नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल काॅलेज की बड़ी लापरवाही सामने आई है। मेडिकल कॉलेज में पदस्थ डाक्टरों ने सड़क दुर्घटना में घायल दो लड़कियसों को ठंड में शनिवार सुबह बाहर कर दिया। लड़कियों के परिजनों के मुताबिक डाक्टरों का कहना था कि उनकी बच्चियों को सामान्य चोटें हैं। ऐसे में आप लोग बाहर जाए। परिजनों ने घायल दोनों बच्चियों को बाहर ले आए। पेड़ के नीचे दोनों बच्चियों को लिटाए रखा। सूचना विधायक को दी, तो वह भी पहुंचे, जहां उन्होंने अधीक्षक से बहस की।
दरअसल, शुक्रवार शाम बम्हनी गांव की रहने वाली चार लड़कियां बरगी से गांव जा रही थीं, तभी उन्होंने पिकअप वाहन से लिफ्ट ली। गाड़ी सुकरी पहुंची, तो लड़कियों ने गाड़ी रुकवाई, पर जब गाड़ी नहीं रुकी, तो चारों चलती गाड़ी से कूद गईं। घटना में घायल हुई लड़कियों को पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से 108 के माध्यम से शुक्रवार को मेडिकल अस्पताल में भर्ती करवाया गया था।
एक लड़की को शुक्रवार रात अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी। एक को मेडिकल सुपर स्पेशलिस्ट वार्ड में भर्ती किया गया, जबकि दो की हालत सामान्य बताकर शनिवार सुबह 6 बजे ठंड में ही उन्हें बाहर कर दिया। घटना से नाराज परिजनों ने मेडिकल काॅलेज में इलाज करवाने से मना कर दिया।
परिजनों का कहना है कि कल रात से बच्चियों के इलाज में ध्यान नहीं दिया गया। आज सुबह दोनों ही बच्चियों को यह कहकर बाहर कर दिया कि इनको भर्ती करने की जरूरत नहीं है।
बरगी विधायक संजय यादव ने घटना कि निंदा की है। उन्होंने कहा कि यह दुखद है।विधायक ने कहा कि बच्चियों का इलाज करने की जगह इन्हें बाहर कर दिया, यह गलत है। विधायक ने मांग कि है कि ऐसे डाक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
मेडिकल काॅलेज में बाहर पेड़ के नीचे घायल बच्चियों के विषय में जब विधायक संजय यादव ने मेडिकल अधीक्षक डॉ. अरविंद शर्मा से बात की, तो उन्होंने गलती मानी। कहा कि जिन डाक्टरों ने बच्चियों के साथ ऐसा बर्ताव किया है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मेडिकल अधीक्षक ने लड़कियों को दोबारा भर्ती करवाया।