छत्तीसगढ़ में करीब डेढ़ माह पहले शुरू हुई देश की सबसे तेज चलने वाली वंदेभारत एक्सप्रेस ट्रेन पर एक बार फिर पथराव कर दिया गया। यह घटना महाराष्ट्र के कामठी स्टेशन के पास हुई है। पत्थरबाजी से कोच सी-6 के विंडो का शीशा टूट गया है। इस घटना की जानकारी होने के बाद आरपीएफ की टीम मौके पर पहुंच गई और आधा दर्जन लड़कों को पकड़ ली। हालांकि, उन्हें समझाइश के साथ चेतावनी देकर छोड़ दिया गया।
इस ट्रेन के शुरू होने के पहले जब रैक चेन्नई से पहली बार बिलासपुर आई, तब भी किसी ने पथराव कर दिया था। तब रेलवे ने कोई कार्रवाई नहीं की थी। इसके बाद ट्रेन शुरू होने के महज सप्ताह भर के भीतर फिर से पथराव कर दिया गया। इस बार भिलाई स्टेशन के पास पत्थरबाजी हुई, जिससे विंडो का शीशा टूट गया। आरपीएफ ने इस मामले में केस भी दर्ज किया है। लेकिन, अब तक पत्थरबाजों को नहीं पकड़ पाई है।
पथराव से विंडो का शीशा टूट गया।
नागपुर से निकलते ही कामठी स्टेशन में हुआ पथराव
बताया जा रहा है कि रविवार को दोपहर यह ट्रेन नागपुर से छूटकर अपनी निर्धारित गति 130 की स्पीड से धड़धड़ाती हुई चल रही थी। अभी ट्रेन कामठी स्टेशन के पास से गुजर रही थी। तभी अचानक पथराव कर दिया गया। पत्थर लगने से कोच सी-6 के विंडो का शीशा टूट गया। इस घटना की जानकारी आरपीएफ को दी गई। जानकारी मिलते ही आरपीएफ की टीम मौके पर पहुंच गई। जांच के दौरान पता चला कि खेलते समय गांव के कुछ लड़कों ने पथराव किया था। इस केस में आरपीएफ ने आधा दर्जन लड़कों को पकड़ा था, जिन्हें सख्त चेतावनी के साथ समझाइश देकर छोड़ दिया गया।
लड़कों के पैरेंट्स पर कार्रवाई करने दी चेतावनी
इस दौरान आरपीएफ की टीम की ओर से लड़कों को पकड़े जाने की खबर मिलते ही ग्रामीण और उनके पैरेंट्स भी पहुंच गए। टीम से उन्होंने बच्चों को छोड़ने की आग्रह किया और भरोसा दिलाया कि अब की बार कोई भी बच्चे ट्रेन में पथराव नहीं करेंगे। इस दौरान आरपीएफ की टीम ने बच्चों के पथराव करने पर उनके पैरेंट्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी दी।
हाईटेक ट्रेन की सुरक्षा का नहीं है इंतजाम, लगातार हो रहा है पथराव।
जागरूकता अभियान का भी नहीं हो रहा असर
वंदेभारत ट्रेन में लगातार हो रही पत्थरबाजी की घटना को रोकने के लिए आरपीएफ की रेलवे ट्रैक के किनारे झुग्गी बस्ती में रहने वाले लोगों को समझाइश देने के लिए जागरूकता अभियान भी चला रही है। भिलाई में करीब एक माह पहले हुई घटना के बाद आरपीएफ की टीम मौके पर पहुंची थी। इस दौरान उन्होंने रेलवे ट्रैक के किनारे रहने वाले लोगों से पूछताछ कर जानकारी जुटाई। लेकिन, पत्थरबाजों का कुछ पता नहीं चल सका है। टीम ने रेलवे ट्रैक के किनारे रहने वाले लोगों को समझाइश के साथ चेतावनी भी दी है। लेकिन आरपीएफ की समझाइश का लोगों पर कोई असर नहीं हो रहा है।
पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं.. नीचे पढ़ें
एक महीने पहले छत्तीसगढ़ में शुरू हुई देश की सबसे तेज चलने वाली वंदेभारत एक्सप्रेस ट्रेन पर भिलाई स्टेशन में पथराव कर दिया गया, जिससे ट्रेन की विंडो का शीशा टूट गया था। आरपीएफ ने इस मामले में केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू की। वहीं, इस घटना की जांच करने पहुंची टीम ने रेलवे ट्रैक किनारे रहने वाले लोगों को समझाइश के साथ चेतावनी भी दी थी। इस ट्रेन की रैक चेन्नई से पहली बार बिलासपुर आई, तब भी किसी ने पथराव कर दिया था। तब रेलवे ने कोई कार्रवाई नहीं की थी।
