भोपाल। सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को मिलने वाले मिड-डे मील यानी दोपहर के भोजन को लेकर कई प्रकार की शिकायतें मिलतीं हैं। खाने की क्वालिटी को लेकर बच्चे शिकायत करते हैं, स्कूल शिक्षा विभाग से लेकर स्थानीय प्रशासन इन समस्याओं से परेशान रहता है। इसको लेकर राजधानी भोपाल में अच्छी पहल शुरू की गई है।
भोपाल के शाहपुरा इलाके में मप्र की पहली मैकेनाइज्ड किचन शुरू हुई है। अक्षयपात्र फाउंडेशन ने एचईजी मंडीदीप के सीएसआर फंड से करीब 12 करोड़ रुपए में यह हाईटेक किचन सेटअप तैयार किया है। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने आज इसका उद्घाटन किया।
एक घंटे में 20 हजार रोटियां हाेंगी तैयार
अक्षयपात्र फाउंडेशन की किचन में पूरा खाना हाईजीनिक तरीके से बनाया जाएगा। इस किचन में सब्जियां छीलने काटने से लेकर आटा गूंथने और रोटियां सेंकने तक का पूरा प्रोसेस मशीनों के जरिए होगा। इस किचन में लगी मशीन एक घंटे में 20 हजार रोटियां बना सकती है। एक बार में 12 हजार लीटर दाल, 125 किलो चावल पक सकेंगे। इस किचन में करीब डेढ़ सौ कर्मचारी प्रतिदिन काम करेंगे।
देश की 66वीं रसोई, एमपी की पहली
अक्षयपात्र फाउंडेशन अब तक देश भर में 65 रसोइयां तैयार कर चुका है। भोपाल में यह 66 वीं रसोई 12 करोड रुपए में तैयार की गई है। अक्षयपात्र फाउंडेशन के अफसरों ने बताया कि यह रसोई दो साल पहले बनकर तैयार हो गई थी लेकिन कोरोना के संकट के कारण स्कूलों के बंद होने के चलते इसकी शुरुआत नहीं हो सकी। सरकार की ओर से प्रति छात्र मिलने वाले 7 रुपए के अलावा भोजन की लागत का पैसा एचईजी अक्षयपात्र फाउंडेशन को तीन साल तक मुहैया कराएगा। भोपाल के शाहपुरा थाने के पीछे करीब एक एकड़ जमीन में यह रसोई बनाई गई है।
भोपाल के 900 स्कूलों के 48 हजार बच्चों को मिलेगा गर्म खाना
अक्षयपात्र फाउंडेशन के भोपाल सेंटर के इंचार्ज वीरेन्द्र सिंह ने बताया कि संत हिरदाराम नगर (बैरागढ़) से लेकर मंडीदीप तक भोपाल जिले की 40 किलोमीटर की सीमा में करीब 900 सरकारी स्कूलों के 48 हजार बच्चों को रोजाना पका हुआ गर्म खाना उपलब्ध कराया जाएगा। किचन से स्कूल तक भोजन पहुंचाने के लिए करीब 19 लोडिंग वैन तैनात रहेंगी।