NHM की संविदा स्टाफ नर्स परीक्षा का पेपर लीक,सात आरोपियों ने 15 लाख रुपए में खरीदा पर्चा, स्टूडेंट्स को एक से डेढ़ लाख में बेचा

NHM की संविदा स्टाफ नर्स परीक्षा का पेपर लीक,सात आरोपियों ने 15 लाख रुपए में खरीदा पर्चा, स्टूडेंट्स को एक से डेढ़ लाख में बेचा


NHM (नेशनल हेल्थ मिशन) मध्यप्रदेश की 7 फरवरी को आयोजित संविदा स्टाफ नर्स भर्ती परीक्षा का पर्चा लीक होने के बाद एग्जाम को निरस्त कर दिया गया है। ग्वालियर की डबरा पुलिस और क्राइम ब्रांच ने इस मामले में सात लोगों को टेकनपुर की होटल से पकड़ा है। आरोपियों में दो लोग उत्तरप्रदेश, दो लोग हरियाणा और तीन आरोपी ग्वालियर के रहने वाले हैं।

आरोपियों ने 15 लाख रुपए में पेपर खरीदा था। परीक्षा निरस्त करने की पुष्टि NHM मध्यप्रदेश के मुख्य प्रशासकीय अधिकारी केके रावत के आदेश से हुई है, जाे परीक्षा एजेंसी के एमडी को लिखा गया है। पकड़े गए संदिग्ध इलाहाबाद के रहने वाले बताए जा रहे हैं।

परिजन से मिली गड़बड़ी की सूचना के बाद मारा छापा

मंगलवार सुबह पुलिस को एक छात्र के परिजन ने सूचना दी कि कुछ लोगों ने उनसे संपर्क किया है। वो डील करने डबरा के टेकनपुर स्थित होटल के पास बुला रहे हैं। यहां बड़ी डील हो सकती है। इसके बाद क्राइम ब्रांच ने वहां छापा मारा और 33 लोगों को पकड़ा। इनमें से सात आरोपी हैं, जो पर्चा बेच रहे थे। दो आरोपी उत्तरप्रदेश के मेरठ और इलाहबाद के रहने वाले हैं। बाकी दो आरोपी हरियाणा और तीन ग्वालियर के रहने वाले हैं। इसके अलावा पकड़ाए गए 26 स्टूडेंट्स में से 15 लड़कियां और 11 लड़के हैं। आरोपियों ने स्टूडेंट्स को पर्चा बेचना भी कबूल किया है। सभी छात्रों को आरोपियों ने टेकनपुर बुलाया था। ग्वालियर में चार सेंटर पर एग्जाम होना थे।

आरोपियों के पास से परीक्षार्थियों के डॉक्यूमेंट्स भी मिले

एनएचएम एमपी के मुख्य प्रशासकीय अधिकारी केके रावत ने संविदा स्टाफ नर्स परीक्षा निरस्त कर दी।

तलाशी में आरोपियों के पास से कई स्टूडेंट्स के डाॅक्यूमेंट्स भी मिले हैं। जो पर्चा लीक मामले में कथित आरोपियों ने गारंटी के तौर पर रखे थे। आरोपियों ने पुलिस को बताया कि जिन उम्मीदवारों से पर्चे का सौदा हुआ था, उन सभी से टोकन अमाउंट लिया गया था। बकाया राशि एग्जाम के बाद लिया जाना तय हुआ था। एग्जाम के बाद संबंधित उम्मीदवार सौदा नहीं तोड़ें, इसके लिए उनके ओरिजिनल अकेडमिक डॉक्यूमेंट गारंटी के रूप में रखे गए थे।

एनएचएम एमपी के मुख्य प्रशासकीय अधिकारी केके रावत ने संविदा स्टाफ नर्स परीक्षा निरस्त कर दी।
एनएचएम एमपी के मुख्य प्रशासकीय अधिकारी केके रावत ने संविदा स्टाफ नर्स परीक्षा निरस्त कर दी।
सेम्स नाम की कंपनी से ऑनलाइन खरीदा था पर्चा

पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्हाेंने पर्चा स्ट्रेटेजिक अलायंस मैनेजमेंट सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड (SAMS) नाम की कंपनी की वेबसाइट से ऑनलाइन खरीदा था। यह कंपनी सरकारी विभागों में रिक्रूटमेंट कंसल्टिंग का काम करती है। इसके एवज में 15 लाख रुपए भी चुकाए थे। हालांकि यह साफ नहीं हो सका है कि कंपनी के पास पर्चा कहां से आया। फिलहाल कंपनी से संबंधित कोई भी व्यक्ति नहीं पकड़ा गया है। परीक्षा ले रही एजेंसी से आरोपियों का सीधा कनेक्शन नहीं है। आराेपी इसी कंपनी के जरिए ही पूरा काम कर रहे थे। पुलिस इस मामले में NHM के अफसरों की भूमिका भी जांच रही है।

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किसी ने एक तो किसी ने डेढ़ लाख में खरीदा पर्चा

इस गैंग से 15 छात्राओं व 11 छात्रों ने पर्चा खरीदा था। किसी को एक लाख तो किसी को डेढ़ और दो लाख रुपए तक में पर्चा बेचा गया था। असल में आरोपी परीक्षार्थी की ओरिजनल मार्कशीट जमा करा लेते थे। उसके बाद पर्चा देते थे। गारंटी लेते थे कि जब पूरा पर्चा हूबहू आ जाए, तो पैसे देकर मार्कशीट ले जाना। पकड़े गए आरोपियों से 26 कैंडिडेट्स की मार्कशीट भी मिली हैं। बताया जा रहा है कि आराेपियों का भोपाल, इंदौर और जबलपुर में तगड़ा नेटवर्क है। वहां भी इनके रैकेट सक्रिय होने की पुष्टि हुई है।

भोपाल में संविदा स्टाफ नर्स भर्ती परीक्षा स्थगित होने के बाद परीक्षा केंद्र सैम कॉलेज के बाहर परीक्षार्थियों ने हंगामा करते हुए जाम लगा दिया।

भोपाल में संविदा स्टाफ नर्स भर्ती परीक्षा स्थगित होने के बाद परीक्षा केंद्र सैम कॉलेज के बाहर परीक्षार्थियों ने हंगामा करते हुए जाम लगा दिया।
भोपाल में संविदा स्टाफ नर्स भर्ती परीक्षा स्थगित होने के बाद परीक्षा केंद्र सैम कॉलेज के बाहर परीक्षार्थियों ने हंगामा करते हुए जाम लगा दिया।
पेपरलीक को लेकर कांग्रेस हुई हमलावर

मामले को लेकर नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में शिक्षा माफिया का राज है। माफिया और सरकार के नुमाइंदों की साठगांठ से सब हो रहा है। अब सरकार स्टूडेंट्स के खर्च हुए पैसों को वापस करे, साथ ही निरस्त की गई एग्जाम को एक महीने में करवाए। उधर मप्र कांग्रेस के मीडिया एडवाइजर पीयूष बबेले ने ट्विटर पर लिखा, ‘मध्यप्रदेश में चुनावी वर्ष में एक बार फिर से शिवराज सरकार ने व्यापम जैसे घोटालों को हवा दे दी है। ग्वालियर में नर्स भर्ती परीक्षा का प्रश्न पत्र परीक्षा से 1 दिन पहले ही आउट हो गया। मिस्टर घोटाला की सरकार में मुन्ना भाई खुला खेल खेल रहे हैं। अभ्यर्थियों ने जमकर हंगामा किया।’

कांग्रेस के मीडिया ए़डवाइजर पीयूष बबेले का ट्वीट।
कांग्रेस के मीडिया ए़डवाइजर पीयूष बबेले का ट्वीट।
भोपाल में सैम कॉलेज के बाहर प्रदर्शन

