हमने पिता के कंधों पर बेटियों को देखा होगा, लेकिन गुरुवार को एक बेटी के कंधों पर पिता को देखकर हर कोई हैरान रह गया। बेटी पिता के इलाज की आस लिए विधायक ओमकार मरकाम के घर पहुंची थी। विधायक ने एम्बुलेंस से बेटी और पिता को जिला अस्पताल भिजवाया। जिला अस्पताल प्रबंधन ने मरीज को इलाज के लिए जबलपुर रेफर कर दिया है। 18 वर्षीय बेटी अपने भाई के साथ पढ़ाई छोड़कर अपने पिता की जिंदगी बचाने की जिद में लगी है।
अमरपुर विकासखंड के बिलगांव के रहने वाले शिव प्रसाद वनवासी ने बताया कि तीन महीने पहले बीमार पत्नी सोमती बाई का इलाज कराने भोपाल गया था। मैं खुद भी सात महीने से गैंगरीन से पीड़ित हूं। ढाई महीने पहले पत्नी की मौत हो गई। घर में 70 साल की मेरी बूढ़ी मां उजरिया बाई बची हैं। मेरी बेटी रंजीता बाई और बेटा राजकुमार मेरे इलाज के लिए दर-दर भटक रहे हैं।
जमीन पर सो कर गुजारी रात
रंजीता ने बताया कि पिता के इलाज के लिए भोपाल, जबलपुर तक घूम कर आ गए। देर शाम डिंडौरी जिला अस्पताल में इलाज कराने पहुंचे, तो वहां बिस्तर तक नसीब नहीं हुआ। तीनों जमीन में सो कर रात गुजारी है और सुबह विधायक से मदद मांगने पहुंचे।
डिंडौरी विधायक ओमकार मरकाम जिला अस्पताल में पुरुष वार्ड में भर्ती मरीज को देखने पहुंचे।
मरीज को देखने जिला अस्पताल पहुंचे विधायक
डिंडौरी विधायक ओमकार मरकाम जिला अस्पताल में पुरुष वार्ड में भर्ती मरीज को देखने पहुंचे। मरीज ने बताया कि उसका अभी तक इलाज शुरू नहीं हो पाया है। इसके बाद विधायक ने फोन पर डॉक्टर से बात की और जल्दी इलाज शुरू करने की बात कही है।
विधायक ने प्रदेश सरकार पर साधा निशाना
पूर्व मंत्री एवं डिंडौरी विधायक ओमकार मरकाम ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि सरकार अमृत काल आजादी का 75वां महोत्सव मना रही है। यह दुर्भाग्य देखिए कि मजबूर बेटी पिता को कंधे में रखकर इलाज के लिए भटक रही है। उसे इलाज नहीं मिल पा रहा है। जब इस मामले में जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर अजय राज से बात करने की कोशिश की, तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।