रायपुर । जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) की कोर कमिटी ने एक निर्णय लिया है। अपनी ही पार्टी के विधायक दल के नेता वरिष्ठ विधायक ठाकुर धर्मजीत सिंह पर अनुसूचित जाति, जनजाति, गरीब अति पिछड़ा वर्ग समाज की उपेक्षा सहित अजीत जोगी के सिद्धांतों के विरुद्ध कार्य करने के कारण पार्टी से निष्कासित करते हुए अंतिम निर्णय पार्टी सुप्रीमो डॉ. रेणु जोगी पर छोड़ दिया है।
ज्ञात हो कि विधायक धर्मजीत सिंह को पार्टी संस्थापक अजीत जोगी ने बहुत ही विश्वास के साथ पार्टी विधायक दल का नेता बनाया था परंतु विगत लगभग एक वर्ष से, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के कार्यकर्ताओं द्वारा पार्टी नेतृत्व के संज्ञान में यह शिकायत लगातार लायी जा रही थी कि जेसीसीजे के लोरमी विधानसभा से विधायक धरमजीत सिंह अनुसूचित जाति, जनजाति, गरीब पिछड़ा वर्ग से संबंधित पार्टी के स्थानीय कार्यकर्ताओं एवं लोगों को दरकिनार कर लगातार उनकी उपेक्षा कर रहे हैं और एक वर्ग विशेष के लोगों को ही महत्व दे रहे हैं। विधायक धर्मजीत सिंह लगातार अन्य दल के संपर्क में रहकर अपने निजी स्वार्थ का ताना बाना बुनने में लगे रहे है। इन शिकायतों के संदर्भ में, पूर्व में अनेकों बार विधायक धर्मजीत सिंह के साथ चर्चा भी की गयी किन्तु उनके आचरण और विचार में कोई बदलाव नहीं आया।
छत्तीसगढ़ की जनता यह भलीभांति जानती है कि विधायक धर्मजीत सिंह को 2018 के चुनावों में जीत अजीत जोगी के नाम और काम की बदौलत प्राप्त हुई थी। और उन्होंने अजीत जोगी के ‘समाजिक न्याय’ और ‘छत्तीसगढ़ प्रथम’ के सिद्धांतों के विपरीत काम किया है। यह भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय षड़यंत्र का परिणाम है, जिसके अंतर्गत देश के सभी क्षेत्रीय दलों को एक एक कर नष्ट करने की योजना पर काम किया जा रहा है।
जिस पार्टी के चिन्ह पर चुनाव जीते और विधायक बने, उसी पार्टी की नीतियों को त्यागने तथा छत्तीसगढ़वाद की क्षेत्रीय विचारधारा को मिटाने का प्रयास करने के कारणवश, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) लोरमी विधायक धरमजीत सिंह को छः वर्षों के लिए पार्टी से निष्कासित करती है। धरमजीत सिंह के पार्टी से निष्कासन की सूचना विधानसभा अध्यक्ष महोदय को सूचना दे दी गई है। धर्मजीत सिंह को निष्कासित करने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित करते हुए इस विषय में अंतिम निर्णय लेने के लिए जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) की राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. रेणु जोगी को अधिकृत करती है।