टाइगर रिजर्व के किशनगढ़ वन परिक्षेत्र की बसुधा वीट में बीते दिनों करंट से बाघ के शिकार मामले पीटीआर की टीम ने पहले दो आरोपियों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया है। वहीं एक आरोपी फरार चल रहा था। जिसे पकड़ने गई टीम ने आरोपी के घर से वन्य जीवों के अवशेष व बड़ी मात्रा में सागौन की बेशकीमती लकड़ी बरामद की है। वहीं आरोपी की तलाश जारी है।
जानकारी के अनुसार पन्ना टाइगर क्षेत्र अंतर्गत वन परिक्षेत्र किशनगढ़ रेंज की बसुधा बीट के कक्ष क्र. 521 में एक युवा बाघ की मौत 3 जनवरी को हुई थी।जिसके बाद 4 जनवरी को पीटीआर की टीम ने बाघ का पोस्टमॉर्टम उपरांत अंतिम संस्कार कर दिया था। साथ ही जंगल में तार बिछाकर करंट फैलाने वाले आरोपियों की तलाश शुरु कर दी थी।
जिसके बाद किशनगढ़ रेंज के रेंजर ने अपनी टीम के साथ मामले में शिकारियों की धर पकड़ की और चार आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था। वहीं एक मुख्य आरोपी फरार चल रहा था।जिसके घर 26 जनवरी को पीटीआर की टीम ने छापेमार कार्रवाई की।
बता दें कि इस मामले में वन परिक्षेत्र अधिकारी अरविंद केन मुखबिर की सूचना के आधार पर बाघ के शिकार मामले में फरार चल रहे आरोपी बिहारी आदिवाशी के घर छापेमार कार्रवाई की गई है। जहां से करीब 1 घनमीटर सागौन की 38 नग बेशकीमती लकड़ी जिसकी अनुमानित कीमत लगभग 80 हजार है जब्त की गई है। वहीं आरोपी की तलाश अभी भी जारी है।
इसके साथ ही कुछ वन्य जीवों के अवशेष भी बरामद किए गए हैं। उक्त कार्रवाई में वन परिक्षेत्र अधिकारी अरविंद केन के साथ सहायक परिक्षेत्र अधिकारी महेंद्र गोश, ख़ूबचद्र मरावी, प्रभु सिंह गौंड, माखन लोधी, चंद्रभान ठाकुर, रामशरण दांगी, प्रियांश गुप्ता, प्रहलाद बुंदेला, केलाश अहिरवार, राय सिंह कुशवाहा सहित सुरक्षा श्रमिकों की भूमिका रही।