NHM एमपी की संविदा स्टाफ नर्स भर्ती परीक्षा का एक परीक्षा केंद्र भोपाल के सैम कॉलेज में बनाया गया था। यहां दोपहर की पारी में स्टूडेंट्स को एग्जाम हॉल में बिठा लिया गया। परीक्षा, जब तय समय पर शुरू नहीं हुई तो उम्मीदवारों ने एग्जाम हॉल में ड्यूटी कर रहे पर्यवेक्षकों से पूछताछ की। उम्मीदवारों को पहले तो पर्यवेक्षकों ने एग्जाम सर्वर स्लो होने का हवाला दिया। करीब 10 मिनट बाद परीक्षा निरस्त होने की सूचना सभी उम्मीदवारों को दे दी। इससे नाराज परीक्षार्थियों ने भोपाल के रायसेन रोड स्थित सैम कॉलेज के बाहर विराेध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया।

NHM (नेशनल हेल्थ मिशन) मध्यप्रदेश की 7 फरवरी को आयोजित संविदा स्टाफ नर्स भर्ती परीक्षा का पर्चा लीक होने के बाद एग्जाम को निरस्त कर दिया गया है। ग्वालियर की डबरा पुलिस और क्राइम ब्रांच ने इस मामले में सात लोगों को टेकनपुर की होटल से पकड़ा है। आरोपियों में दो लोग उत्तरप्रदेश, दो लोग हरियाणा और तीन आरोपी ग्वालियर के रहने वाले हैं।

आरोपियों ने 15 लाख रुपए में पेपर खरीदा था। परीक्षा निरस्त करने की पुष्टि NHM मध्यप्रदेश के मुख्य प्रशासकीय अधिकारी केके रावत के आदेश से हुई है, जाे परीक्षा एजेंसी के एमडी को लिखा गया है। पकड़े गए संदिग्ध इलाहाबाद के रहने वाले बताए जा रहे हैं।

परिजन से मिली गड़बड़ी की सूचना के बाद मारा छापा

मंगलवार सुबह पुलिस को एक छात्र के परिजन ने सूचना दी कि कुछ लोगों ने उनसे संपर्क किया है। वो डील करने डबरा के टेकनपुर स्थित होटल के पास बुला रहे हैं। यहां बड़ी डील हो सकती है। इसके बाद क्राइम ब्रांच ने वहां छापा मारा और 33 लोगों को पकड़ा। इनमें से सात आरोपी हैं, जो पर्चा बेच रहे थे। दो आरोपी उत्तरप्रदेश के मेरठ और इलाहबाद के रहने वाले हैं। बाकी दो आरोपी हरियाणा और तीन ग्वालियर के रहने वाले हैं। इसके अलावा पकड़ाए गए 26 स्टूडेंट्स में से 15 लड़कियां और 11 लड़के हैं। आरोपियों ने स्टूडेंट्स को पर्चा बेचना भी कबूल किया है। सभी छात्रों को आरोपियों ने टेकनपुर बुलाया था। ग्वालियर में चार सेंटर पर एग्जाम होना थे।

आरोपियों के पास से परीक्षार्थियों के डॉक्यूमेंट्स भी मिले

कांग्रेस के मीडिया ए़डवाइजर पीयूष बबेले का ट्वीट।

तलाशी में आरोपियों के पास से कई स्टूडेंट्स के डाॅक्यूमेंट्स भी मिले हैं। जो पर्चा लीक मामले में कथित आरोपियों ने गारंटी के तौर पर रखे थे। आरोपियों ने पुलिस को बताया कि जिन उम्मीदवारों से पर्चे का सौदा हुआ था, उन सभी से टोकन अमाउंट लिया गया था। बकाया राशि एग्जाम के बाद लिया जाना तय हुआ था। एग्जाम के बाद संबंधित उम्मीदवार सौदा नहीं तोड़ें, इसके लिए उनके ओरिजिनल अकेडमिक डॉक्यूमेंट गारंटी के रूप में रखे गए थे।