पत्थरबाजी में ट्रेन का शीशा टूटा।
जानकारी के अनुसार ट्रेन नागपुर से अपने तय समय पर निकली थी। ट्रेन अपने निर्धारित गति से भिलाई नगर रेलवे स्टेशन से पावर हाउस स्टेशन के बीच पहुंची थी कि अचानक तेज आवाज आई। इससे यात्री घबरा गए और दहशत में आ गए। बाद में पता चला कि ट्रेन में पथराव किया गया है, जिससे ई-1 कोच की सीट नंबर एक के पास खिड़की का कांच टूट गया।
रेलवे सुरक्षा बल ने दर्ज किया केस, मौके पर पहुंच कर दी समझाइश
पत्थरबाजी की इस घटना के बाद गुरुवार को आरपीएफ की टीम मौके पर पहुंची थी। इस दौरान उन्होंने रेलवे ट्रैक के किनारे रहने वाले लोगों से पूछताछ कर जानकारी जुटाई। लेकिन, पत्थरबाजों का कुछ पता नहीं चल सका है। आरपीएफ ने पथराव करने वाले अज्ञात लोगों के खिलाफ रेलवे एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया है। इसके साथ ही मुखबिरों के जरिए पत्थरबाजों की जानकारी जुटाई जा रही है। इस दौरान टीम ने रेलवे ट्रैक के किनारे रहने वाले लोगों को समझाइश के साथ चेतावनी भी दी है। लोगों से कहा गया है कि इस तरह की पत्थरबाजी की घटना को रोकने में रेलवे की मदद करें और ऐसा करने वालों को भी समझाइश देकर जागरूक करें।
160 किमी प्रतिघंटे की है रफ्तार
वंदेभारत ट्रेन भारत में सबसे तेज चलनी वाली गाड़ी है। यह ट्रेन सिर्फ 52 सेकेंड में 100 किलोमीटर प्रतिघंटे की स्पीड पकड़ लेती है। इसकी हाई-स्पीड 180 किमी प्रतिघंटे है। फिलहाल, इसे रेलवे 160 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से चला रही हैं, जिसे 200 किलोमीटर प्रति घंटे तक ले जाने का प्लान है। मगर बिलासपुर नागपुर रूट पर 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलाई जाएगी। इसके लिए ट्रायल भी हो चुका है। यह ट्रेन पूरी तरह से वातानुकूलित और इसमें ऑटोमेटिक गेट लगे हैं। इस ट्रेन में सिक्योरिटी के लिहाज से सीसीटीवी भी लगाए गए हैं। इस ट्रेन के लगेज रैक में एलईडी डिफ्यूज लाइट्स लगी हैं, जो अक्सर विमानों में लगी होती हैं।
वंदे भारत एक्सप्रेस एक सेमी-हाई स्पीड ट्रेन है और यह अपने पुराने रूप से भी बेहतर है। नई वंदे भारत ट्रेनों में यात्रा को सुरक्षित और अधिक आरामदायक बनाने के लिए कई बदलाव किए गए हैं। इसमें रिक्लाइनिंग सीट लगाई गई है। इसमें ऑटोमेटिक फायर सेंसर की व्यवस्था की गई है। इसमें वाईफाई सुविधा के साथ ऑन-डिमांड कंटेंट की व्यवस्था है। इस अपग्रेडेड ट्रेन में तीन घंटे का बैटरी बैकअप है। पहले यह बैकअप एक घंटे का था।
सिक्योरिटी से लैस वंदेभारत ट्रेन
- इंजन: ट्रेन सेल्फ प्रोपेल्ड इंजन युक्त होगी, यानी इसमें अलग से इंजन नहीं होता है। आगे और पीछे, दोनों तरफ लोको पायलट केबिन बने होंगे।
- जीपीएस: ट्रेन में जीपीएस सिस्टम लगा होने से इसकी लोकेशन मोबाइल पर भी चेक कर सकेंगे। मोबाइल एप पर ट्रेन का टाइम व लोकेशन शो होगी।
- सीसीटीवी: सिक्योरिटी के लिहाज से सीसीटीवी भी लगे होंगे।
- वैक्यूम बेस्ड बायो टायलेट: कोच के टॉयलेट वैक्यूम बेस्ड बायो टायलेट होंगे। जैसे फ्लाइट में होते हैं। इससे टॉयलेट क्लीन रहेंगे।
- इमरजेंसी पुश बटन: कोच में इमरजेंसी पुश बटन होगा, इससे किसी भी तरह की इमरजेंसी होने पर दबा सकेंगे।
- यूरोपियन स्टाइल चेयर : एग्जीक्यूटिव क्लास की चेयर यूरोपियन स्टाइल की आरामदेह सीट है, जो गोल्डन, वायलेट और पिंक कलर में होती है।
- फ्लाइट जैसी लगेज रैक : इस ट्रेन के लगेज रैक में एलईडी डिफ्यूज लाइट्स लगी हैं, जो अक्सर विमानों में लगी होती हैं।