के नीचे लोग दबे हुए हैं या फिर मलबे में फंसे हुए हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने आशंका जताई है कि मरने वालों का आंकड़ा काफ़ी ज़्यादा हो सकता है. तुर्की की मदद के लिए भारत सरकार ने राहत सामग्री में काम आने वाली कई चीजें भेजी हैं.
भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने इस बारे में जानकारी दी है. इस मदद के लिए तुर्की के राजदूत फिरत सुनेल ने भारत का आभार जताया है और कहा है कि मुश्किल वक़्त में दोस्त ही काम आता है।
भूकंप की जो तस्वीरें सामने आ रही हैं, उसके बाद कई लोग अपने घरों में लौटने से डर रहे हैं. इन सबके बीच राहत कार्य जारी हैं.
तुर्की, सीरिया में राहत कार्य: नई जानकारियां
- तुर्की की इमरजेंसी एजेंसी एएफएडी ने कहा है कि 65 देशों से 2600 से ज़्यादा बचावकर्मी मदद के लिए आगे आए हैं.
- तुर्की में बचावकर्मी 629 क्रेन और 360 गाड़ियां इस्तेमाल कर रहे हैं.
- अब तक तीन लाख से ज़्यादा कंबल और 41 हज़ार से ज़्यादा फैमिली टेंट मुहैया करवाए गए हैं.
- भूकंप से प्रभावित लोगों को रसोई से जुड़ा सामान भी मुहैया करवाया जा रहा है.
- भूकंप के कारण हज़ारों इमारतें ढह चुकी हैं और आशंका है कि प्रभावित लोगों की संख्या लाख को पार कर सकती है.
- सीरिया की मदद के लिए ईरान और इराक भी आगे आए हैं.