एनएचएम एमपी के मुख्य प्रशासकीय अधिकारी केके रावत ने संविदा स्टाफ नर्स परीक्षा निरस्त कर दी।

सेम्स नाम की कंपनी से ऑनलाइन खरीदा था पर्चा

पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्हाेंने पर्चा स्ट्रेटेजिक अलायंस मैनेजमेंट सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड (SAMS) नाम की कंपनी की वेबसाइट से ऑनलाइन खरीदा था। यह कंपनी सरकारी विभागों में रिक्रूटमेंट कंसल्टिंग का काम करती है। इसके एवज में 15 लाख रुपए भी चुकाए थे। हालांकि यह साफ नहीं हो सका है कि कंपनी के पास पर्चा कहां से आया। फिलहाल कंपनी से संबंधित कोई भी व्यक्ति नहीं पकड़ा गया है। परीक्षा ले रही एजेंसी से आरोपियों का सीधा कनेक्शन नहीं है। आराेपी इसी कंपनी के जरिए ही पूरा काम कर रहे थे। पुलिस इस मामले में NHM के अफसरों की भूमिका भी जांच रही है।

किसी ने एक तो किसी ने डेढ़ लाख में खरीदा पर्चा

इस गैंग से 15 छात्राओं व 11 छात्रों ने पर्चा खरीदा था। किसी को एक लाख तो किसी को डेढ़ और दो लाख रुपए तक में पर्चा बेचा गया था। असल में आरोपी परीक्षार्थी की ओरिजनल मार्कशीट जमा करा लेते थे। उसके बाद पर्चा देते थे। गारंटी लेते थे कि जब पूरा पर्चा हूबहू आ जाए, तो पैसे देकर मार्कशीट ले जाना। पकड़े गए आरोपियों से 26 कैंडिडेट्स की मार्कशीट भी मिली हैं। बताया जा रहा है कि आराेपियों का भोपाल, इंदौर और जबलपुर में तगड़ा नेटवर्क है। वहां भी इनके रैकेट सक्रिय होने की पुष्टि हुई है।

पेपरलीक को लेकर कांग्रेस हुई हमलावर

मामले को लेकर नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में शिक्षा माफिया का राज है। माफिया और सरकार के नुमाइंदों की साठगांठ से सब हो रहा है। अब सरकार स्टूडेंट्स के खर्च हुए पैसों को वापस करे, साथ ही निरस्त की गई एग्जाम को एक महीने में करवाए। उधर मप्र कांग्रेस के मीडिया एडवाइजर पीयूष बबेले ने ट्विटर पर लिखा, ‘मध्यप्रदेश में चुनावी वर्ष में एक बार फिर से शिवराज सरकार ने व्यापम जैसे घोटालों को हवा दे दी है। ग्वालियर में नर्स भर्ती परीक्षा का प्रश्न पत्र परीक्षा से 1 दिन पहले ही आउट हो गया। मिस्टर घोटाला की सरकार में मुन्ना भाई खुला खेल खेल रहे हैं। अभ्यर्थियों ने जमकर हंगामा किया।’

भोपाल में सैम कॉलेज के बाहर प्रदर्शन

NHM एमपी की संविदा स्टाफ नर्स भर्ती परीक्षा का एक परीक्षा केंद्र भोपाल के सैम कॉलेज में बनाया गया था। यहां दोपहर की पारी में स्टूडेंट्स को एग्जाम हॉल में बिठा लिया गया। परीक्षा, जब तय समय पर शुरू नहीं हुई तो उम्मीदवारों ने एग्जाम हॉल में ड्यूटी कर रहे पर्यवेक्षकों से पूछताछ की। उम्मीदवारों को पहले तो पर्यवेक्षकों ने एग्जाम सर्वर स्लो होने का हवाला दिया। करीब 10 मिनट बाद परीक्षा निरस्त होने की सूचना सभी उम्मीदवारों को दे दी। इससे नाराज परीक्षार्थियों ने भोपाल के रायसेन रोड स्थित सैम कॉलेज के बाहर विराेध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया।

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